ईरान-इज़राइल युद्ध के बीच खामेनेई के भतीजे महमूद मोरदखानी ने इस्लामिक शासन को खत्म करने की मांग की है। उन्होंने इसे शांति के लिए ज़रूरी बताया है। पूर्व शाह के बेटे ने भी समर्थन दिया है।
Iran: ईरान और इज़राइल के बीच जारी युद्ध के बीच एक चौंकाने वाली आवाज़ खुद ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के परिवार से उठी है। फ्रांस में निर्वासित जीवन जी रहे खामेनेई के भतीजे महमूद मोरदखानी ने इस्लामिक गणराज्य के शासन को शांति के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा बताया है। उन्होंने कहा कि इस शासन का अंत जरूरी है, चाहे इसके लिए कोई भी रास्ता क्यों न अपनाना पड़े। मोरदखानी और पूर्व शाह के बेटे रेज़ा पहलवी दोनों ने शासन परिवर्तन का आह्वान किया है, जिससे ईरान में राजनीतिक अस्थिरता और तेज़ हो गई है।
खामेनेई के भतीजे की सख्त टिप्पणी
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के भतीजे महमूद मोरदखानी ने एक इंटरव्यू में कहा कि वह युद्ध के समर्थक नहीं हैं, लेकिन उन्हें पूरा विश्वास है कि ईरान में असली शांति तभी आ सकती है जब मौजूदा इस्लामिक शासन समाप्त हो।
फ्रांस में रह रहे मोरदखानी ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “जो भी इस शासन को खत्म कर सके, वह ज़रूरी है। अब जब हम इस मोड़ पर आ पहुंचे हैं, तो इसे अंजाम देना ही होगा।” यह बयान ऐसे समय में आया है जब ईरान और इज़राइल के बीच युद्ध अपने दूसरे सप्ताह में प्रवेश कर चुका है और क्षेत्र में तनाव लगातार बढ़ रहा है।
इस्लामिक गणराज्य का अंत ही शांति का एकमात्र रास्ता
मोरदखानी ने 1986 में ईरान छोड़ दिया था और तब से अपने चाचा खामेनेई की सत्ता और शासन प्रणाली के प्रबल आलोचक रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें इज़राइल के साथ सैन्य टकराव बेहद दुखद लगता है, लेकिन यह एक ऐसे शासन में अपरिहार्य है जो किसी प्रकार का सुधार स्वीकार करने को तैयार नहीं है।
उनका कहना था, “यह शासन न तो झुकता है, न ही बदलने की कोशिश करता है। ऐसे में शांति की कोई संभावना नहीं बनती। मुझे दुख है कि हालात यहां तक पहुंच गए हैं, लेकिन समाधान इसी शासन के अंत में छिपा है।”
क्या खामेनेई की मौत से खत्म होगा शासन?
जब उनसे पूछा गया कि क्या खामेनेई की हत्या से शासन का अंत हो सकता है, तो उन्होंने कहा, “यह अलग विषय है। सिर्फ एक व्यक्ति की मौत से पूरी प्रणाली खत्म नहीं हो सकती। लेकिन यदि यह व्यवस्था अपने अंत की ओर बढ़ रही है, तो इसका जितनी जल्दी अंत हो उतना अच्छा है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि ईरान में इंटरनेट ब्लैकआउट के चलते वह देश में अपने समर्थकों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं, लेकिन उन्हें विश्वास है कि ईरानी जनता इस शासन की कमजोरी के संकेत देखकर संतुष्ट है।
अमेरिका और ट्रंप की आक्रामक भूमिका
ईरान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव भी लगातार बढ़ रहा है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर बिना शर्त आत्मसमर्पण की मांग करते हुए ईरान के परमाणु ठिकानों पर सैन्य कार्रवाई के संकेत दिए हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप ने अपने सलाहकारों के साथ परमाणु कार्यक्रम को खत्म करने के लिए सैन्य विकल्पों पर चर्चा की है, हालांकि अभी तक कोई अंतिम आदेश जारी नहीं हुआ है।
पूर्व शाह के बेटे का तीखा हमला
ईरान के पूर्व शाह मोहम्मद रज़ा पहलवी के बेटे रेज़ा पहलवी ने भी सोशल मीडिया पर इस्लामिक शासन के खिलाफ तीखा बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि खामेनेई “एक डरे हुए चूहे की तरह अंडरग्राउंड हो चुके हैं और इस्लामिक गणराज्य अपने अंतिम चरण में है।”
रेज़ा पहलवी ने आगे कहा, “यह शासन अब समाप्ति की ओर बढ़ चुका है। जो प्रक्रिया शुरू हुई है, उसे अब रोका नहीं जा सकता। भविष्य उज्जवल है और हम ईरान के इतिहास के इस निर्णायक मोड़ से मिलकर गुजरेंगे।”