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माइक्रोसॉफ्ट यूजर्स के लिए बड़ा खतरा: CERT-in ने जारी की हाई अलर्ट सिक्योरिटी एडवाइजरी, तुरंत करें सुरक्षा उपाय

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भारत की साइबर सुरक्षा एजेंसी CERT-in (Computer Emergency Response Team - India) ने माइक्रोसॉफ्ट के विभिन्न प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करने वाले यूजर्स के लिए एक गंभीर और जरूरी चेतावनी जारी की है। एजेंसी ने माइक्रोसॉफ्ट के विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम, ऑफिस सूट, क्लाउड प्लेटफॉर्म और एंटरप्राइज टूल्स में सुरक्षा से जुड़ी कई खामियां पाई हैं, जिनका गलत फायदा हैकर्स उठा सकते हैं। इस एडवाइजरी को देखते हुए माइक्रोसॉफ्ट यूजर्स के लिए यह जरूरी हो गया है कि वे अपने सिस्टम और डेटा की सुरक्षा के लिए तुरंत कदम उठाएं।

CERT-in की चेतावनी: माइक्रोसॉफ्ट प्रोडक्ट्स में गंभीर खामियां

CERT-in ने माइक्रोसॉफ्ट के इन प्रोडक्ट्स में जो खामियां पाई हैं, उन्हें लेकर उच्च स्तर की चिंता जताई है। एजेंसी ने बताया कि इन कमजोरियों का इस्तेमाल कर हैकर्स रिमोट कंट्रोल के जरिए यूजर के कंप्यूटर सिस्टम को पूरी तरह से नियंत्रित कर सकते हैं, डेटा चोरी कर सकते हैं, या सिस्टम क्रैश जैसी समस्याएं पैदा कर सकते हैं। ये खामियां Remote Code Execution (RCE), Privilege Escalation, और Security Feature Bypass जैसी गंभीर कैटेगरी में आती हैं।

खतरे में कौन-कौन से माइक्रोसॉफ्ट प्रोडक्ट्स?

CERT-in की रिपोर्ट के अनुसार, माइक्रोसॉफ्ट के कई प्रमुख प्रोडक्ट्स पर यह खतरा मंडरा रहा है। इनमें प्रमुख हैं:

  • Windows 10 और Windows 11 के सभी वर्जन
  • Microsoft Office Suite (Word, Excel, Outlook, PowerPoint आदि)
  • Microsoft Exchange Server
  • Microsoft Edge ब्राउजर
  • Microsoft Defender
  • Microsoft Teams
  • Azure क्लाउड प्लेटफॉर्म

खामियों का फायदा कैसे उठा सकते हैं हैकर्स?

CERT-in ने बताया कि ये कमजोरियां हैकर्स को रिमोट कोड एग्जीक्यूशन की सुविधा देती हैं। इसका मतलब है कि हैकर्स यूजर के सिस्टम पर दूर से अपना कोड चला सकते हैं, जिससे वे पूरी तरह से सिस्टम को नियंत्रित कर सकते हैं। इसके अलावा Privilege Escalation के जरिए हैकर्स यूजर की अनुमति से ज्यादा अधिकार हासिल कर सकते हैं, जिससे वे सिस्टम की संवेदनशील जानकारियों तक पहुंच सकते हैं। Security Feature Bypass के तहत वे सुरक्षा उपायों को चकमा देकर डेटा चोरी या नुकसान पहुंचा सकते हैं।

CERT-in और माइक्रोसॉफ्ट का क्या कदम?

CERT-in ने माइक्रोसॉफ्ट को इन खामियों की सूचना दे दी है, और माइक्रोसॉफ्ट ने भी इसे स्वीकार किया है। माइक्रोसॉफ्ट ने अपनी ओर से इन समस्याओं को दूर करने के लिए सॉफ्टवेयर अपडेट्स जारी करने का वादा किया है। एजेंसी ने सभी यूजर्स से आग्रह किया है कि वे जैसे ही माइक्रोसॉफ्ट की तरफ से सुरक्षा अपडेट मिलें, उन्हें तुरंत इंस्टॉल करें। इससे न केवल व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा होगी, बल्कि संगठनात्मक स्तर पर भी साइबर हमलों से बचाव हो सकेगा।

यूजर्स के लिए जरूरी सुरक्षा सुझाव

  • अपडेट्स तुरंत इंस्टॉल करें: माइक्रोसॉफ्ट से आने वाले पैच और अपडेट को टालना बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है। ये अपडेट्स आपके सिस्टम की सुरक्षा के लिए जरूरी हैं।
  • एंटीवायरस और सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर सक्रिय रखें: हमेशा अपने कंप्यूटर में भरोसेमंद एंटीवायरस और सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर को अपडेटेड और एक्टिव रखें।
  • संदिग्ध ईमेल और लिंक से सावधान रहें: फिशिंग हमलों से बचने के लिए अज्ञात स्रोतों से आने वाले ईमेल या लिंक पर क्लिक न करें।
  • मजबूत और अलग-अलग पासवर्ड का प्रयोग करें: हर अकाउंट के लिए अलग और मजबूत पासवर्ड सेट करें। पासवर्ड मैनेजर का उपयोग करें।
  • दो-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) लागू करें: जहां भी संभव हो, 2FA चालू करें ताकि आपकी सुरक्षा और भी मजबूत हो।
  • सिस्टम का नियमित बैकअप लें: डेटा लॉस की स्थिति से बचने के लिए अपने महत्वपूर्ण डेटा का समय-समय पर बैकअप लेना न भूलें।

साइबर सुरक्षा का महत्व और भारत की तैयारी

भारत में डिजिटल क्रांति के चलते इंटरनेट यूजर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है। वहीं साइबर अपराधों में भी वृद्धि देखी जा रही है। CERT-in जैसी एजेंसियां भारत की साइबर सुरक्षा का नेतृत्व कर रही हैं, जो समय-समय पर सुरक्षा अलर्ट जारी करती हैं और यूजर्स को जागरूक करती हैं। यह एडवाइजरी भी इसी कड़ी का हिस्सा है ताकि बड़े पैमाने पर साइबर हमलों को रोका जा सके।

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