Pune

बुध का कर्क राशि में गोचर:  इन 5 राशियों के लिए बना सावधानी का संकेत, जानें उपाय और प्रभाव

बुध का कर्क राशि में गोचर:  इन 5 राशियों के लिए बना सावधानी का संकेत, जानें उपाय और प्रभाव

22 जून की रात 9:17 बजे से बुध ग्रह कर्क राशि में प्रवेश कर रहे हैं। यह खगोलीय घटना सिर्फ ब्रह्मांडीय ही नहीं, बल्कि हमारे जीवन के कई पहलुओं पर भी गहरा असर डाल सकती है। बुध ग्रह, जिन्हें 'ग्रहों का युवराज' कहा जाता है, बुद्धि, वाणी, व्यापार, शिक्षा, विवेक और तर्कशीलता के कारक माने जाते हैं। जब ये ग्रह राशि परिवर्तन करते हैं, तो इसका प्रभाव सभी 12 राशियों पर अलग-अलग रूपों में देखने को मिलता है।

इस बार बुध मिथुन से निकलकर चंद्रमा की राशि कर्क में प्रवेश कर चुके हैं, जहां उनकी स्थिति थोड़ी कमजोर मानी जाती है। इसका असर विशेष रूप से कुछ राशियों के लिए चुनौतियों से भरा हो सकता है।

वृषभ राशि: मन में भय और भ्रम की स्थिति

बुध का गोचर वृषभ राशि के तीसरे भाव में हो रहा है। तीसरा भाव साहस, संचार और छोटे भाई-बहनों का होता है, लेकिन बुध यहां थोड़ी भ्रम और संदेह की स्थिति बना सकते हैं। आप किसी गलतफहमी या अफवाह में आ सकते हैं। पारिवारिक मामलों में भी संवाद की कमी तनाव पैदा कर सकती है।

उपाय

  • बुधवार के दिन हरे मूंग और सफेद चीजों जैसे चावल या दूध का दान करें।
  • श्री गणेश की पूजा करके 'ॐ बुधाय नमः' मंत्र का जाप करें।

कर्क राशि: आत्मविश्वास में कमी और उलझनें

बुध अब कर्क राशि के पहले भाव में प्रवेश कर चुके हैं। पहला भाव आत्म-छवि, शरीर और सोच का होता है। यहां बुध का गोचर थोड़ी भ्रमित स्थिति पैदा कर सकता है। आत्मविश्वास डगमगा सकता है और निर्णय लेने में असमंजस की स्थिति बन सकती है। साथ ही, वाणी पर नियंत्रण न होने से रिश्तों में खटास आ सकती है।

उपाय

  • मांस, मदिरा और अंडा पूरी तरह से त्यागें।
  • बुधवार को तुलसी के पौधे को जल अर्पित करें और 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करें।

सिंह राशि: खर्चों में बढ़ोतरी और विदेश यात्रा से सावधान

बुध सिंह राशि के बारहवें भाव में प्रवेश कर रहे हैं, जो हानि, व्यय, विदेश यात्रा और अस्पताल से जुड़ा होता है। इस समय फिजूलखर्ची और स्वास्थ्य संबंधी खर्चों में वृद्धि हो सकती है। साथ ही गुप्त शत्रु सक्रिय हो सकते हैं। मानसिक तनाव और नींद की कमी भी हो सकती है।

उपाय

  • हर रोज केसर का तिलक माथे पर लगाएं।
  • श्री विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।

वृश्चिक राशि: भाग्य कमजोर और प्रयासों का फल कम

बुध वृश्चिक राशि के नवम भाव में गोचर कर रहे हैं। नवम भाव धर्म, भाग्य और गुरु का होता है। यहां बुध का गोचर भाग्य का साथ कम कर सकता है। धार्मिक कार्यों में मन कम लगेगा और यात्राएं व्यर्थ हो सकती हैं। मेहनत के बावजूद परिणाम अपेक्षित नहीं मिलेंगे।

उपाय

  • गुरुवार और बुधवार को गाय को हरा चारा खिलाएं।
  • घर में भागवत गीता का पाठ करें।

मकर राशि: वैवाहिक जीवन और पार्टनरशिप में परेशानी

बुध का गोचर मकर राशि के सप्तम भाव में हो रहा है। सप्तम भाव जीवनसाथी, व्यापारिक साझेदारी और समाज से संबंधों को दर्शाता है। बुध यहां संघर्ष और संवादहीनता का कारण बन सकते हैं। जीवनसाथी से टकराव और व्यापार में नुकसान की संभावना बढ़ सकती है।

उपाय

  • बुधवार को देवी दुर्गा की पूजा करें।
  • जरूरतमंदों को हरे वस्त्र और मिठाई का दान करें।
  • 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे' मंत्र का जाप करें।

बुध गोचर का ज्योतिषीय महत्व

बुध का चंद्रमा की राशि में आना भावनाओं और तर्क का टकराव लाता है। यहां बुध भावनात्मक निर्णय लेने को प्रेरित करते हैं, जिससे व्यापारिक या पारिवारिक मामलों में उलझनें बढ़ सकती हैं। लेकिन वही व्यक्ति जो अपने व्यवहार, वाणी और सोच में संतुलन बना पाएंगे, वे इस गोचर के समय को भी अपने पक्ष में बदल सकते हैं।

बुध का कर्क राशि में गोचर कुछ राशियों के लिए सावधानी का संदेश लेकर आया है। हालांकि डरने की जरूरत नहीं, धार्मिक उपाय, सकारात्मक सोच और आत्मसंयम से इस समय को आसानी से पार किया जा सकता है। गोचर चाहे जैसा भी हो, यदि हम आत्मावलोकन करें और जीवनशैली में छोटे बदलाव लाएं तो किसी भी ग्रह की चाल हमें प्रभावित नहीं कर सकती।

Leave a comment