भारतीय पुरुष हॉकी टीम को एफआईएच प्रो लीग 2024-25 के यूरोप चरण में एक बार फिर निराशा का सामना करना पड़ा है। 9 जून को खेले गए मुकाबले में मेजबान नीदरलैंड ने भारत को 3-2 से हराकर शानदार जीत दर्ज की।
स्पोर्ट्स न्यूज़: एफआईएच प्रो लीग 2024-25 के यूरोपीय चरण में भारतीय पुरुष हॉकी टीम को एक और झटका लगा है। 9 जून को खेले गए मुकाबले में नीदरलैंड ने भारत को 3-2 से शिकस्त दी, जो इस चरण में भारत की लगातार दूसरी हार है। इससे पहले 7 जून को भी भारत को मेजबान टीम से 1-2 से हार का सामना करना पड़ा था।
इस बार भी कहानी कुछ वैसी ही रही—भारत को भरपूर मौके मिले, खासकर 9 पेनल्टी कॉर्नर, लेकिन टीम उनमें से सिर्फ एक को गोल में तब्दील कर सकी। कमजोर फिनिशिंग और आखिरी समय में ढीली पड़ी डिफेंस ने भारत के हाथों से मैच छीन लिया।
आक्रामक शुरुआत, लेकिन कमजोर फिनिशिंग
भारतीय टीम ने मुकाबले की शुरुआत तेज और आक्रामक अंदाज़ में की। छठे ही मिनट में अभिषेक को गोल करने का सुनहरा मौका मिला, लेकिन उनका शॉट गोल पोस्ट से बाहर निकल गया। इसके बाद शिलानंद लाकड़ा ने भी एक उम्दा मूव बनाया, मगर उसे भी गोल में नहीं बदला जा सका। 18वें मिनट में भारत को पहला पेनल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन कप्तान हरमनप्रीत सिंह का शॉट नीदरलैंड की मजबूत डिफेंस ने रोक दिया। दो मिनट बाद, अभिषेक ने अपने 100वें मैच को यादगार बनाते हुए लाकड़ा के पास पर शानदार गोल किया और भारत को 1-0 की बढ़त दिला दी।
भारत की बढ़त ज्यादा देर टिक नहीं सकी। 24वें मिनट में नीदरलैंड के थीज वैन डैम ने शानदार गोल करते हुए स्कोर 1-1 कर दिया। इसके बाद तीसरे क्वार्टर में टी होडेमेकर्स ने 33वें मिनट में गोल कर नीदरलैंड को 2-1 से आगे कर दिया। इस दौरान भारत को एक के बाद एक 6 पेनल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन हरमनप्रीत सिंह और जुगराज सिंह इन मौकों को भुनाने में नाकाम रहे। यह भारत की सबसे बड़ी कमजोरी के रूप में सामने आई।
जुगराज ने लौटाई उम्मीद, फिर टूटा सपना
मैच के अंतिम क्वार्टर में भारत ने फिर से लय पाने की कोशिश की। 54वें मिनट में दो और पेनल्टी कॉर्नर मिले। इस बार जुगराज सिंह ने गोल दागकर स्कोर 2-2 कर दिया और उम्मीद जगा दी कि भारत कम से कम ड्रॉ निकाल लेगा। लेकिन यह खुशी ज्यादा देर नहीं टिक सकी। 57वें मिनट में यिप यानसेन ने नीदरलैंड के लिए दूसरा पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया और उसे गोल में बदलकर अपनी टीम को 3-2 की निर्णायक बढ़त दिला दी।
पूरे मैच में भारत को 9 पेनल्टी कॉर्नर मिले, जो किसी भी टीम के लिए गोल करने के बड़े मौके होते हैं, लेकिन सिर्फ एक गोल टीम की कमजोर स्ट्राइकिंग यूनिट को उजागर करता है। हरमनप्रीत जैसे अनुभवी ड्रैग-फ्लिकर के पास भी मौके थे, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई।
पॉइंट्स टेबल में भारत की हालत नाज़ुक
भुवनेश्वर चरण में भारत ने 8 मैचों में 15 अंक जुटाकर तीसरे स्थान पर रहकर शानदार शुरुआत की थी। लेकिन यूरोपीय चरण की लगातार दो हार ने भारत को टॉप पर पहुंचने की दौड़ से थोड़ा पीछे कर दिया है। यह लीग भारत के लिए अगले वर्ल्ड कप के क्वालीफिकेशन का रास्ता भी है, इसलिए हर मुकाबला अब ‘करो या मरो’ जैसा बन गया है।
भारत का अगला मुकाबला 11 जून को अर्जेंटीना के खिलाफ होगा। यह मैच भारत के लिए काफी अहम है क्योंकि यूरोपीय धरती पर वापसी की राह इसी मैच से शुरू हो सकती है। टीम मैनेजमेंट को पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने की रणनीति पर विशेष ध्यान देना होगा।