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NSA अजीत डोभाल का रूस दौरा, S-400 मिसाइल सिस्टम पर होगी चर्चा!

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राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल अगले हफ्ते रूस के दौरे पर जाएंगे। इस दौरान वे रूसी सरकार से S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की डिलीवरी जल्द से जल्द कराने का अनुरोध कर सकते हैं। 

नई दिल्ली: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल अगले हफ्ते रूस का दौरा करने वाले हैं। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की जल्द डिलीवरी और इसके विस्तार पर बातचीत करना बताया जा रहा है। भारत की सुरक्षा को और अधिक मजबूत बनाने के लिए यह कदम अहम माना जा रहा है। साथ ही, इस दौरे में भारत और रूस के बीच सुरक्षा सहयोग को और गहरा करने की संभावनाएं भी हैं।

डोभाल की यह यात्रा ऐसे वक्त में हो रही है जब भारत ने हाल ही में पाकिस्तान में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत हवाई हमले किए थे, जिसमें रूस और भारत के मिलकर विकसित ब्रह्मोस मिसाइलों का भी इस्तेमाल हुआ। इस ऑपरेशन में S-400 मिसाइल सिस्टम समेत रूस के आधुनिक रक्षा उपकरणों ने अहम भूमिका निभाई। इसलिए माना जा रहा है कि डोभाल की यात्रा में S-400 प्रणाली से जुड़े मुद्दे प्राथमिकता से उठाए जाएंगे।

S-400 ‘सुदर्शन चक्र’ और भारत की रणनीति

S-400 मिसाइल सिस्टम जिसे भारत में ‘सुदर्शन चक्र’ कहा जाता है, रूस की अल्माज़-एंटे कंपनी द्वारा विकसित एक अत्याधुनिक सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है। यह सिस्टम 400 किलोमीटर की दूरी तक हवाई लक्ष्यों को भेदने और 600 किलोमीटर तक की दूरी से खतरे का पता लगाने में सक्षम है। भारत ने 2018 में इस सिस्टम की पांच यूनिट खरीदने का सौदा किया था, जिसकी पहली यूनिट 2021 में पंजाब में तैनात की गई।

S-400 सिस्टम की खासियत यह है कि यह चार प्रकार की मिसाइलों का इस्तेमाल कर सकता है, जिससे यह विमानों, ड्रोन, क्रूज मिसाइलों और बैलिस्टिक मिसाइलों को एक साथ ट्रैक और नष्ट करने में सक्षम होता है। यह मोबाइल लॉन्चर पर लगाया जाता है, जिससे इसे जल्दी से एक जगह से दूसरी जगह भेजा जा सकता है। यह पूरे दक्षिण एशिया में भारत की हवाई सुरक्षा को एक नया स्तर देता है और इसे ‘गेम-चेंजर’ माना जाता है।

रूस दौरे का महत्त्व 

डोभाल का यह दौरा भारत-रूस के सुरक्षा संबंधों को और मजबूती देने की दिशा में एक अहम कदम है। रूस न केवल भारत का प्रमुख रणनीतिक सहयोगी रहा है, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भी यह देश भारत का भरोसेमंद साथी है। भारत को उम्मीद है कि रूस आगामी समय में भी अपनी सुरक्षा साझेदारी को बरकरार रखेगा और पाकिस्तान के अंदर छुपे आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ भारत को समर्थन प्रदान करता रहेगा।

यह दौरा मॉस्को में 27 से 29 मई तक आयोजित 13वीं अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बैठक के दौरान होगा, जिसका नेतृत्व रूसी सुरक्षा परिषद के सचिव सर्गेई शोइगु करेंगे। इस बैठक में डोभाल अन्य देशों के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों से भी मिलेंगे, जिससे भारत की वैश्विक सुरक्षा भागीदारी मजबूत होगी।

आगे की संभावनाएं और रक्षा संबंधों का विस्तार

रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत इस यात्रा में S-400 के अतिरिक्त और यूनिट्स खरीदने का ऑर्डर देने पर भी विचार कर सकता है। इससे भारत की हवाई सुरक्षा क्षमता और अधिक मजबूत होगी। साथ ही, रूस से अन्य आधुनिक रक्षा उपकरणों की आपूर्ति को लेकर भी बातचीत हो सकती है। इस दौरे से यह संदेश भी जाएगा कि भारत अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर कितना गंभीर है और वह अपनी रक्षा तकनीक को आधुनिक बनाने के लिए किस हद तक प्रतिबद्ध है। दोनों देशों के बीच यह सहयोग क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा समीकरणों पर भी असर डाल सकता है।

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