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Sonam Raghuvanshi Plan: राजा रघुवंशी हत्याकांड में पुलिस जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। मुख्य आरोपी सोनम रघुवंशी और उसके साथी हर हाल में राजा को मारना चाहते थे। हनीमून ट्रिप पर हत्या से पहले तीन नाकाम कोशिशें हो चुकी थीं और अब खुलासा हुआ है कि चौथे प्रयास में भी अगर हत्या न होती, तो एक और जानलेवा योजना तैयार थी।
पहले से बनी थी हत्या की योजना
राजा रघुवंशी की हत्या कोई तात्कालिक अपराध नहीं था, बल्कि पहले से सोची-समझी साजिश का हिस्सा था। सोनम रघुवंशी ने अपने प्रेमी राज कुशवाहा और अन्य साथियों के साथ मिलकर इस हत्या की एक लंबी श्रृंखला तैयार की थी। पुलिस जांच में अब यह खुलासा हुआ है कि उन्होंने पांच साजिशें रची थीं, जिनमें से चौथी में उन्हें सफलता मिली।
शादी से पहले तीन बार की गई थी हत्या की कोशिश
पुलिस के अनुसार, सोनम और राज ने शादी से पहले ही राजा को खत्म करने के तीन असफल प्रयास किए थे। इन सभी प्रयासों में कभी समय की कमी, कभी परिस्थितियां अनुकूल न होना जैसे कारणों से उन्हें सफलता नहीं मिली। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और हर बार नया प्लान बनाया।
हनीमून ट्रिप बना चौथा और सफल प्लान
शादी के बाद सोनम ने मेघालय में हनीमून ट्रिप की योजना बनाई। यह ट्रिप दरअसल राजा को खत्म करने का चौथा प्रयास था। सोनम और उसके साथी इस बार सफल रहे और राजा की हत्या कर दी गई। पुलिस को यह भी पता चला है कि इस ट्रिप की योजना केवल घूमने के लिए नहीं बल्कि हत्या की एक सोची-समझी चाल थी।
नहीं मरता तो तैयार था पांचवां प्लान
अब पुलिस पूछताछ में यह भी सामने आया है कि अगर राजा हनीमून ट्रिप पर भी बच जाता, तो सोनम और राज का एक और प्लान तैयार था। इस योजना के अनुसार, राजा को शिलांग से लगभग 80 किलोमीटर दूर डावकी ले जाकर उमनगाट नदी में फेंकने की तैयारी थी। डावकी बांग्लादेश की सीमा से सटा हुआ क्षेत्र है और वहां की गहराई तथा तेज धारा का फायदा उठाकर आरोपी सबूत मिटाना चाहते थे।
डावकी में बन चुका था हत्या का पूरा खाका
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सोनम और राज ने पहले से डावकी की रेकी कर रखी थी। उन्होंने इस क्षेत्र की भौगोलिक स्थितियों को ध्यान में रखते हुए योजना बनाई थी। उनका इरादा था कि नदी में फेंके जाने के बाद शव का मिलना मुश्किल होगा और पुलिस भी भ्रमित हो जाएगी।
एसआईटी की पूछताछ में हुआ खुलासा
विशेष जांच दल (SIT) ने सोनम रघुवंशी और उसके सभी साथियों को अलग-अलग लॉकअप में रखकर पूछताछ की। इसका मकसद था कि आरोपी एक-दूसरे से संपर्क में न आ सकें और सच्चाई सामने आ सके। इसी पूछताछ के दौरान पांचवीं साजिश का खुलासा हुआ।