सुंदर पिचाई, गूगल के सीईओ, अपनी कार्यशैली और निर्णय लेने की क्षमता के लिए मशहूर हैं। उनकी जिम्मेदारी इतनी महत्वपूर्ण है कि गूगल के हर बड़े फैसले पर उनकी राय और मंजूरी का होना अनिवार्य होता है।
Google Sundar pichai security: सुंदर पिचाई, गूगल के सीईओ, न सिर्फ टेक्नोलॉजी की दुनिया के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक हैं, बल्कि उनकी सुरक्षा को लेकर गूगल की गंभीरता भी काबिले तारीफ है। जब भी पिचाई सार्वजनिक रूप से कहीं भी जाते हैं, उनके साथ हमेशा सुरक्षा कर्मियों की एक टीम होती है, जो उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हमेशा तत्पर रहती है। गूगल अपनी सुरक्षा व्यवस्था पर इतना ध्यान देती है कि इसके लिए वह लाखों डॉलर खर्च करती है।
हाल ही में गूगल ने अपने सीईओ की सुरक्षा पर खर्च किए गए राशि का खुलासा किया है, जो सुनकर हर कोई हैरान रह जाएगा। गूगल ने 2024 में सुंदर पिचाई की सुरक्षा पर कुल 8 मिलियन डॉलर (लगभग 68 करोड़ रुपये) खर्च किए हैं। यह राशि 2023 के मुकाबले 22 प्रतिशत अधिक है, जो बताती है कि पिचाई की सुरक्षा गूगल के लिए कितनी अहम है। पिछले साल यानी 2023 में उनकी सुरक्षा पर 6.78 मिलियन डॉलर (लगभग 57.48 करोड़ रुपये) खर्च किए गए थे।
पिचाई की सुरक्षा पर खर्च का कारण
गूगल ने यूएस सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) को बताया कि सुंदर पिचाई की सुरक्षा केवल उनके व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं की जाती है, बल्कि यह उनकी जॉब प्रोफाइल और गूगल की जरूरतों के हिसाब से जरूरी है। पिचाई एक ऐसी स्थिति में हैं जहां गूगल का कोई भी बड़ा फैसला उनके बिना पूरा नहीं हो सकता।
उनके फैसलों का असर न सिर्फ गूगल पर, बल्कि दुनिया भर की टेक इंडस्ट्री पर भी पड़ता है। यही कारण है कि गूगल उन्हें हर प्रकार की सुरक्षा देने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। गूगल की सुरक्षा प्रणाली में पिचाई के घर की सुरक्षा, उनकी यात्रा के दौरान उनके वाहन, और उनके दैनिक जीवन में सुरक्षा की सभी व्यवस्थाएं शामिल हैं। गूगल यह सुनिश्चित करती है कि उनके सीईओ हर जगह सुरक्षित रहें, ताकि वे बिना किसी चिंता के अपने काम पर ध्यान केंद्रित कर सकें।
गूगल की बढ़ती चुनौतियाँ
गूगल केवल पिचाई की सुरक्षा पर खर्च नहीं कर रही है, बल्कि उसे इस समय एआई क्षेत्र में भी कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। ओपनएआई, चैटजीपीटी, और परप्लेक्सिटी जैसी कंपनियां तेजी से उभर रही हैं और गूगल को कड़ी टक्कर दे रही हैं। गूगल के लिए यह समय कठिनाइयों भरा है क्योंकि एआई टूल्स जैसे- चैटजीपीटी, गूगल की अपनी प्रोडक्टिविटी टूल्स को चुनौती दे रहे हैं।
इसके अलावा, माइक्रोसॉफ्ट का कोपायलट भी गूगल के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है। इन सभी समस्याओं ने गूगल को एआई पर अधिक ध्यान देने के लिए मजबूर किया है। गूगल का क्रोम ब्राउजर भी इन प्रतिस्पर्धी एआई टूल्स से प्रभावित हो रहा है।
यह प्रतिस्पर्धा पिचाई के लिए एक नई जिम्मेदारी लाती है, क्योंकि वह गूगल को इन नई चुनौतियों से निकालने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा पर अतिरिक्त खर्च गूगल की प्राथमिकता को साफ दर्शाता है। गूगल नहीं चाहती कि किसी भी स्थिति में पिचाई की सुरक्षा से कोई समझौता हो, ताकि वे अपनी कड़ी मेहनत और नेतृत्व क्षमता से गूगल को इन चुनौतियों से उबार सकें।
गूगल ने बढ़ाई कर्मचारियों की सैलरी
पिचाई की सुरक्षा पर बढ़ते खर्च के साथ-साथ गूगल ने अपने कर्मचारियों की सैलरी में भी बढ़ोतरी की है। रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल ने अपने फुल-टाइम कर्मचारियों की सैलरी में लगभग 5 प्रतिशत बढ़ोतरी की है। यह कदम कंपनी की ओर से कर्मचारियों की संतुष्टि और उनकी मेहनत को सम्मान देने के लिए उठाया गया है।
गूगल के कर्मचारियों की बढ़ती सैलरी और पिचाई की सुरक्षा में बढ़ते खर्च के बावजूद, गूगल को इस वक्त अपने शीर्ष अधिकारियों और पिचाई के नेतृत्व में नए एआई टूल्स पर काम करना सबसे महत्वपूर्ण लगता है। एआई की बढ़ती भूमिका को देखते हुए, गूगल ने अपने संसाधनों को इन नई तकनीकों में निवेश करने का फैसला किया है।
सुंदर पिचाई का भारत से गहरा नाता
सुंदर पिचाई का भारत से गहरा जुड़ाव है। उनका जन्म तमिलनाडु के मदुरै शहर में हुआ था और उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा चेन्नई से की थी। इसके बाद उन्होंने आईआईटी खड़गपुर से बैचलर की डिग्री प्राप्त की। फिर आगे की पढ़ाई के लिए वह स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी और पेंसिलवेनिया यूनिवर्सिटी गए। 2004 में गूगल जॉइन करने के बाद, पिचाई ने अपनी कड़ी मेहनत और नेतृत्व से गूगल को नई ऊचाइयों पर पहुंचाया।
आज गूगल के सीईओ के रूप में उनका काम केवल गूगल के लिए नहीं, बल्कि पूरी टेक इंडस्ट्री के लिए निर्णायक है। पिचाई की रणनीतियां और नेतृत्व से गूगल की दिशा तय होती है। यही कारण है कि गूगल उन्हें हर संभव सुरक्षा मुहैया कराना चाहती है ताकि वह अपने काम पर ध्यान केंद्रित कर सकें।