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भारतवंशी अनीता आनंद बनीं कनाडा की नई विदेश मंत्री, गीता पर हाथ रख ली शपथ

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कनाडा की नई विदेश मंत्री अनीता आनंद ने पवित्र भगवद गीता पर हाथ रखकर शपथ ली। उन्होंने प्रधानमंत्री मार्क कार्नी संग बेहतर और सुरक्षित दुनिया बनाने के लिए काम करने का संकल्प जताया और खुद को गौरवान्वित बताया।

Canada Politics: कनाडा की राजनीति में भारतीय मूल की अनीता आनंद ने एक और बड़ा मुकाम हासिल किया है। उन्होंने पवित्र हिंदू ग्रंथ 'भगवद गीता' पर हाथ रखकर कनाडा की विदेश मंत्री पद की शपथ ली। अनीता ने कहा कि इस जिम्मेदारी को पाकर वह गौरवान्वित महसूस कर रही हैं और प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के साथ मिलकर एक बेहतर और सुरक्षित दुनिया बनाने के लिए काम करेंगी।

कनाडा में बड़ा मंत्रिमंडल फेरबदल

कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने हाल ही में अपनी कैबिनेट में बड़ा बदलाव किया है। इस फेरबदल के तहत भारतीय मूल की अनीता आनंद को विदेश मंत्री बनाया गया है। उन्होंने मेलोनी जोली की जगह यह जिम्मेदारी संभाली है। जोली को अब उद्योग मंत्री का प्रभार दिया गया है।

मार्क कार्नी की कैबिनेट में महिलाओं की भागीदारी 50 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि उनका मंत्रिमंडल कनाडा की जनता की इच्छाओं और जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बदलाव लाने के लिए काम करेगा।

अनीता आनंद का भारत से गहरा रिश्ता

अनीता आनंद के परिवार की जड़ें भारत से जुड़ी हैं। उनके पिता तमिलनाडु से और मां पंजाब से हैं। हालांकि, उनके माता-पिता बाद में कनाडा जाकर बस गए। अनीता का जन्म 1967 में नोवा स्कोटिया में हुआ था। उनके माता-पिता दोनों डॉक्टर थे।

उन्होंने टोरंटो विश्वविद्यालय में लॉ की प्रोफेसर के रूप में भी काम किया है। अनीता ने अपनी भारतीय विरासत को हमेशा गर्व के साथ स्वीकारा है और प्रवासी भारतीय दिवस, गणतंत्र दिवस जैसे अवसरों पर भारत के साथ अपने संबंधों को उजागर किया है।

राजनीति में सफर: 2019 से लेकर विदेश मंत्री बनने तक

अनीता आनंद का राजनीति में सफर साल 2019 में शुरू हुआ, जब वह पहली बार ओकविल से सांसद चुनी गईं। इसके बाद वह 2021 से 2023 तक रक्षा मंत्री और 2023 से 2024 तक ट्रेजरी बोर्ड की अध्यक्ष रहीं।

2025 के चुनाव में उन्होंने फिर से अपनी सीट बरकरार रखी और मार्क कार्नी की अल्पमत सरकार में कैबिनेट मंत्री बनीं। अनीता पेशे से वकील और प्रोफेसर भी रही हैं और उन्होंने कानून के क्षेत्र में लंबा अनुभव हासिल किया है।

विदेश मंत्री बनने के मायने

विदेश मंत्री के रूप में अनीता आनंद की नियुक्ति से भारत-कनाडा संबंधों में मजबूती आने की उम्मीद है। जब वह रक्षा मंत्री थीं, तब उन्होंने दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को बेहतर बनाने के लिए कई कदम उठाए थे। विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी मिलने के बाद वह आर्थिक, रणनीतिक और सांस्कृतिक रिश्तों को नई दिशा देने का काम करेंगी।

कनाडा में लिबरल पार्टी की सरकार

हाल ही में कनाडा में हुए आम चुनाव में लिबरल पार्टी ने 343 में से 169 सीटें जीतीं। बहुमत के लिए 172 सीटों की जरूरत थी, लेकिन पार्टी तीन सीटें पीछे रह गई। इसके बावजूद, लिबरल पार्टी ने अल्पमत सरकार बनाकर सत्ता में वापसी की। यह कनाडा में लिबरल पार्टी की लगातार चौथी सरकार है।

अनीता आनंद का बयान

शपथ ग्रहण के बाद अनीता आनंद ने कहा,"कनाडा की विदेश मंत्री के तौर पर चुने जाने पर मैं सम्मानित महसूस कर रही हूं। प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के नेतृत्व में एक बेहतर और सुरक्षित दुनिया बनाने के लिए हमारी टीम पूरी तरह प्रतिबद्ध है। हम सभी वैश्विक मंचों पर कनाडा की भूमिका को मजबूती देंगे।

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