महाराष्ट्र के सियासी गलियारों में राज ठाकरे के अगले कदम को लेकर असमंजस बना हुआ है। इसी बीच शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने राज ठाकरे से गठबंधन को लेकर कहा है कि सबकुछ पटरी पर है और गठबंधन मजबूत बना हुआ है।
Shiv Sena UBT MNS Alliance: महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों एक बार फिर से गठबंधन की चर्चा गर्मा गई है। खासकर तब जब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के प्रमुख राज ठाकरे के अगली राजनीतिक चाल को लेकर सियासी गलियारों में अटकलों का बाजार लगा हुआ है। सवाल ये उठ रहा है कि राज ठाकरे अपने राजनीतिक भविष्य के लिए किस दिशा में कदम बढ़ाएंगे, क्या वो अपने चचेरे भाई और शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे के साथ मिलकर काम करेंगे या फिर डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के गुट के साथ गठबंधन की राह अपनाएंगे।
इस सियासी उठापटक के बीच, शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने इस मसले पर चौंकाने वाला बयान दिया है, जिसने राजनीति में हलचल मचा दी है। राउत ने कहा है कि गठबंधन को लेकर सबकुछ पटरी पर है” और एमएनएस के साथ बातचीत सकारात्मक दिशा में चल रही है। उन्होंने आगे कहा कि पर्दे के पीछे जो हो रहा है, उसका कोई अंदाजा नहीं है, बहुत कुछ लिखा जाता है, लेकिन बाद में वो साफ हो जाता है।
संजय राउत का गठबंधन पर बड़ा दावा
संजय राउत का यह बयान उस समय आया है, जब महाराष्ट्र में निकाय चुनावों की तारीखें नजदीक आ रही हैं। इन चुनावों में मुंबई, ठाणे, पुणे, नवी मुंबई, नासिक, छत्रपति संभाजीनगर समेत कई बड़े नगर निगम शामिल हैं। इन चुनावों को लेकर एमएनएस ने भी पूरी ताकत से तैयारी शुरू कर दी है और उनके लिए यह मौका काफी अहम है।
राउत के अनुसार, शिवसेना (यूबीटी) और एमएनएस के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही है और वह इसे लेकर सकारात्मक हैं। उन्होंने साफ किया कि अभी जितनी अटकलें लगाई जा रही हैं, असल में उन पर भरोसा नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि असली तस्वीर पर्दे के पीछे ही तय होती है।
निकाय चुनावों में गठबंधन की भूमिका
महाराष्ट्र में निकाय चुनाव की तैयारी राजनीतिक पार्टियों के लिए निर्णायक होने जा रही है। एमएनएस के राज ठाकरे ने पहले भी संकेत दिए थे कि वे उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) के साथ गठबंधन कर सकते हैं। उद्धव ठाकरे ने भी इस पहल का खुले मंच से स्वागत किया था। ये चुनाव एमएनएस के लिए अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत करने का अवसर होंगे और शिवसेना (यूबीटी) के लिए भी यह गठबंधन फायदेमंद साबित हो सकता है। साथ ही, मुंबई और आसपास के प्रमुख नगर निगमों में सत्ता में बने रहना दोनों पार्टियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
एकनाथ शिंदे गुट के साथ भी बातचीत
वहीं, राजनीतिक सूत्रों की मानें तो एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे ने डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के करीबी नेता उदय सामंत से भी हाल ही में मुलाकात की है। यह मुलाकात गठबंधन की अटकलों को और तेज कर रही है। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, एमएनएस और शिंदे गुट के बीच भी गठबंधन की संभावनाएं तलाश की जा रही हैं।
इसका मतलब यह है कि राज ठाकरे के राजनीतिक फैसले का दिशा-निर्धारण अभी तक अंतिम रूप से तय नहीं हुआ है। वे दोनों पक्षों से बातचीत कर रहे हैं, जिससे उनकी रणनीति को लेकर सियासी माहौल और जटिल हो गया है।
राजनीतिक समीकरण और भविष्य की चुनौतियां
महाराष्ट्र की राजनीति में ये गठबंधन केवल चुनावी गठजोड़ नहीं बल्कि भविष्य की बड़ी राजनीतिक लड़ाई की तैयारी भी है। अगर एमएनएस और शिवसेना (यूबीटी) साथ आते हैं, तो यह उद्धव ठाकरे की सियासत को मजबूती देगा। वहीं, अगर राज ठाकरे एकनाथ शिंदे गुट के साथ जाते हैं, तो महाराष्ट्र की सत्ता संरचना में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
संजय राउत का दावा है कि अभी सियासी समीकरण पूरी तरह साफ नहीं हैं और जो कुछ भी बाहर बताया जा रहा है, उसकी हकीकत अलग हो सकती है। उन्होंने कहा कि मीडिया में जो कुछ भी लिखा जाता है, वह अक्सर केवल आधी सच्चाई होती है। असली खेल तो पर्दे के पीछे होता है।