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समय से पहले मानसून की दस्तक: अंडमान-निकोबार और बंगाल की खाड़ी में शुरू हुई बारिश

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इस साल मानसून ने समय से पहले ही अपनी दस्तक दे दी है। दक्षिण-पश्चिम मानसून ने अंडमान-निकोबार द्वीप समूह और दक्षिण बंगाल की खाड़ी में बारिश, तेज हवाओं और घने बादलों के साथ प्रवेश कर लिया है। 

Monsoon Update: भारतीय मौसम विभाग ने मंगलवार को दक्षिण-पश्चिम मानसून के समय से पहले अंडमान-निकोबार द्वीप, दक्षिण बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर के कुछ हिस्सों में दस्तक देने की घोषणा की है। यह मानसून की शुरुआत का संकेत है, जो आमतौर पर जून के मध्य में आने की उम्मीद रहती है, लेकिन इस बार यह पहले ही पहुंच चुका है।

पिछले दो दिनों से निकोबार द्वीपों में हल्की से भारी बारिश हो रही है, और साथ ही इलाके में तेज पश्चिमी हवाएं भी चल रही हैं। इसके अलावा, घने बादल भी बने हुए हैं, जो मानसून के आगमन की पुष्टि कर रहे हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, इन सभी संकेतों को देखते हुए इसे मानसून की शुरुआत घोषित किया गया है।

मौसम विभाग ने की मानसून की शुरुआत की पुष्टि

भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, मंगलवार को दक्षिण-पश्चिम मानसून ने अंडमान-निकोबार द्वीप, दक्षिण बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर के कुछ हिस्सों में प्रवेश किया। पिछले दो दिनों से, निकोबार द्वीपों में हल्की से भारी बारिश हो रही है और तेज पश्चिमी हवाएं चल रही हैं, साथ ही इलाके में घने बादल भी बने हुए हैं। इन मौसमीय संकेतों को देखकर मौसम विभाग ने इसे मानसून की शुरुआत मान लिया है।

विभाग ने यह भी बताया कि दक्षिण बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर में हवाओं की रफ्तार और गहराई बढ़ गई है। 1.5 किलोमीटर की ऊंचाई पर हवाओं की गति लगभग 37 किमी/घंटा तक पहुंच गई है, और कुछ क्षेत्रों में यह 4.5 किलोमीटर तक फैली हुई हैं। इससे संकेत मिलते हैं कि मानसून आगे बढ़ने के लिए तैयार है।

मानसून का आगे बढ़ना और बढ़ेगी बारिश

मौसम विभाग का अनुमान है कि आने वाले 3-4 दिनों में मानसून दक्षिण अरब सागर, मालदीव, कोमोरिन क्षेत्र, बाकी अंडमान-निकोबार द्वीप और बंगाल की खाड़ी के अन्य हिस्सों में भी पहुंच सकता है। इसका मतलब है कि अगले कुछ दिनों में भारत के दक्षिणी और पूर्वी हिस्सों में बारिश के और अधिक संकेत मिल सकते हैं। इस समय मानसून की शुरुआत से किसानों को राहत मिल सकती है, जो खरीफ फसल की बुआई के लिए तैयारी कर रहे थे।

मानसून की शुरुआत, विशेष रूप से दक्षिण भारत में, किसानों के लिए राहत की खबर हो सकती है। इस समय, किसान खरीफ फसल की बुआई के लिए तैयार हो रहे हैं और मानसून का समय से पहले आना उनकी फसलों के लिए शुभ संकेत हो सकता है। मौसम विभाग ने किसानों से आग्रह किया है कि वे मौसम की लगातार निगरानी करें और समय-समय पर अपडेट प्राप्त करते रहें, ताकि वे अपनी खेती के लिए सही समय पर निर्णय ले सकें।

मानसून के दौरान दक्षिण भारत, विशेषकर तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल और आंध्र प्रदेश में भारी बारिश होने की संभावना है। यह बारिश इन राज्यों के किसानों के लिए खरीफ फसल जैसे धान, मक्का, कपास, सोयाबीन, आदि की बुआई के लिए मददगार साबित हो सकती है।

अगले कुछ हफ्तों में मानसून के व्यापक प्रभाव

मौसम विभाग के मुताबिक, मानसून अगले कुछ हफ्तों में धीरे-धीरे देश के अन्य हिस्सों में भी प्रवेश करेगा। अगले 5-7 दिनों में मानसून मध्य और पूर्वी भारत की तरफ बढ़ने की संभावना है। बिहार, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में भी बारिश होने की संभावना है। इससे कृषि उत्पादन में वृद्धि हो सकती है, और किसानों के लिए उपयुक्त जलवायु मिल सकती है।

समय से पहले मानसून की दस्तक का मतलब यह भी है कि इस बार जल संकट से जूझ रहे क्षेत्रों को पानी की पर्याप्त आपूर्ति मिल सकती है। दक्षिण भारत के कई इलाकों में पानी की कमी से जूझते हुए लोग राहत की उम्मीद लगाए हुए थे, और मानसून की यह जल्दी शुरुआत उनकी उम्मीदों को पूरा कर सकती है। साथ ही, यह जलस्त्रोतों को पुनः भरने में मदद करेगा और भूजल स्तर को स्थिर बनाए रखने में सहायक होगा।

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