अगर आप दिन में 6 से 8 घंटे से अधिक समय तक एसी चलाते हैं, तो 5 स्टार रेटेड इन्वर्टर स्प्लिट एसी आपके लिए सबसे उपयुक्त विकल्प साबित हो सकता है। गलत एसी चुनने पर न केवल बिजली की खपत बढ़ सकती है, बल्कि इसकी कार्यक्षमता भी उम्मीद के मुताबिक नहीं होती। इस लेख में हम जानेंगे कि एसी खरीदते समय किन-किन महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान देना जरूरी है ताकि आप सही फैसला ले सकें।
नई दिल्ली: गर्मियों में ठंडक और आराम के लिए एयर कंडीशनर सबसे भरोसेमंद समाधान हैं, लेकिन बाजार में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के एसी में से सही मॉडल का चयन करना अक्सर चुनौतीपूर्ण हो सकता है। एसी खरीदते वक्त सही टन क्षमता, ऊर्जा दक्षता, इन्वर्टर तकनीक, एयर फिल्टर की गुणवत्ता और ब्रांड पर विशेष ध्यान देना आवश्यक होता है। इस लेख में हम आपको एयर कंडीशनर खरीदने से पहले किन महत्वपूर्ण पहलुओं को समझना चाहिए, इसकी पूरी जानकारी प्रदान करेंगे।
एसी की क्षमता का चुनाव कैसे करें
एयर कंडीशनर की टन क्षमता आपके कमरे के आकार के हिसाब से तय की जाती है। छोटे कमरों के लिए 1 टन की क्षमता वाला एसी बेहतर होता है, जबकि मध्यम आकार के कमरे के लिए 1.5 टन और बड़े कमरों के लिए 2 टन का एसी उपयुक्त माना जाता है। सही क्षमता चुनने से एसी की कार्यक्षमता और ऊर्जा बचत दोनों बेहतर होती हैं।
एसी खरीदते समय ध्यान रखने वाली अहम बातें
सबसे पहले आपको यह फैसला करना होगा कि आप स्प्लिट एसी लेंगे या विंडो एसी। स्प्लिट एसी दो हिस्सों में होता है — एक इनडोर यूनिट और दूसरी आउटडोर यूनिट। यह बेहतर ठंडक प्रदान करता है और शोर भी कम करता है। वहीं, विंडो एसी एक ही यूनिट होता है जिसे खिड़की में लगाया जाता है। अगर आप शांत और प्रभावी कूलिंग चाहते हैं तो स्प्लिट एसी सबसे बेहतर विकल्प माना जाता है।
ऊर्जा दक्षता का महत्व
एयर कंडीशनर की ऊर्जा दक्षता को बीईई स्टार रेटिंग के माध्यम से मापा जाता है। 5 स्टार रेटिंग वाले एसी सबसे कम बिजली खर्च करते हैं, हालांकि इनकी कीमत थोड़ी ज्यादा होती है। 3 स्टार एसी एक अच्छा विकल्प हैं, लेकिन ये 5 स्टार के मुकाबले थोड़ा अधिक बिजली खपत करते हैं। वहीं, 1 या 2 स्टार वाले एसी सस्ते होते हैं लेकिन ऊर्जा खपत ज्यादा होती है। यदि आप रोजाना 6-8 घंटे से अधिक समय तक एसी चलाते हैं, तो 5 स्टार मॉडल खरीदना बेहतर रहता है क्योंकि यह बिजली की बचत करता है और बिजली बिल कम आता है।
इन्वर्टर बनाम नॉन-इन्वर्टर टेक्नोलॉजी
एसी दो तरह की टेक्नोलॉजी में आते हैं — इन्वर्टर और नॉन-इन्वर्टर। इन्वर्टर एसी तापमान के अनुसार कंप्रेसर की स्पीड को नियंत्रित करता है, जिससे बिजली की खपत कम होती है। वहीं, नॉन-इन्वर्टर एसी बार-बार ऑन-ऑफ होता रहता है, जिससे ज्यादा बिजली खर्च होती है। लंबे समय तक इस्तेमाल के लिए इन्वर्टर एसी बेहतर साबित होता है।
एयर फिल्टर और हवा की गुणवत्ता
अगर आपको एलर्जी या अस्थमा की समस्या है, तो ऐसे एसी चुनें जिनमें बेहतर एयर फिल्टर लगे हों। डस्ट फिल्टर धूल और छोटे कणों को रोकता है, एंटी-बैक्टीरियल फिल्टर बैक्टीरिया और वायरस से बचाव करता है, और पीएम 2.5 फिल्टर हवा की गुणवत्ता को सुधारता है। ये फीचर्स आपके घर में साफ़ और स्वस्थ हवा सुनिश्चित करते हैं।
कूलिंग स्पीड और उपलब्ध मोड्स
आजकल के एयर कंडीशनर में कई कूलिंग मोड्स होते हैं, जो आपको तापमान को आसानी से कंट्रोल करने में मदद करते हैं। टर्बो मोड तेजी से ठंडक पहुंचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जबकि स्लीप मोड रात में आरामदायक और ऊर्जा बचाने वाला तापमान बनाए रखता है। इसके अलावा, टाइमर मोड की मदद से आप एसी को अपनी सुविधा के अनुसार सेट कर सकते हैं कि कब ऑन और ऑफ होना है।
भरोसेमंद ब्रांड और वारंटी
एक अच्छे ब्रांड का एसी न केवल बेहतर कूलिंग देता है बल्कि ऊर्जा की बचत भी सुनिश्चित करता है। एसी खरीदते वक्त वारंटी की अवधि जरूर देखें। अधिकांश ब्रांड 1-2 साल की सामान्य वारंटी के साथ-साथ कंप्रेसर पर 5 से 10 साल तक की वारंटी भी प्रदान करते हैं।
कीमत और बजट का ध्यान रखें
एयर कंडीशनर की कीमतें ब्रांड, क्षमता, फीचर्स और एनर्जी रेटिंग के आधार पर बदलती हैं। आम तौर पर, विंडो एसी की कीमत 20,000 से 35,000 रुपये के बीच होती है, स्प्लिट एसी 25,000 से 60,000 रुपये तक और इन्वर्टर स्प्लिट एसी 35,000 से 70,000 रुपये के बीच मिल जाते हैं। अपने बजट और जरूरत के अनुसार सही विकल्प चुनना जरूरी है।