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रणदीप सुरजेवाला का बड़ा दावा, बोले- 'बीजेपी ने 2011 की जाति जनगणना को कूड़ेदान में डाल दिया'

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कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने 5 मई 2025 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जातीय जनगणना को लेकर कांग्रेस पार्टी का दृष्टिकोण स्पष्ट किया। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) का डीएनए जातीय जनगणना का विरोधी है और यह मुद्दा बीजेपी और आरएसएस द्वारा शुरू से ही नकारा गया है।

surjewala on Caste Census: कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने 5 मई 2025 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जाति जनगणना को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने हमेशा से जाति जनगणना का विरोध किया है, न केवल सार्वजनिक रूप से बल्कि न्यायालय में भी इस मुद्दे का विरोध किया। सुरजेवाला ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने 2011 में जाति जनगणना शुरू की थी, लेकिन बीजेपी ने उसे साजिश के तहत कूड़ेदान में डाल दिया।

सुरजेवाला का आरोप: बीजेपी का डीएनए जाति जनगणना विरोधी

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, "बीजेपी और आरएसएस का डीएनए जाति जनगणना का विरोधी है। 2011 में कांग्रेस ने जाति जनगणना की शुरुआत की थी, और 2015 में इसकी रिपोर्ट भी सामने आई थी। लेकिन बीजेपी ने उस रिपोर्ट को साजिश के तहत खारिज कर दिया।" सुरजेवाला ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी ने न केवल इस मुद्दे का विरोध किया, बल्कि अदालत में भी इस पर केस दायर किया, ताकि जाति जनगणना को रोका जा सके।

उन्होंने आगे कहा, जब 2011 में कांग्रेस ने जाति जनगणना की शुरुआत की, तो बीजेपी और आरएसएस ने इसका विरोध किया था। अब जब 2025 तक 15 साल हो गए हैं, तब जाकर बीजेपी को दलितों और वंचित वर्ग के सामने झुकना पड़ा।

'जातीय जनगणना से मिलेगा समान अधिकार का हक'

कांग्रेस नेता ने जाति जनगणना के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, जातीय जनगणना से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि सभी समुदायों को समान अधिकार मिले। यदि हमें समाज में समानता की दिशा में कदम बढ़ाना है, तो जातीय जनगणना अनिवार्य है। सुरजेवाला ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने हमेशा इस मुद्दे को प्राथमिकता दी है और इसका समर्थन किया है।

उन्होंने बीजेपी पर यह भी आरोप लगाया कि पार्टी ने जनगणना को खारिज करके समाज में असमानता को बढ़ावा दिया। कांग्रेस का मानना है कि जितनी हमारी हिस्सेदारी है, उतनी हमारी भागीदारी होनी चाहिए। और इसके लिए जातीय जनगणना आवश्यक है। सुरजेवाला ने दावा किया कि बीजेपी का हमेशा यह उद्देश्य रहा है कि जाति आधारित आंकड़े सार्वजनिक न हों, क्योंकि इससे उनका राजनीतिक एजेंडा प्रभावित हो सकता है।

प्रियंका गांधी का समर्थन

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने भी जाति जनगणना के समर्थन में बयान दिया। उन्होंने कहा, मेरे भाई राहुल गांधी ने यह मुद्दा उठाया था और लगातार इस पर बोलते रहे हैं। जबकि बीजेपी ने इसका कड़ा विरोध किया था। प्रियंका गांधी ने यह भी कहा कि भाजपा ने संसद में इस मुद्दे पर राहुल गांधी का मजाक उड़ाया था, लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है।

प्रियंका ने कहा, देशभर के लोगों के दबाव के कारण केंद्र सरकार को जाति जनगणना को पारदर्शी तरीके से करने का फैसला लेना पड़ा। मैं उम्मीद करती हूं कि सरकार इस काम को सही तरीके से करेगी और सभी समुदायों के आंकड़े सटीक रूप से जुटाएगी।

बीजेपी का विरोध और सरकार का झुकाव

यह मामला उस समय का है जब केंद्र सरकार ने हाल ही में घोषणा की थी कि अगली जनगणना में जाति जनगणना को पारदर्शी तरीके से शामिल किया जाएगा। यह घोषणा तब आई जब कांग्रेस ने इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया था, और राहुल गांधी ने इसे एक राष्ट्रीय मुद्दे के रूप में प्रस्तुत किया था। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि जाति जनगणना समाज के पिछड़े वर्गों के लिए महत्वपूर्ण है, ताकि उन्हें उचित अधिकार और सुविधाएं मिल सकें।

हालांकि, बीजेपी और आरएसएस ने हमेशा इस मुद्दे का विरोध किया था। उनका कहना था कि जाति आधारित जनगणना से समाज में और अधिक विभाजन होगा और इससे सामाजिक ताने-बाने पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। बीजेपी का मानना है कि जनगणना का उद्देश्य केवल जनसंख्या का आंकलन करना होना चाहिए, न कि जाति के आधार पर विभाजन करना।

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