ऑस्ट्रेलिया के पूर्व टेस्ट क्रिकेटर बॉब काउपर का 84 वर्ष की उम्र में मेलबर्न में निधन हो गया। वे लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थे और शनिवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली।
स्पोर्ट्स न्यूज़: ऑस्ट्रेलिया के पूर्व टेस्ट क्रिकेटर और इतिहास के पहले ऑस्ट्रेलियाई तिहरे शतकवीर बॉब काउपर का 84 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने मेलबर्न में अंतिम सांस ली। काउपर लंबे समय से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से लड़ रहे थे। उनके निधन की खबर ने क्रिकेट जगत को शोक में डुबो दिया है। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया सहित पूर्व खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है।
काउपर: प्रतिभा, धैर्य और रिकॉर्ड की मिसाल
बॉब काउपर एक ऐसे बल्लेबाज थे जिनकी तकनीक, संयम और विशाल स्कोर की भूख उन्हें खास बनाती थी। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 1966 में इंग्लैंड के खिलाफ मेलबर्न टेस्ट में 307 रनों की पारी खेली थी, जो उस समय न केवल एक अद्वितीय कीर्तिमान था बल्कि ऑस्ट्रेलिया की धरती पर टेस्ट में पहला तिहरा शतक भी था। उस पारी में उन्होंने 589 गेंदों का सामना किया और 20 चौके लगाए थे।
काउपर ने अपने करियर में कुल 27 टेस्ट मैच खेले और 46.84 की औसत से 2061 रन बनाए। वह उन कुछ गिने-चुने बल्लेबाजों में से थे जो कम मैच खेलकर भी 45 से ऊपर की औसत रखने में सफल रहे। उनके बल्ले से कुल 5 शतक और 10 अर्धशतक निकले।
घरेलू मैदान पर अपराजेय थे काउपर
बॉब काउपर का घरेलू मैदान पर रिकॉर्ड बेहद खास रहा। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में खेले गए टेस्ट मैचों में 75.78 की औसत से रन बनाए, जो कि डॉन ब्रैडमैन के बाद किसी भी ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज का दूसरा सबसे ऊंचा घरेलू औसत है। खास बात यह रही कि विदेशी धरती पर उनका औसत सिर्फ 33.33 का रहा, जिससे घरेलू और विदेशी औसत का अंतर 42.45 तक पहुंच गया, जो आज भी एक रिकॉर्ड है।
27 की उम्र में लिया संन्यास, चुना व्यापार का रास्ता
जहां आजकल खिलाड़ी 35-40 की उम्र तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलते हैं, वहीं बॉब काउपर ने मात्र 27 वर्ष की उम्र में क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। उन्होंने खेल से अधिक व्यापार में रुचि दिखाई और जल्द ही एक सफल कारोबारी के रूप में स्थापित हो गए। यह निर्णय तब काफी चौंकाने वाला था, क्योंकि वह अपने करियर के चरम पर थे और टीम में उनकी जगह पक्की मानी जा रही थी।
क्रिकेट से पूरी तरह नाता नहीं तोड़ा। संन्यास के बाद उन्होंने मैच रेफरी की भूमिका भी निभाई। वह दो टेस्ट और 14 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में रेफरी के रूप में सेवाएं दे चुके हैं। यह साबित करता है कि उनका क्रिकेट से जुड़ाव अंत तक बना रहा।
क्रिकेट जगत की श्रद्धांजलि
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा, "बॉब काउपर एक असाधारण प्रतिभा थे, जिनकी बल्लेबाजी में तकनीक, क्लास और संतुलन देखने को मिलता था। उन्होंने विक्टोरिया के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट में भी शानदार प्रदर्शन किया और 10,595 रन के साथ 183 विकेट चटकाए। ऑस्ट्रेलियाई पूर्व कप्तान स्टीव वॉ ने सोशल मीडिया पर लिखा, "बॉब काउपर की 307 रनों की पारी अब भी हमारे घरेलू क्रिकेट इतिहास की सबसे प्रतिष्ठित पारियों में से एक है।
बॉब काउपर उन दुर्लभ खिलाड़ियों में से थे, जिन्होंने कम समय में क्रिकेट इतिहास पर गहरी छाप छोड़ी। उन्होंने साबित किया कि खेल में लंबी पारी खेलने से कहीं ज्यादा जरूरी है उस पारी का प्रभाव। उनका क्रिकेट और जीवन दोनों ही प्रेरणा देने वाला रहा। आज जब दुनिया उन्हें विदाई दे रही है, तब यह कहना गलत नहीं होगा कि बॉब काउपर भले ही इस दुनिया से चले गए, लेकिन उनकी 307 रनों की वह ऐतिहासिक पारी और क्रिकेट में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।