शशि थरूर के नेतृत्व में भारतीय डेलिगेशन ने गुयाना के प्रधानमंत्री मार्क एंथनी फिलिप्स से मुलाकात की। आतंकवाद के खिलाफ भारत को समर्थन और निवेश बढ़ाने की बात कही गई।
बर्बिस: भारत और गुयाना के बीच रिश्ते मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में सर्वदलीय भारतीय डेलिगेशन ने गुयाना के प्रधानमंत्री ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) मार्क एंथनी फिलिप्स से मुलाकात की है। इस दौरान प्रधानमंत्री फिलिप्स ने न केवल भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने की बात कही बल्कि आतंकवाद के मुद्दे पर भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि गुयाना आतंकवाद के हर कृत्य की कड़ी निंदा करता है और कानून के शासन में विश्वास रखता है।
गुयाना के प्रधानमंत्री ने भारत को निवेश का दिया न्योता
गुयाना के प्रधानमंत्री मार्क एंथनी फिलिप्स ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल से बातचीत के दौरान कहा कि उनका देश भारत की कंपनियों के निवेश का स्वागत करता है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत और गुयाना के बीच सहयोग बढ़ा है और भविष्य में यह और मजबूत होगा।
प्रधानमंत्री फिलिप्स ने कहा कि वह भारत के सांसदों के दौरे का दिल से स्वागत करते हैं। इस मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री फिलिप्स ने खासतौर पर भारत के साथ व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने पर जोर दिया।
आतंकवाद पर क्या बोले गुयाना के प्रधानमंत्री
गुयाना के प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के मुद्दे पर साफ शब्दों में कहा कि उनका देश आतंकवाद के किसी भी स्वरूप को स्वीकार नहीं करता। उन्होंने कहा कि प्रत्येक देश और नागरिक को अपने देश में शांति और सुरक्षा के साथ रहने का अधिकार है। इसके लिए सभी देशों को मिलकर आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाना चाहिए। प्रधानमंत्री फिलिप्स ने यह भी स्पष्ट किया कि गुयाना, भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पूरी तरह से साथ खड़ा है।
शशि थरूर ने जताया आभार
गुयाना के प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि वह प्रधानमंत्री फिलिप्स के गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए बहुत आभारी हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने उन्हें डिनर के लिए आमंत्रित किया था और उनकी कैबिनेट के कई सदस्य भी इस दौरान मौजूद थे। शशि थरूर ने कहा कि हमारी बातचीत बहुत सकारात्मक रही। हमने आतंकवाद के मुद्दे पर भी चर्चा की और पाया कि गुयाना इस मसले पर भारत के साथ पूरी मजबूती से खड़ा है।
तेजस्वी सूर्या ने कहा – गुयाना ने हर मंच पर भारत का समर्थन किया
इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने भी मुलाकात के बाद बयान दिया। उन्होंने कहा कि गुयाना के प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति दोनों ने भारत के पक्ष में स्पष्ट रूप से अपना समर्थन जताया है। उन्होंने कहा कि गुयाना ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी भारत का साथ दिया और भारत के जवाबी कार्रवाई के अधिकार का समर्थन किया।
तेजस्वी सूर्या ने कहा कि गुयाना न केवल CARICOM के संस्थापक सदस्य के तौर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, बल्कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी भारत के पक्ष में आवाज उठाता है। उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले के बाद गुयाना के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने न केवल हमले की निंदा की, बल्कि भारत के जवाबी कदम का भी समर्थन किया था।
मिलिंद देवड़ा ने कहा – भारत और गुयाना के रिश्ते ऐतिहासिक
शिवसेना सांसद मिलिंद देवड़ा, जो इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे, ने भी अपने बयान में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत के सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल दुनियाभर में यह संदेश देने के लिए गए हैं कि भारत आतंकवाद के खिलाफ है और जरूरत पड़ी तो भारत करारा जवाब देने से पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने कहा कि गुयाना और भारत के बीच ऐतिहासिक संबंध हैं और इस रिश्ते को और मजबूत किया जाएगा। मिलिंद देवड़ा ने गुयाना के 59वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर वहां मौजूद रहकर अपनी खुशी जाहिर की और कहा कि वह भारत के सभी नागरिकों की ओर से गुयाना की सरकार और वहां की जनता को शुभकामनाएं देते हैं।
भारत-गुयाना का रिश्ता
भारत और गुयाना के बीच लंबे समय से गहरे रिश्ते हैं। गुयाना में बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग रहते हैं और दोनों देशों के बीच आर्थिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक सहयोग लगातार बढ़ रहा है। गुयाना कैरेबियाई देशों के संगठन CARICOM का एक महत्वपूर्ण सदस्य है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भी भारत का समर्थन करता रहा है। ऐसे में यह मुलाकात भारत की विदेश नीति और रणनीतिक हितों के लिहाज से काफी अहम मानी जा रही है।