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19 जून 2025 का पंचांग: शीतलाष्टमी व्रत के साथ बन रहे शुभ संयोग, जानिए मुहूर्त और सूर्योदय-सूर्यास्त का समय

19 जून 2025 का पंचांग: शीतलाष्टमी व्रत के साथ बन रहे शुभ संयोग, जानिए मुहूर्त और सूर्योदय-सूर्यास्त का समय

19 जून 2025 का दिन धार्मिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है। आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि, गुरुवार का दिन, शीतलाष्टमी व्रत और सौभाग्य योग—इन सभी के एक साथ पड़ने से यह दिन और भी पवित्र बन जाता है। आज के दिन मां शीतला की पूजा विशेष रूप से की जाती है और घरों में ठंडा भोजन कर उनका व्रत रखा जाता है। यह व्रत विशेषकर उन लोगों के लिए महत्व रखता है जो रोग, शांति और संतान की लंबी उम्र की कामना रखते हैं।

इस लेख में हम जानेंगे 19 जून 2025 का पूरा पंचांग, शुभ मुहूर्त, राहुकाल, नक्षत्र, योग और सूर्योदय-सूर्यास्त का समय, ताकि आप अपने दिन की शुरुआत सकारात्मक ऊर्जा और शुभ संकल्पों के साथ कर सकें।

पंचांग विवरण – 19 जून 2025 (गुरुवार)

  • तिथि (Date): अष्टमी तिथि (कृष्ण पक्ष, आषाढ़ मास)
  • समाप्ति: दोपहर 11:56 बजे
  • उसके बाद: नवमी तिथि प्रारंभ
  • वार: गुरुवार
  • नक्षत्र: उत्तरा भाद्रपद
  • समाप्ति: रात 11:17 बजे तक
  • योग: सौभाग्य योग
  • समाप्ति: रात 2:46 बजे तक
  • चंद्रमा की स्थिति: मीन राशि में
  • पंचक: आज पंचक भी चल रहा है, जो विशेष कार्यों में सावधानी की सलाह देता है।

शीतलाष्टमी व्रत का महत्व

शीतलाष्टमी का व्रत विशेषकर मां शीतला देवी को समर्पित होता है। माना जाता है कि इस दिन व्रत करने से संतान सुख, स्वास्थ्य और पारिवारिक शांति प्राप्त होती है। यह व्रत खासकर महिलाओं द्वारा किया जाता है। मां शीतला की पूजा में एक विशेष परंपरा होती है – ठंडा भोजन (बासी भोजन)। व्रती महिलाएं एक दिन पहले भोजन बनाकर रखती हैं और अगले दिन वही भोजन मां को अर्पित करती हैं। इससे पाचन, त्वचा रोग और मौसमी संक्रमणों से राहत मिलने की मान्यता है।

शुभ मुहूर्त

  • अभिजीत मुहूर्त: 11:54 AM से 12:40 PM तक, यह मुहूर्त दिन का सबसे पवित्र समय माना जाता है, जब किसी भी शुभ कार्य को बिना किसी शंका के प्रारंभ किया जा सकता है।
  • गुरुवार का दिन: गुरु बृहस्पति का दिन है, जो विद्या, ज्ञान, विवाह, संतान और धर्म से जुड़े कार्यों के लिए बेहद शुभ होता है।

राहुकाल – अशुभ समय

  • दिल्ली: 02:07 PM - 03:52 PM
  • मुंबई: 02:19 PM - 03:59 PM
  • चंडीगढ़: 02:10 PM - 03:56 PM
  • लखनऊ: 01:51 PM - 03:35 PM
  • भोपाल: 02:03 PM - 03:45 PM
  • कोलकाता: 01:19 PM - 03:00 PM
  • अहमदाबाद: 02:22 PM - 04:04 PM
  • चेन्नई: 01:47 PM - 03:23 PM

सूर्योदय और सूर्यास्त

  • सूर्योदय: 05:23 AM
  • सूर्यास्त: 07:21 PM

दिन के अन्य धार्मिक संयोग

पंचक चल रहा है: पंचक के समय में खासकर दक्षिण दिशा में यात्रा, बिस्तर खरीद, लकड़ी का काम और अंतिम संस्कार से जुड़े कार्यों को वर्जित माना गया है। लेकिन व्रत, पूजा, दान आदि में कोई समस्या नहीं होती।

  • सौभाग्य योग: यह योग कार्यों में सफलता, सौभाग्य, संपत्ति और शुभ परिणाम देने वाला होता है।
  • उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र: यह नक्षत्र आध्यात्मिक, ध्यान और चिंतन के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। इस दिन पूजा-पाठ और व्रत करना विशेष फलदायी होता है।

व्रत और पूजा विधि – शीतलाष्टमी

  • व्रती महिलाएं प्रातःकाल स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें।
  • व्रत का संकल्प लेकर मां शीतला की प्रतिमा की स्थापना करें।
  • उन्हें ठंडा या बासी भोजन अर्पित करें।
  • नीम की पत्तियों से उनका पूजन करें और कुमकुम, रोली, अक्षत, फूल, जल अर्पण करें।
  • ॐ ह्रीं शीतलायै नमः मंत्र का जाप करें।
  • ब्राह्मण या कन्याओं को भोजन कराकर व्रत संपन्न करें।

19 जून 2025 का दिन पंचांग की दृष्टि से अति शुभ माना जा रहा है। शीतलाष्टमी व्रत, सौभाग्य योग, उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र और गुरुवार का संयोग इसे अत्यंत पावन बनाता है। इस दिन मां शीतला की आराधना करने से शारीरिक रोगों से छुटकारा मिलता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही शुभ मुहूर्त और राहुकाल की जानकारी के अनुसार अपने दिन की योजनाएं बनाएं, जिससे कार्यों में सफलता और जीवन में शांति बनी रहे।

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