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सीआर पाटिल ने लिया बड़ा प्रण: 'बदला पूरा होने तक स्वागत नहीं होगा', जानें क्यों?

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केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल ने पहलगाम हमले का बदला पूरा होने तक स्वागत में गुलदस्ता न लेने और स्मृति चिन्ह स्वीकार न करने का प्रण लिया। उन्होंने यह घोषणा सूरत में 7वीं ग्लोबल इंवेस्टर कॉन्फ्रेंस में की।

Pahalgam Attack: केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने पहलगाम हमले के विरोध में एक बड़ा और भावुक कदम उठाया है। उन्होंने सूरत में आयोजित 7वीं ग्लोबल इंवेस्टर कॉन्फ्रेंस के मंच से यह ऐलान किया कि जब तक पहलगाम हमले का बदला नहीं लिया जाएगा, तब तक वह किसी भी कार्यक्रम में स्वागत के लिए गुलदस्ता या स्मृति चिन्ह स्वीकार नहीं करेंगे। उनके इस फैसले को सुनकर कार्यक्रम में मौजूद लोग तालियां बजाने लगे, और यह फैसले का संदेश बहुत ही स्पष्ट था – भारत की सुरक्षा और राष्ट्र की रक्षा सर्वोपरि है।

सूरत में सीआर पाटिल का ऐलान

गुजरात के सूरत में आयोजित 7वीं ग्लोबल इंवेस्टर कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल पहुंचे थे। जब उन्हें स्वागत के रूप में गुलदस्ता दिया गया, तो उन्होंने इसे लेने से मना कर दिया और न ही कोई स्मृति चिन्ह स्वीकार किया। कार्यक्रम के आयोजकों ने मंच से इस फैसले की घोषणा की, जिससे उनके फैसले को लेकर हर किसी को स्पष्टता मिली। पाटिल ने कहा, "जब तक पहलगाम हमले का बदला पूरा नहीं होगा, तब तक मैं किसी भी प्रकार के स्वागत का हिस्सा नहीं बनूंगा।"

पहलगाम हमले पर पाटिल का रुख

पाटिल ने पहलगाम हमले के बाद भारतीय सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का समर्थन किया था। हमले में भारतीय नागरिकों की जान गई थी, और इसके बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता रद्द कर दिया था।

जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने कहा था कि यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी था और भारत को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पाकिस्तान को सिंधु नदी का एक भी बूंद पानी न मिले। पाटिल ने इस फैसले को ऐतिहासिक और पूरी तरह से राष्ट्रीय हित में बताया था।

7वीं ग्लोबल इंवेस्टर कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य

सूरत में आयोजित 7वीं ग्लोबल इंवेस्टर कॉन्फ्रेंस का मुख्य उद्देश्य भारत के विकासशील भविष्य को समर्थन देना था। इस कार्यक्रम में निवेश, उद्यमिता और नवाचार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। यह सम्मेलन इस बात पर ध्यान केंद्रित करता है कि कैसे भारत अपने आर्थिक और सामाजिक विकास को और तेज कर सकता है। पाटिल ने इस मंच से अपनी सरकार की नीतियों का समर्थन किया और यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार की कूटनीतिक या सुरक्षा संबंधी असमझी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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