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अरावली में चला बुलडोजर: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर फार्महाउस और बैंक्वेट हॉल ध्वस्त

अरावली में चला बुलडोजर: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर फार्महाउस और बैंक्वेट हॉल ध्वस्त

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अरावली वन क्षेत्र में अवैध निर्माणों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी है। इसी क्रम में रविवार, जोकि अवकाश का दिन था, वन विभाग और नगर निगम की संयुक्त टीम ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया।

Bulldozer Action: अरावली वन क्षेत्र में सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देशों के बाद वन विभाग और नगर निगम की संयुक्त कार्रवाई अब तेज रफ्तार पकड़ चुकी है। रविवार, जो आमतौर पर अवकाश का दिन होता है, उस दिन भी भारी संख्या में अधिकारियों की टीम बुलडोजर लेकर मैदान में उतरी और बड़खल-अनखीर रोड एवं सूरजकुंड रोड पर स्थित कई हाई-प्रोफाइल अवैध निर्माणों को ध्वस्त कर दिया। इस कार्रवाई में सल्तनत फार्म हाउस, महिपाल गार्डन, और अन्य बैंक्वेट हॉल शामिल थे, जिन्हें जमींदोज किया गया।

सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख, जुलाई में देनी है रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से आदेश दिया है कि अरावली वन क्षेत्र से 6000 से अधिक अवैध निर्माणों को हटाया जाए और जुलाई 2025 तक इस कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट अदालत में पेश की जाए। इसी के चलते प्रशासन पूरी तत्परता से कार्य में जुटा है। एक ओर जहां सरकारी अधिकारी जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ एक्शन मोड में हैं, वहीं स्थानीय निवासी और फार्म हाउस संचालक विरोध में उतरते दिख रहे हैं।

सल्तनत फार्म हाउस और महिपाल गार्डन पर चला बुलडोजर

रविवार को कार्रवाई का फोकस दो बड़े अवैध निर्माणों – सल्तनत फार्म हाउस और महिपाल गार्डन पर रहा। ये दोनों स्थान वर्षों से शादी-विवाह और अन्य आयोजनों के लिए उपयोग किए जा रहे थे, लेकिन दस्तावेज़ों की जांच में सामने आया कि इनका निर्माण वन भूमि पर अवैध रूप से किया गया है। वन विभाग के जिला कार्यकारी अधिकारी राजकुमार ने बताया, हमारे पास सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेश हैं और किसी भी राजनीतिक दबाव या विरोध के बावजूद कार्रवाई जारी रहेगी। हर दिन की तोड़फोड़ की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जा रही है और जुलाई तक लक्ष्य पूरा करना अनिवार्य है।

विरोध भी हुआ, लेकिन प्रशासन अडिग

शनिवार को महिपाल ग्रीन वैली फार्म हाउस को तोड़ने पहुंची टीम को स्थानीय लोगों और कुछ कथित मालिकों के विरोध का सामना करना पड़ा। हालांकि विरोध के बावजूद बुलडोजर नहीं रुका और फार्म हाउस को गिरा दिया गया। इस मामले में पूर्व महापौर देवेंद्र भड़ाना का भी नाम चर्चा में आया। लोगों का कहना था कि महिपाल ग्रीन वैली उनकी संपत्ति है, लेकिन भड़ाना ने स्पष्ट इनकार करते हुए कहा: मेरा इस फार्म हाउस से कोई लेना-देना नहीं है। मैं तो लंबे समय से महिपाल ग्रीन वैली के खिलाफ आवाज उठा रहा हूं।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी यह बयान नहीं दिया कि फार्म हाउस वन भूमि पर नहीं बना। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई सिर्फ शुरुआत है। आने वाले हफ्तों में दर्जनों और अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया जाएगा।

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