उत्तराखंड में भू-कानून उल्लंघन पर निगरानी के लिए नया पोर्टल बनेगा, जो 1640 पटवारी-लेखपाल क्षेत्रों में भूमि खरीद-बिक्री का ऑनलाइन ब्योरा रखेगा। जिलाधिकारी मासिक रिपोर्ट देंगे, और प्रक्रिया उद्योगों एवं निवेशकों के लिए सरल होगी।
Uttarakhand Land Law: उत्तराखंड में भू-कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ अब कड़ी कार्रवाई की जाएगी। राज्य सरकार ने एक नया भू-पोर्टल तैयार किया है, जिसके माध्यम से भूमि की खरीद-बिक्री पर सख्त निगरानी रखी जाएगी। यह पोर्टल 1640 पटवारी-लेखपाल क्षेत्रों में भूमि की बिक्री और खरीद का पूरा विवरण ऑनलाइन रखेगा। इससे न केवल कानून उल्लंघन पर नजर रखी जाएगी, बल्कि भूमि के उपयोग में किसी भी तरह की गड़बड़ी का पता भी आसानी से चल सकेगा।
क्या होगा इस नए भू-पोर्टल का फायदा?
यह पोर्टल NIC (National Informatics Centre) के सहयोग से तैयार किया जा रहा है और राजस्व परिषद के तहत कार्य करेगा। इसके जरिए राज्यभर के सभी पटवारी-लेखपाल क्षेत्रों में भूमि के लेन-देन का विवरण समय-समय पर अपडेट किया जाएगा। जिलाधिकारी हर महीने उपजिलाधिकारियों से रिपोर्ट लेंगे, और तिमाही रिपोर्ट राजस्व परिषद को भेजेंगे, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी भू-कानून का उल्लंघन न हो।
नए भू-कानून के नियम क्या हैं?
राज्य सरकार ने नए भू-कानून के तहत भूमि की खरीद और उपयोग में सख्त नियम बनाए हैं। हालांकि, निवेशकों और उद्योगों के लिए प्रक्रिया सरल होगी। यह सुनिश्चित किया गया है कि औद्योगिक उपयोग, शिक्षा, अस्पताल, होटल जैसे आवश्यक क्षेत्रों में निवेश को रोकने के बजाय प्रोत्साहित किया जाएगा। लेकिन, यह ध्यान रखना होगा कि भूमि जिस उद्देश्य के लिए खरीदी गई है, उसी में उसका उपयोग होना चाहिए, अन्यथा वह भूमि सरकार द्वारा वापस ले ली जाएगी।
भूमि की खरीद-बिक्री की निगरानी
नया पोर्टल भूमि खरीद और उपयोग परिवर्तन की प्रक्रिया की निगरानी करेगा। पोर्टल के जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी भूमि का गलत तरीके से उपयोग न हो। अगर कहीं भी भू-कानून का उल्लंघन होगा, तो संबंधित स्थल या भूमि के फोटो के साथ पोर्टल पर जानकारी अपडेट की जा सकेगी। सभी पटवारी और लेखपाल इस पोर्टल से जुड़कर इसकी निगरानी करेंगे।
क्या बदलाव आएंगे?
राजस्व विभाग ने इस पोर्टल के माध्यम से पुराने नियमों को अपडेट किया है। अब भूमि उपयोग परिवर्तन और भूमि खरीद के लिए एक समयबद्ध प्रक्रिया होगी। साथ ही, उद्योगों से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वे 70% स्थानीय युवाओं को रोजगार दें। यह बदलाव न केवल भूमि की गलत बिक्री को रोकेगा, बल्कि राज्य के आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा।
निवेशकों के लिए सरल प्रक्रिया
नए नियमों के तहत, औद्योगिक उपयोग के लिए भूमि खरीदने के लिए आवश्यक प्रमाणपत्र, शपथपत्र और आवेदन की प्रक्रिया भी सरल की जाएगी। यह सभी बदलाव राज्य सरकार की नीतियों को ध्यान में रखते हुए किए गए हैं, ताकि निवेशकों को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।