मध्य प्रदेश मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित टिप्पणी की। मायावती ने कार्रवाई की मांग की। हाईकोर्ट ने FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। मामला सुप्रीम कोर्ट में।
UP News: मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह ने भारतीय सेना की मुस्लिम महिला अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादित टिप्पणी की, जिसके बाद पूरे देश में बवाल मच गया। विजय शाह के इस बयान की चौतरफा आलोचना हो रही है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने भी इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए उनके खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज करने का आदेश दिया। अब मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है, जहां विजय शाह ने राहत की गुहार लगाई है।
मायावती ने उठाई कार्रवाई की मांग
बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने इस मामले में बीजेपी पर सीधा हमला बोला है। मायावती ने कहा कि विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज होना सही कदम है, लेकिन देश की जनता भारतीय जनता पार्टी (BJP) की तरफ से ठोस कार्रवाई की प्रतीक्षा कर रही है।
मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर लिखा,
"पहलगाम हत्याकांड के बाद पाकिस्तान में आतंकियों के खिलाफ सेना के ऑपरेशन सिंदूर की नायिका मुस्लिम महिला कर्नल पर अभद्र टिप्पणी करने वाले मंत्री के खिलाफ हाईकोर्ट की सख्ती सही है, लेकिन अब जनता भाजपा के एक्शन का इंतजार कर रही है।"
मायावती ने दी कानून-व्यवस्था सुधारने की नसीहत
मायावती ने यह भी कहा कि साम्प्रदायिकता, जातिवाद, नफरत और हिंसा फैलाने वालों पर सरकारों को बिना भेदभाव के कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि ऐसी प्रवृत्तियों पर नियंत्रण नहीं किया गया, तो देश का विकास प्रभावित होता रहेगा। उन्होंने कहा कि कोर्ट से पहले सरकारों की जिम्मेदारी है कि वे संविधान के अनुसार अपराध पर अंकुश लगाएं और कानून-व्यवस्था को मजबूत करें।
हाईकोर्ट ने एफआईआर की ड्राफ्टिंग पर उठाए सवाल
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने विजय शाह के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने कहा कि पुलिस ने जिस तरह से एफआईआर तैयार की है, उसमें मंत्री की कथित करतूतों का ठीक से उल्लेख नहीं किया गया। हाईकोर्ट ने चेतावनी दी कि यदि यह एफआईआर अदालत में चुनौती दी गई, तो इसे आसानी से खारिज किया जा सकता है।
महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई है, लेकिन कोर्ट ने एफआईआर की भाषा और उसमें दर्ज तथ्यों पर आपत्ति जताई है।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचे विजय शाह
एफआईआर दर्ज होने के बाद विजय शाह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है, जिसमें उन्होंने एफआईआर को रद्द करने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट ने अभी इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं सुनाया है, लेकिन CJI भूषण गवई ने विजय शाह को फटकार लगाते हुए कहा था,"आप सिर्फ इसलिए मंत्री हैं, इसका मतलब यह नहीं कि संवैधानिक पद पर बैठकर कुछ भी कहें।"