कांग्रेस ने ऑपरेशन सिंदूर और सीजफायर मुद्दे पर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है, मगर विपक्षी दलों के समर्थन नहीं मिलने से पार्टी अकेली पड़ गई है।
Operation-Sindoor: पाकिस्तान के आतंकवादी शिविरों के खिलाफ चल रहे ऑपरेशन सिंदूर के बीच, सीजफायर के फैसले ने संसद में एक नई बहस छेड़ दी है। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी। राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर बहस करने का आग्रह किया। उनका कहना था कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा अहम मसला है और इस पर संसद में खुलकर चर्चा होनी चाहिए।
लेकिन, विपक्ष के भीतर कांग्रेस की इस मांग पर एक बड़ा मतभेद उभर कर आया है। शरद पवार, ममता बनर्जी और अखिलेश यादव जैसे प्रमुख विपक्षी नेता इस विशेष सत्र के खिलाफ हैं, और उनका कहना है कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला बहुत संवेदनशील है, जिस पर संसद में बहस करना उचित नहीं होगा।
सीजफायर और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दावे पर कांग्रेस का सवाल
कांग्रेस के नेता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे को लेकर सवाल उठा रहे हैं, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान से सीजफायर की बात कही थी। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री से यह सवाल पूछा कि क्या ट्रंप का दावा सही है? कांग्रेस का कहना है कि भारत सरकार ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, और यह स्थिति देश के लिए सही नहीं है। यही कारण है कि कांग्रेस इस मुद्दे पर संसद में विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रही है।
शरद पवार का विरोध: क्यों नहीं होना चाहिए इस पर चर्चा?
शरद पवार ने अपने बयान में कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर संसद में खुलकर चर्चा करना सही नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी संवेदनशील जानकारी को गोपनीय रखना चाहिए और इसे सार्वजनिक रूप से साझा करना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरनाक हो सकता है। उनका मानना है कि इस मुद्दे पर एक सर्वदलीय बैठक आयोजित की जानी चाहिए, ताकि सभी पक्षों की राय सुनी जा सके और किसी भी संवेदनशील जानकारी का खुलासा न हो।
विपक्षी दलों का दबाव और कांग्रेस का अकेलापन
कांग्रेस के लिए यह स्थिति बेहद चुनौतीपूर्ण हो गई है, क्योंकि विपक्षी दल जैसे समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) कांग्रेस के साथ इस मुद्दे पर एकजुट नहीं दिख रहे हैं। चुनावी दबाव के कारण ये दल अब कांग्रेस से अलग होते नजर आ रहे हैं। समाजवादी पार्टी और टीएमसी दोनों ही इस मुद्दे पर समय का ध्यान रखते हुए कोई स्पष्ट राय नहीं दे रहे हैं, क्योंकि उनके पास अगले कुछ सालों में होने वाले विधानसभा चुनावों की चिंता है।
तेजस्वी यादव और CPI का समर्थन
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने संसद सत्र की मांग को समर्थन दिया है और प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए, ताकि पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले और सीजफायर के बारे में विस्तार से जानकारी दी जा सके। CPI भी इस मांग के पक्ष में था, लेकिन कांग्रेस को बाकी विपक्षी दलों का समर्थन नहीं मिल पा रहा है।
संसद में राष्ट्रीय सुरक्षा पर बहस का क्या प्रभाव होगा?
शरद पवार और अन्य नेताओं का मानना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर संसद में बहस का कोई लाभ नहीं होगा। उनका कहना है कि इस तरह के मुद्दों को सार्वजनिक रूप से उठाना देश की सुरक्षा के लिए खतरनाक हो सकता है। इसके बजाय, एक सर्वदलीय बैठक आयोजित की जानी चाहिए, जहां सभी दल मिलकर इस पर चर्चा करें और सरकार से आवश्यक जानकारी प्राप्त करें।