बिहार सरकार ने पेंशन राशि बढ़ाकर 1100 रुपये कर दी है। तेजस्वी यादव ने इसे महागठबंधन के दबाव का असर बताया। उन्होंने इसे बिना बजट प्रावधान के लिया गया फैसला बताया है।
Bihar Politics: बिहार में सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि को लेकर सियासत तेज हो गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने वृद्ध, विधवा और दिव्यांगजनों को मिलने वाली मासिक पेंशन की राशि 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये करने की घोषणा की है। इस फैसले के बाद राज्य की राजनीति में उबाल आ गया है।
तेजस्वी यादव ने बताया टेंशन का नतीजा
राजद नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इस फैसले को सरकार की घबराहट का नतीजा बताया है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन की वापसी की आहट से एनडीए सरकार में टेंशन फैल गया है और इसी डर से यह फैसला लिया गया है। तेजस्वी ने दावा किया कि महागठबंधन की सरकार बनते ही सामाजिक सुरक्षा पेंशन 1500 रुपये प्रतिमाह करने का वादा पहले ही किया जा चुका है। सरकार अब हमारी घोषणाओं की नकल कर रही है।
राज्य सरकार पर लगे बिना बजट के योजना लागू करने के आरोप
तेजस्वी यादव ने यह भी सवाल उठाया कि बिना बजटीय प्रावधान के सरकार इतनी बड़ी योजना कैसे लागू करेगी। उन्होंने कहा कि एक करोड़ नौ लाख से अधिक लाभार्थियों को पेंशन देने के लिए हर महीने 767 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि की जरूरत होगी। इतनी बड़ी रकम के लिए सरकार ने कौन सा आर्थिक स्रोत तैयार किया है, इसका जवाब मिलना चाहिए।
20 वर्षों तक पेंशन राशि सबसे कम रही: तेजस्वी
तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर बीते 20 वर्षों में सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि को न्यूनतम बनाए रखने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बिहार में वृद्धों, विधवाओं और दिव्यांगजनों को देशभर में सबसे कम पेंशन मिलती रही है। महागठबंधन ने जब इस मुद्दे को उठाया और इसे बजट में शामिल करने की मांग की, तब सरकार ने उसे नजरअंदाज कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश सरकार को डर था कि अगर उनकी बात मान ली गई तो श्रेय तेजस्वी को जाएगा।
प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों पर फिजूलखर्ची का आरोप
प्रेस वार्ता के दौरान तेजस्वी ने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक-एक कार्यक्रम पर सरकारी खजाने से लगभग सौ करोड़ रुपये खर्च होते हैं। बीते पांच चुनावों में प्रधानमंत्री की 200 से ज्यादा रैलियां बिहार में हुई हैं जिन पर लगभग 20 हजार करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। उन्होंने पूछा कि जब जनता बाढ़ से परेशान रहती है, तब सरकार राहत के लिए पैसे क्यों नहीं खर्च करती।
बाढ़ नियंत्रण को लेकर सरकार पर हमला
तेजस्वी यादव ने बाढ़ नियंत्रण की तैयारियों को लेकर भी सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि हर साल बिहार के कई जिले बाढ़ की चपेट में आ जाते हैं। पटना जैसे शहर में भी जलजमाव आम समस्या बन गई है। लेकिन सरकार ड्रेनेज सिस्टम तक दुरुस्त नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह यह कह चुके हैं कि चुनाव तक ही नीतीश कुमार मुख्यमंत्री रहेंगे। यह बयान यह संकेत देता है कि जदयू भाजपा के इशारे पर चल रही है और भाजपा के मुताबिक ही जदयू के प्रत्याशी तय किए जा रहे हैं।