केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्रों में पाकिस्तान की गोलाबारी से क्षतिग्रस्त मकानों की मरम्मत के लिए ₹25 करोड़ की अतिरिक्त सहायता राशि को मंजूरी दे दी है। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई उस घोषणा के बाद लिया गया है।
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर और पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में पाकिस्तान की तरफ से हो रही लगातार गोलाबारी से प्रभावित हजारों लोगों के लिए राहत की बड़ी खबर सामने आई है। केंद्र सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत गोलाबारी से क्षतिग्रस्त घरों के पुनर्निर्माण और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए 25 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता राशि मंजूर कर दी है।
यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस घोषणा के बाद लिया गया है, जिसमें उन्होंने सीमा पर रहने वाले नागरिकों की सुरक्षा और सम्मानजनक जीवन के लिए हरसंभव मदद का आश्वासन दिया था।
सीमाओं पर संकट, केंद्र ने थामा हाथ
पाकिस्तान की ओर से लगातार हो रही गोलीबारी ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ, राजौरी, कठुआ और सांबा जैसे सीमावर्ती जिलों को बार-बार हिला दिया है। कई गांवों में घर जलकर राख हो गए, धार्मिक स्थल और दुकानें उजड़ गईं और हजारों परिवार विस्थापित हो गए। ऐसे हालात में केंद्र सरकार की त्वरित कार्यवाही लोगों के लिए राहत की नई किरण बनकर आई है।
गृह मंत्रालय ने प्रधानमंत्री के निर्देश पर 25 करोड़ रुपये का विशेष राहत पैकेज स्वीकृत किया है, जिससे 2060 घरों के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया को गति दी जाएगी।
पूरा घर टूटा तो 2 लाख, आंशिक क्षति पर 1 लाख रुपये की मदद
नए पैकेज के तहत पूरी तरह से नष्ट हो चुके घरों के लिए 2 लाख रुपये और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों के लिए 1 लाख रुपये की अतिरिक्त सहायता दी जाएगी। यह राशि सीधे प्रभावित परिवारों के खातों में ट्रांसफर की जाएगी, ताकि वे तुरंत मरम्मत और पुनर्निर्माण शुरू कर सकें। गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया है कि यह सहायता केवल घरों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि धार्मिक स्थलों, स्कूलों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और अन्य सार्वजनिक संपत्तियों की मरम्मत में भी इसका उपयोग किया जाएगा।
केंद्र सरकार ने इस बात को भी स्पष्ट किया है कि यह सहायता केवल जम्मू-कश्मीर तक सीमित नहीं रहेगी। पंजाब के सीमावर्ती जिलों जैसे गुरदासपुर, पठानकोट और फाजिल्का जहां पाकिस्तान की गोलीबारी का असर पड़ा है, वहां भी पीड़ित परिवारों को यही आर्थिक सहायता मिलेगी। यह पहली बार है जब सीमा पार से हो रहे हमलों के मद्देनजर केंद्र ने एक एकीकृत राहत नीति तैयार की है, जिसमें दोनों राज्यों को बराबर प्राथमिकता दी जा रही है।
पुंछ दौरे पर अमित शाह, दी अनुकंपा नियुक्तियां
29-30 मई को गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले का दौरा किया था, जहां उन्होंने गोलीबारी में मारे गए लोगों के परिवारों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति पत्र भी सौंपे और आश्वासन दिया कि केंद्र उनके साथ खड़ा है। गृह मंत्रालय के मुताबिक, जिन परिवारों के सदस्य गोलीबारी में मारे गए हैं, उन्हें केंद्र सरकार की नौकरियों में प्राथमिकता के साथ नियुक्ति दी जाएगी।
पाकिस्तान की उकसावे वाली कार्रवाई के जवाब में भारत सरकार ने जहां सैन्य मोर्चे पर सख्ती बरती है, वहीं नागरिक मोर्चे पर संवेदनशीलता और मानवीय सहायता को प्राथमिकता दी है। अब तक सीमावर्ती जिलों से 3.25 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इनमें से लगभग 15,000 लोगों को 397 अस्थायी राहत शिविरों में बसाया गया, जहां भोजन, पेयजल, स्वास्थ्य सुविधा, बिजली और शिक्षा जैसी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मिली रिपोर्टों के अनुसार, मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे और चर्चों को भी नुकसान पहुंचा है। केंद्र सरकार ने ऐलान किया है कि इन धार्मिक स्थलों के पुनर्निर्माण के लिए अलग से राशि आवंटित की जाएगी, ताकि सांप्रदायिक सौहार्द और सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखा जा सके।