गुजरात उपचुनाव में आम आदमी पार्टी दोनों सीटों पर चुनाव लड़ेगी। विसवादर से गोपाल इटालिया का नाम आगे है। कड़ी सीट पर उम्मीदवार के चयन के लिए ईसुदान गढ़वी ने क्षेत्र का दौरा किया।
Gujarat by-Elections: गुजरात में होने जा रहे विधानसभा उपचुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस चुनाव को लेकर अपनी रणनीति साफ कर दी है। पार्टी ने घोषणा की है कि वह विसवादर और कड़ी, दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवार मैदान में उतारेगी। खास बात यह है कि विसवादर सीट पर पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया का नाम सबसे आगे चल रहा है। वहीं कड़ी सीट पर उम्मीदवार चयन को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता ईसुदान गढ़वी आज दौरा करेंगे और स्थानीय नेताओं के साथ चर्चा करेंगे। पार्टी का कहना है कि मजबूत और स्थानीय चेहरे को ही टिकट दिया जाएगा, ताकि जनता के बीच विश्वसनीयता बनी रहे।
विसवादर सीट: AAP के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई
विसवादर विधानसभा सीट, जो जूनागढ़ जिले में स्थित है, दिसंबर 2023 से खाली है। यह सीट पहले से आम आदमी पार्टी के पास थी। यहां के पूर्व विधायक भूपेंद्र बयाना ने AAP छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था। ऐसे में पार्टी के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का सवाल बन चुकी है।
पार्टी हर हाल में इस सीट को फिर से जीतना चाहती है। गोपाल इटालिया का नाम इस सीट के लिए सबसे मजबूत उम्मीदवार के तौर पर सामने आया है। इटालिया पहले भी प्रदेश अध्यक्ष के रूप में सक्रिय रहे हैं और उन्होंने संगठन को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ऐसे में माना जा रहा है कि पार्टी उन्हें विसवादर से उम्मीदवार बना सकती है। हालांकि, अंतिम फैसला पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के हाथ में होगा।
कड़ी सीट पर भी पार्टी की नजर
मेहसाणा जिले की कड़ी विधानसभा सीट, जो अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित है, भी इस उपचुनाव में चर्चा में है। यह सीट फरवरी 2024 से खाली है, जब भाजपा विधायक करण सोलंकी का निधन हुआ था। आम आदमी पार्टी के लिए यह सीट एक नए मौके की तरह है, जहां वह अपनी राजनीतिक मौजूदगी दर्ज कराना चाहती है। कड़ी सीट पर उम्मीदवार चयन को लेकर ईसुदान गढ़वी आज क्षेत्र का दौरा करेंगे। गढ़वी खुद गुजरात में पार्टी का बड़ा चेहरा हैं और उन्होंने कहा है कि पार्टी जनता को एक मजबूत विकल्प देने के लिए प्रतिबद्ध है। उनका कहना है कि उम्मीदवार का चयन पूरी तरह से क्षेत्रीय जरूरतों और जनता की मांगों को ध्यान में रखकर किया जाएगा।
AAP-कांग्रेस गठबंधन की अटकलों पर विराम
कुछ समय पहले तक यह कयास लगाए जा रहे थे कि गुजरात में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस उपचुनाव के लिए हाथ मिला सकते हैं। लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनावों में दोनों पार्टियों के बीच बढ़ी तल्खी और मतभेदों के बाद यह संभावना लगभग खत्म हो गई है। AAP ने साफ कर दिया है कि वह गुजरात में कांग्रेस के साथ किसी प्रकार का गठबंधन नहीं करेगी।
ईसुदान गढ़वी ने साफ शब्दों में कहा है कि आम आदमी पार्टी अपनी रणनीति के तहत दोनों सीटों पर चुनाव लड़ेगी और जनता को एक मजबूत विकल्प देगी।
मुकाबले की तैयारियों में जुटी AAP
आम आदमी पार्टी के इस फैसले से यह साफ हो गया है कि गुजरात की राजनीति में वह अपनी जड़ें और मजबूत करना चाहती है। पार्टी का कहना है कि वह सिर्फ चुनाव नहीं लड़ रही, बल्कि जनता के मुद्दों पर काम कर रही है। पार्टी का फोकस शिक्षा, स्वास्थ्य और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई पर रहेगा। AAP के सूत्रों के अनुसार, उम्मीदवारों के नामों की घोषणा जल्द कर दी जाएगी, ताकि मैदान में उतरने से पहले पूरी रणनीति तैयार की जा सके।
जनता के बीच पैठ बनाने की कोशिश
गुजरात के इन दोनों उपचुनाव में आम आदमी पार्टी सिर्फ अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए नहीं उतर रही है, बल्कि वह जनता के बीच एक विकल्प के रूप में खुद को स्थापित करने की कोशिश कर रही है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि भाजपा और कांग्रेस से अलग, AAP ही एक ऐसी पार्टी है जो जनता की असली समस्याओं पर बात करती है। पार्टी का दावा है कि वह गुजरात के हर कोने में पहुंचकर लोगों के मुद्दों को उठाएगी और सच्चाई के साथ काम करेगी।