शीतला अष्टमी का पर्व देवी शीतला को समर्पित है, जो रोग, अशुद्धता और संकटों से रक्षा करती हैं। यह पर्व विशेष रूप से उत्तर भारत में आस्था, उपवास और परंपराओं के साथ मनाया जाता है। साल 2025 में शीतला अष्टमी 19 जून, गुरुवार को मनाई जाएगी। इस दिन व्रत रखने और माता शीतला की विधिपूर्वक पूजा करने से जीवन के अनेक कष्ट दूर होते हैं, साथ ही धन, स्वास्थ्य और सुख-शांति की प्राप्ति होती है।
माना जाता है कि इस दिन देवी को बासी भोजन (जिसे 'शीतल' कहा जाता है) का भोग लगाया जाता है और प्रसाद के रूप में वही भोजन भक्त स्वयं भी ग्रहण करते हैं। यह पूजा न केवल परंपरा का हिस्सा है बल्कि स्वास्थ्य और पर्यावरण की शुद्धता का भी प्रतीक मानी जाती है। शीतला देवी को स्वच्छता और आरोग्य की देवी कहा जाता है। इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और कई समस्याओं से छुटकारा भी मिलता है।
नौकरी में सफलता के लिए करें शीतला चालीसा का पाठ
अगर आप अपनी नौकरी को लेकर परेशान हैं, बार-बार प्रयास करने के बाद भी मनचाही सफलता नहीं मिल रही है, तो शीतला अष्टमी के दिन सुबह स्नान करके शुद्ध होकर शीतला चालीसा का एक बार पाठ करें। पाठ के बाद माता को पुष्प अर्पित करें और प्रार्थना करें। मान्यता है कि इस एक पाठ मात्र से भी कार्यक्षेत्र की बाधाएं दूर होती हैं और करियर में स्थायित्व आता है।
स्वास्थ्य और लंबी आयु के लिए करें मंत्र जाप
स्वस्थ जीवन और लंबी उम्र की कामना हर व्यक्ति करता है। इसके लिए शीतला अष्टमी के दिन देवी के इस विशेष मंत्र का जाप करें:
'मृणाल तन्तु सदृशीं नाभि हृन्मध्य संस्थिताम्। यस्त्वां संचिन्त येद्देवि तस्य मृत्युर्न जायते॥'
यह मंत्र रोग नाशक और दीर्घायु देने वाला माना जाता है। इस मंत्र का जाप 108 बार करें और माता से निरोगी जीवन की प्रार्थना करें।
परिवार में सुख-शांति के लिए करें शीतलाष्टक स्तोत्र का जाप
परिवार में यदि किसी प्रकार की अशांति बनी रहती है या सदस्यों में तालमेल नहीं है, तो शीतला अष्टमी के दिन शीतलाष्टक स्तोत्र में वर्णित यह मंत्र पढ़ें:
'शीतले त्वं जगन्माता शीतले त्वं जगत्पिता।
शीतले त्वं जगद्धात्री शीतलायै नमो नमः॥'
इस मंत्र का श्रद्धा से जाप करने से घर का वातावरण शांत और प्रसन्नचित्त होता है। पारिवारिक रिश्ते मजबूत बनते हैं।
तरक्की और उन्नति के लिए जलाएं घी का दीपक
शाम को शीतला माता की पूजा के समय उनके सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं और शीतला माता की आरती करें। इस साधारण से उपाय से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और तरक्की के रास्ते खुलते हैं। जो लोग व्यवसाय या किसी योजना में बार-बार असफल हो रहे हैं, उनके लिए यह उपाय अत्यंत लाभकारी है।
सुख-समृद्धि के लिए करें नौ अक्षरों का मंत्र जाप
घर की समृद्धि बनाए रखने के लिए शीतला अष्टमी पर इस मंत्र का जाप करें:
'ॐ ह्रीं श्रीं शीतलायै नमः'
स्नान आदि के बाद शांत चित्त होकर माता का ध्यान करें और 1 माला (108 बार) इस मंत्र का जाप करें। इस उपाय से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और घर में सुख-शांति का वास होता है।
बिजनेस को बुरे प्रभाव से बचाने के लिए करें नीम पूजन
व्यवसाय में अनचाहे संकट और नुकसान से बचने के लिए इस दिन नीम के पेड़ के पास जाएं और माता शीतला का ध्यान करके रोली, चावल से पूजन करें। नीम को देवी का प्रतीक मानकर उसकी पूजा करने से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और व्यापार में स्थिरता आती है।
जीवनसाथी की समस्याओं के लिए नीम का पेड़ लगाएं
अगर आपके जीवनसाथी को लगातार कोई परेशानी झेलनी पड़ रही है, तो शीतला अष्टमी के दिन अपने घर की पश्चिम दिशा में नीम का पेड़ लगाएं। रोज़ उस पेड़ की देखभाल करें और उसे प्रणाम करें। यह उपाय जीवनसाथी की समस्याओं से राहत दिलाता है और उनके स्वास्थ्य व मन की शांति के लिए लाभकारी माना जाता है।
शीतला अष्टमी न केवल धार्मिक आस्था का पर्व है, बल्कि स्वास्थ्य, स्वच्छता और सामूहिक कल्याण का संदेश देने वाला भी है। इस दिन किए गए छोटे-छोटे उपाय जीवन में बड़े बदलाव ला सकते हैं। चाहे नौकरी की चिंता हो, परिवार की शांति, स्वास्थ्य की समस्या या व्यवसाय में संकट – शीतला माता के इन उपायों से हर समस्या का समाधान संभव है।