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International Yoga Day 2025: उत्तराखंड में सीएम धामी ने की योग नीति की घोषणा, विदेशी मेहमान बने साक्षी

International Yoga Day 2025: उत्तराखंड में सीएम धामी ने की योग नीति की घोषणा, विदेशी मेहमान बने साक्षी

उत्तराखंड के कर्णप्रयाग स्थित भराड़ीसैण में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 800 से अधिक लोगों के साथ सामूहिक योगाभ्यास किया।

उत्तराखंड: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 के मौके पर उत्तराखंड ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए राज्य की प्रथम 'योग नीति' का ऐलान किया। कर्णप्रयाग के भराड़ीसैंण विधानसभा परिसर में आयोजित राज्यस्तरीय योग कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 800 से अधिक लोगों के साथ योगाभ्यास करते हुए इस नीति का औपचारिक अनावरण किया।

जहां पूरी दुनिया 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर भारत की ओर देख रही थी, वहीं देवभूमि उत्तराखंड ने प्रकृति, परंपरा और आध्यात्म का ऐसा संगम प्रस्तुत किया, जिसने भारत के योग-दर्शन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। इस कार्यक्रम में मंत्री धन सिंह रावत, स्थानीय विधायक अनिल नौटियाल, प्रसिद्ध योग गुरु भारत भूषण और दुनिया के कई देशों के राजनयिक भी मौजूद रहे।

उत्तराखंड की योग नीति: एक समग्र दृष्टिकोण

सीएम धामी द्वारा प्रस्तुत 'उत्तराखंड योग नीति 2025' राज्य को योग के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इस नीति का उद्देश्य केवल योग को बढ़ावा देना नहीं है, बल्कि इसे शिक्षा, पर्यटन, रोजगार और स्वास्थ्य के साथ जोड़कर सामाजिक-आर्थिक विकास का भी माध्यम बनाना है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि नीति के तहत:

  • सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में योग शिक्षा अनिवार्य की जाएगी।
  • राज्य में प्रमाणित योग शिक्षकों की नियुक्ति होगी।
  • पर्यटन विभाग द्वारा योग पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विशेष पैकेज तैयार किए जाएंगे।
  • पारंपरिक योग आश्रमों को पंजीकृत कर मान्यता दी जाएगी।
  • योग से जुड़े स्टार्टअप्स और संस्थानों को वित्तीय सहायता दी जाएगी।

राजनयिकों ने सराहा उत्तराखंड का प्रयास

कार्यक्रम में उपस्थित विभिन्न देशों के राजनयिकों ने मुख्यमंत्री और उत्तराखंड सरकार के इस प्रयास की सराहना की। उन्होंने कहा कि योग एक वैश्विक विरासत बन चुका है और उत्तराखंड, जो योग की भूमि है, इस विरासत को संरक्षित और प्रसारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। ब्रिटेन, जापान, नेपाल, श्रीलंका, भूटान और यूएई जैसे देशों के प्रतिनिधियों ने योग सत्र में भाग भी लिया और अपनी-अपनी भाषा में योग के प्रभाव पर अपने अनुभव साझा किए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने योग सत्र के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर अपनी बात रखते हुए लिखा: योग भारत की प्राचीनतम और गौरवशाली परंपरा का अमूल्य उपहार है। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करता है, बल्कि मानसिक संतुलन और सकारात्मक दृष्टिकोण भी प्रदान करता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में योग आज विश्व की धरोहर बन चुका है।

उन्होंने यह भी अपील की कि हर नागरिक को योग को अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करना चाहिए ताकि एक स्वस्थ, जागरूक और संतुलित समाज का निर्माण संभव हो सके।

बच्चों और युवाओं में दिखा योग के प्रति उत्साह

कार्यक्रम की सबसे खास बात रही युवाओं और बच्चों की भागीदारी। मुख्यमंत्री ने बच्चों से संवाद कर उनके जोश की सराहना की। कई विद्यालयों के छात्र-छात्राएं पारंपरिक वेशभूषा में योग करते नजर आए, जो कार्यक्रम को सांस्कृतिक रंगों से भी भरपूर बना रहे थे। राज्य सरकार की इस नीति से न सिर्फ आमजन को लाभ मिलेगा, बल्कि यह उत्तराखंड के योग पर्यटन को भी नई पहचान दिलाएगा। 

ऋषिकेश, हरिद्वार, उत्तरकाशी और बद्रीनाथ जैसे तीर्थ स्थल अब योग गांव और आध्यात्मिक केंद्र के रूप में विकसित किए जाएंगे। इससे न केवल स्वास्थ्य पर्यटन को बल मिलेगा, बल्कि रोजगार और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।

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