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एस जयशंकर का बड़ा बयान: आतंकवादियों पर हमला वहीं करेंगे, जहां वे हैं – पाकिस्तान को चेतावनी

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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत आतंकवाद का अंत चाहता है। पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादियों पर भारत सर्जिकल स्ट्राइक करेगा। ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है और पाकिस्तान को इसका पूर्ण ज्ञान है।

S Jaishankar Message: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में पाकिस्तान को लेकर एक सख्त और स्पष्ट संदेश दिया है। उन्होंने साफ किया है कि अगर पाकिस्तान से फिर कोई आतंकी हमला होता है, तो भारत आतंकवादियों पर उसी जगह हमला करेगा जहां वे मौजूद हैं – चाहे वह पाकिस्तान के बड़े शहर ही क्यों न हों। यह बयान उन्होंने नीदरलैंड दौरे के दौरान इंटरव्यू में दिया।

भारत का आतंक के खिलाफ स्पष्ट स्टैंड

एस. जयशंकर ने कहा कि भारत आतंकवाद का “निश्चित रूप से अंत” चाहता है। उन्होंने ये भी बताया कि पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहे कई आतंकी, जो संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध सूची में शामिल हैं, देश के बड़े शहरों में सक्रिय हैं और उन्हें सरकार व सेना का समर्थन प्राप्त है।

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि अगर पाकिस्तान यह मानता है कि उसे पता नहीं है कि उसके देश में क्या चल रहा है, तो यह एक भ्रम है। भारत को आतंकियों की location, उनकी गतिविधियां और आपसी संपर्क सब मालूम हैं।

ऑपरेशन सिंदूर क्यों अभी खत्म नहीं हुआ

जयशंकर ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है, क्योंकि यह केवल एक जवाबी कार्रवाई नहीं है, बल्कि एक साफ संदेश भी है। उन्होंने कहा कि यदि 22 अप्रैल जैसे आतंकी हमले दोबारा होते हैं, तो भारत फिर से आतंकवादियों पर सर्जिकल स्ट्राइक करेगा।

“हम वहीं प्रहार करेंगे, जहां वे हैं,” – एस. जयशंकर

22 अप्रैल का पहलगाम हमला और भारत की प्रतिक्रिया

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, भारत ने 6 और 7 मई की दरम्यानी रात ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में नौ आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर सटीक हमला किया।

इन हमलों के बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना ने उसका कड़ा जवाब दिया।

संघर्षविराम पर भारत-पाक की सहमति कैसे बनी?

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने 10 मई को घोषणा की कि भारत और पाकिस्तान ने भूमि, वायु और समुद्र पर सभी प्रकार की सैन्य कार्रवाइयों को तत्काल रोकने पर सहमति जताई है।

एस. जयशंकर ने इस बात की पुष्टि की कि यह सहमति भारत और पाकिस्तान के बीच सीधे संवाद से बनी थी, न कि अमेरिका जैसे किसी तीसरे देश की मध्यस्थता से। हालांकि अमेरिका ने कहा कि उसने संघर्षविराम में भूमिका निभाई, लेकिन भारत ने स्पष्ट किया कि बातचीत सीधे दोनों देशों के बीच हुई थी।

अमेरिका से हुई बातचीत का खुलासा

जयशंकर ने इंटरव्यू में बताया कि जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर था, तब कई देशों ने भारत से संपर्क किया और अपनी चिंता जाहिर की। लेकिन भारत ने साफ कर दिया कि किसी भी निर्णय पर पहुंचने के लिए पाकिस्तान को सीधे भारत से बात करनी होगी।

“अगर पाकिस्तान को लड़ाई बंद करनी है तो उन्हें हमें बताना होगा... और उन्होंने ऐसा ही किया।” – एस. जयशंकर

पाकिस्तान को समझना होगा – नतीजे भुगतने होंगे

विदेश मंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर पाकिस्तान की जमीन से आतंकवादी गतिविधियां जारी रहीं तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। उन्होंने दोहराया कि यह संघर्षविराम स्थायी नहीं है, बल्कि एक चेतावनी है।

“हम आतंकवाद का निश्चित अंत चाहते हैं। अगर फिर ऐसा हमला होता है, तो हम फिर से हमला करेंगे।” – एस. जयशंकर

पाकिस्तान में छिपे आतंकवादियों का नेटवर्क

जयशंकर के अनुसार पाकिस्तान में कई आतंकवादी खुलेआम घूम रहे हैं और वहां की सरकार व सेना उन्हें संरक्षण दे रही है। उन्होंने इंटरव्यू में कहा, “उनके पते मालूम हैं। उनकी गतिविधियां और संपर्क नेटवर्क भी ज्ञात हैं।”

इससे यह साफ होता है कि भारत को पाकिस्तान के अंदरूनी हालात की गहरी जानकारी है और उसने अपनी सुरक्षा नीति को उसी अनुसार तैयार किया है।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत का संदेश

भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी साफ संदेश दिया है कि अब भारत सिर्फ डिफेंसिव नहीं रहेगा। अगर भारत पर हमला होता है तो जवाब सीमित नहीं होगा। जयशंकर के मुताबिक भारत अब proactive strategy अपनाएगा – यानी हमला वहीं होगा, जहां से खतरा पैदा हो रहा है।

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