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SBI ने सरकार को दिया ₹8,076 करोड़ का डिविडेंड, सरकारी खजाने को मिली बंपर सौगात

SBI ने सरकार को दिया ₹8,076 करोड़ का डिविडेंड, सरकारी खजाने को मिली बंपर सौगात

देश के सबसे बड़े सार्वजनिक बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केंद्र सरकार को ₹8,076.84 करोड़ का डिविडेंड देकर अपनी वित्तीय मजबूती का एक और उदाहरण पेश किया है।

Stock Market: भारत के प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक SBI ने एक बार फिर सरकार को राहत देने वाला कदम उठाया है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बैंक ने ₹8,076.84 करोड़ का डिविडेंड सरकार को प्रदान किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 16% अधिक है। यह न केवल सरकारी खजाने को मजबूती प्रदान करता है, बल्कि भारतीय बैंकिंग क्षेत्र की स्थिरता और विकासशीलता का भी संकेत देता है।

इस रिपोर्ट में हम विस्तार से बताएंगे कि इस डिविडेंड का क्या महत्व है, इससे सरकार को क्या लाभ होगा, बैंक की स्थिति क्या कहती है, और निवेशकों के लिए इसका क्या अर्थ है।

रिकॉर्ड मुनाफा, रिकॉर्ड डिविडेंड

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 2024-25 में ₹70,901 करोड़ का रिकॉर्ड प्रॉफिट कमाया है। यह पिछले वित्त वर्ष यानी 2023-24 के ₹61,077 करोड़ के मुनाफे से 16% ज़्यादा है। इसी शानदार प्रदर्शन के चलते बैंक ने अपने शेयरधारकों को बड़ा रिटर्न देने का फैसला किया, जिसमें सबसे बड़ी हिस्सेदारी सरकार की है।

पिछली तुलना में क्या बदला?

वित्त वर्ष    कुल लाभ (₹ करोड़)    सरकार को डिविडेंड (₹ करोड़)
2023-24         61,077                   6,959.29
2024-25         70,901                   8,076.84

डिविडेंड का अर्थ क्या है?

डिविडेंड वह लाभांश होता है जो कंपनी अपने लाभ का हिस्सा अपने शेयरधारकों में बांटती है। चूंकि सरकार SBI की सबसे बड़ी हिस्सेदार है, इसलिए डिविडेंड के रूप में उसे सबसे बड़ा हिस्सा मिला। इस बार SBI ने प्रति शेयर ₹15.90 का डिविडेंड घोषित किया है, जो पिछले साल के ₹13.70 प्रति शेयर से ज़्यादा है। इसका सीधा लाभ सरकार को हुआ है, साथ ही बैंक के अन्य शेयरहोल्डर्स को भी अच्छी आमदनी हुई है।

वित्त मंत्री को सौंपा गया चेक

SBI के चेयरमैन सी. एस. सेट्टी ने यह डिविडेंड चेक स्वयं केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सौंपा। इस अवसर पर वित्तीय सेवा सचिव एम. नागराजू और वित्त सचिव अजय सेठ भी उपस्थित रहे। यह सिर्फ एक औपचारिक लेन-देन नहीं था, बल्कि यह सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बीच मजबूत सहयोग और पारस्परिक विश्वास का प्रतीक भी है।

सरकार की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर इस खबर को शेयर किया गया, जिसमें बताया गया कि कैसे सरकार के खाते में एक बार फिर SBI ने बड़ी राशि ट्रांसफर की।

SBI में किसकी है कितनी हिस्सेदारी?

SBI एक सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक है, जिसमें सरकार की हिस्सेदारी सबसे अधिक है।

  • भारत सरकार: 57.42%
  • LIC (भारतीय जीवन बीमा निगम): 9.02%
  • अन्य पब्लिक शेयरहोल्डर्स: शेष हिस्सेदारी

LIC, जो सरकार की ही कंपनी है, बैंक में सबसे बड़ी नॉन-प्रमोटर शेयरधारक है। इसका मतलब है कि सरकारी एजेंसियां ही इस बैंक के सबसे बड़े लाभार्थी हैं।

SBI के शेयर का प्रदर्शन

स्टॉक मार्केट में भी SBI के शेयर ने अच्छा प्रदर्शन किया है।

  • बीएसई पर अंतिम बंद भाव (10 जून 2025): ₹820.05
  • 52 हफ्तों का उच्चतम स्तर: ₹898.80
  • 52 हफ्तों का न्यूनतम स्तर: ₹679.65

इस प्रदर्शन से यह साफ है कि निवेशकों का भरोसा SBI पर बना हुआ है। डिविडेंड बढ़ने से निवेशकों का आकर्षण और भी बढ़ेगा, जिससे शेयर की मांग और मूल्य दोनों में उछाल आ सकता है।

देश की अर्थव्यवस्था के लिए क्या है इसका मतलब?

SBI के बढ़ते मुनाफे और सरकार को मिले डिविडेंड से कुछ अहम आर्थिक संदेश निकलते हैं:

  • सरकारी राजस्व में वृद्धि: सरकार को मिला ₹8,076 करोड़ का डिविडेंड उसके राजकोषीय घाटे को कम करने में मदद करेगा।
  • बैंकिंग सेक्टर की मजबूती: अगर देश का सबसे बड़ा सार्वजनिक बैंक मजबूत प्रदर्शन कर रहा है, तो इसका सीधा असर पूरी बैंकिंग प्रणाली की साख और स्थिरता पर सकारात्मक रूप से पड़ता है। इससे अन्य बैंकों में भी भरोसा बढ़ता है और वित्तीय प्रणाली को समग्र रूप से मजबूती मिलती है।
  • सरकार की कंपनियों से आय: यह साबित करता है कि सरकार द्वारा नियंत्रित संस्थान अगर सही ढंग से काम करें, तो वे लाभ कमाकर सरकार की आय बढ़ा सकते हैं।

निवेशक क्या सीख सकते हैं?

  • डिविडेंड स्टॉक्स में निवेश: निवेशकों को उन कंपनियों में निवेश करना चाहिए जो लगातार डिविडेंड देती हैं। SBI इसका बेहतरीन उदाहरण है।
  • सरकारी कंपनियों पर भरोसा: कई बार निवेशक सरकारी कंपनियों से बचते हैं, लेकिन SBI जैसे स्टॉक्स से पता चलता है कि ये कंपनियां भी शानदार रिटर्न दे सकती हैं।
  • लॉन्ग टर्म होल्डिंग का महत्व: SBI का शेयर पिछले 5 वर्षों में स्थिर और विश्वसनीय रहा है। लॉन्ग टर्म होल्डिंग से बड़ा लाभ संभव है। 

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