इंदौर के कारोबारी की हत्या की आरोपी सोनम रघुवंशी 17 दिन बाद गाजीपुर के एक ढाबे पर मिली। भाई को फोन कर रोई, पुलिस को सूचना दी गई। अब कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड पर शिलांग भेजा गया है।
Indore Couple Case: इंदौर के कारोबारी राजा रघुवंशी की हत्या की आरोपी पत्नी सोनम रघुवंशी को आखिरकार 17 दिन बाद गाजीपुर के एक ढाबे पर देखा गया। सोनम रविवार रात करीब एक बजे गाजीपुर-वाराणसी फोरलेन पर स्थित नंदगंज क्षेत्र के आकुशपुर गांव के पास "काशी चाय जायका" नामक ढाबे पर पहुँची थी। वह थकी हुई, डरी और मानसिक रूप से अस्थिर लग रही थी।
ढाबा मालिक से मांगा फोन
ढाबे के मालिक साहिल यादव ने बताया कि सोनम अकेले पैदल आई थी और उसने उनसे मोबाइल फोन मांगा। सोनम ने अपने भाई गोविंद रघुवंशी को कॉल किया और बात करते हुए जोर-जोर से रोने लगी। भाई से बात के बाद गोविंद ने ढाबा मालिक से सोनम की स्थिति समझी और तुरंत पुलिस को बुलाने को कहा।
पुलिस ने सोनम को अस्पताल पहुंचाया
स्थानीय पुलिस मौके पर पहुँची और सोनम को गाजीपुर के राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, जहां बुखार और सिरदर्द की दवा देने के बाद उसे “वन स्टॉप सेंटर” में महिला पुलिस की निगरानी में रखा गया। हालत में सुधार होने तक सोनम को वहीं रखा गया और किसी को भी उससे मिलने की अनुमति नहीं दी गई, यहां तक कि उसके भाई को भी।
सोनम की कहानी: मेघालय में पति की हत्या के बाद बेहोश
ढाबा मालिक से बातचीत में सोनम ने बताया कि मई में उसकी शादी हुई थी और वह अपने पति राजा रघुवंशी के साथ मेघालय हनीमून मनाने गई थी। वहीं कुछ बदमाशों ने उनके जेवर लूटने की कोशिश की। जब राजा ने उन्हें रोका, तो उन्होंने उसकी हत्या कर दी। यह सब देखकर सोनम बेहोश हो गई और फिर उसे कुछ याद नहीं कि वह गाजीपुर कैसे पहुंच गई।
मेघालय पुलिस ने कोर्ट से लिया ट्रांजिट रिमांड
रविवार शाम करीब साढ़े छह बजे मेघालय पुलिस गाजीपुर पहुँची, जिसमें दो महिला अधिकारी भी शामिल थीं। सोनम का मेडिकल परीक्षण कराने के बाद रात करीब नौ बजे भारी सुरक्षा के बीच उसे सीजेएम कोर्ट ले जाया गया। ट्रांजिट रिमांड की अनुमति मिलने के बाद मेघालय पुलिस सोनम को शिलांग लेकर रवाना हो गई।
क्या सोनम खुद पहुंची थी गाजीपुर या किसी ने पहुंचाया?
सबसे बड़ा सवाल यही बना हुआ है कि सोनम खुद गाजीपुर पहुंची थी या कोई उसे वहां छोड़ गया। ढाबा मालिक ने बताया कि वह अकेली और बेहद परेशान थी, लेकिन वह कैसे और किसके जरिए वहां तक पहुंची, यह अभी साफ नहीं है। चूंकि वारदात मेघालय में हुई है, इसलिए स्थानीय पुलिस भी इस पर कुछ कहने से बच रही है।