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UP Police DGP 2025: अगला पुलिस प्रमुख कौन? रेस में कई दिग्गज

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देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार इसी महीने के अंत में सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। ऐसे में राज्य का अगला पुलिस प्रमुख कौन होगा, इसको लेकर प्रशासनिक हलकों में चर्चाएं तेज़ हो गई हैं। 

UP Police DGP: उत्तर प्रदेश के पुलिस महकमे में एक बड़ा बदलाव होने वाला है, क्योंकि मौजूदा पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रशांत कुमार इस महीने के अंत में 31 मई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इस सेवानिवृत्ति के साथ ही देश के सबसे बड़े राज्य में नए डीजीपी की नियुक्ति को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। यूपी पुलिस जैसे बड़े और चुनौतीपूर्ण विभाग की कमान अब किस अनुभवी और सक्षम अफसर के हाथों में जाएगी, इस पर सबकी नजरें टिकी हैं।

गृह विभाग ने अभी तक आधिकारिक रूप से कोई संकेत नहीं दिए हैं, लेकिन सूत्रों से मिल रही जानकारियों के मुताबिक कई वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नाम इस दौड़ में शामिल हैं। यह नियुक्ति न सिर्फ प्रशासनिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि आने वाले समय में प्रदेश की कानून-व्यवस्था और अपराध नियंत्रण की दिशा को भी तय करेगी।

तीन डीजी रैंक अफसरों की सेवानिवृत्ति से बदल जाएगा समीकरण

प्रशांत कुमार के साथ-साथ डीजी जेल पीवी रामाशास्त्री और डीजी टेलीकॉम संजय एम तरड़े भी मई के अंत तक सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इससे यूपी कैडर की आईपीएस वरिष्ठता सूची में बदलाव आएगा और नए डीजीपी के चयन की प्रक्रिया को प्रभावित करेगा। नए डीजीपी पद के लिए सबसे मजबूत दावेदार दलजीत सिंह चौधरी माने जा रहे हैं। 

फिलहाल वे बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) में डीजी रैंक के अधिकारी हैं। दलजीत सिंह उत्तर प्रदेश कैडर के सीनियर आईपीएस अफसर हैं और उनके पास राज्य पुलिस के साथ-साथ केंद्रीय बलों में काम करने का भी लंबा अनुभव है। उनकी प्रशासनिक पकड़ और शांत स्वभाव उन्हें एक संतुलित विकल्प बनाता है।

अन्य प्रमुख नाम: राजीव कृष्ण और अतुल शर्मा

इस सूची में दूसरा अहम नाम है राजीव कृष्ण का, जो इस समय उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के चेयरमैन हैं। इसके साथ ही वे विजिलेंस के निदेशक भी हैं। उनके पास अभी लगभग चार साल का सेवा काल शेष है, जो उन्हें एक स्थिर और दीर्घकालिक विकल्प बनाता है। वहीं, अतुल शर्मा भी वरिष्ठ आईपीएस अफसरों में शामिल हैं और कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं।

पहली महिला DGP बन सकती हैं तिलोत्तमा वर्मा?

इस बार चर्चा का एक बड़ा बिंदु यह भी है कि क्या उत्तर प्रदेश को पहली बार कोई महिला डीजीपी मिलेगी? इस संभावना को बल दे रही हैं डीजी प्रशिक्षण तिलोत्तमा वर्मा, जो न केवल वरिष्ठता सूची में प्रमुख स्थान पर हैं, बल्कि उनका सेवा काल भी छह महीने से अधिक शेष है। तिलोत्तमा वर्मा का सीबीआई में लंबा अनुभव और प्रशिक्षण संस्थानों में मजबूत पकड़ उन्हें एक योग्य उम्मीदवार बनाता है। यदि उन्हें चुना जाता है तो यह राज्य के पुलिस इतिहास में एक ऐतिहासिक निर्णय होगा।

आशीष गुप्ता के नाम की भी हो रही चर्चा

तिलोत्तमा वर्मा के पति आशीष गुप्ता, जो यूपी कैडर के सबसे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हैं, उन्होंने हाल ही में VRS (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) के लिए आवेदन किया है। हालांकि उन्होंने अब तक सेवा छोड़ी नहीं है, लेकिन उनके नाम को लेकर भी चर्चाएं गर्म हैं। यदि राज्य सरकार उन्हें रोकने का प्रयास करती है और नियुक्ति पर विचार करती है, तो स्थिति बदल सकती है।

फिलहाल यूपी के गृह विभाग की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन यह साफ है कि सरकार इस नियुक्ति को लेकर पूरी तरह सतर्क है। डीजीपी की नियुक्ति न सिर्फ कानून-व्यवस्था के संचालन से जुड़ी है, बल्कि यह आने वाले वर्षों में पुलिस तंत्र के स्वरूप को भी प्रभावित करेगी। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किसे यह जिम्मेदारी सौंपेंगे, यह देखने वाली बात होगी।

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