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Middle East में बढ़ा न्यूक्लियर तनाव, इजरायल के हमले पर ईरान की प्रतिक्रिया

Middle East में बढ़ा न्यूक्लियर तनाव, इजरायल के हमले पर ईरान की प्रतिक्रिया

इजरायल ने ड्रोन हमले में ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया। ऑपरेशन 'राइजिंग लायन' में नतांज सहित कई संयंत्रों को नुकसान पहुंचा। ईरान ने सीमित क्षति की पुष्टि की, लेकिन बड़े नुकसान से इनकार किया।

Israel Iran conflict: इजरायल और ईरान के बीच चल रहा तनाव अब सीधे सैन्य टकराव में बदल गया है। इजरायली सेना ने ऑपरेशन "राइजिंग लायन" के तहत ईरान के कई अहम परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया। गुरुवार देर रात हुए इन हमलों में नतांज, शिराज और तबरीज में स्थित परमाणु संयंत्रों को टारगेट किया गया। इजरायल का दावा है कि उसके हमलों से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को भारी नुकसान हुआ है।

नतांज पर सबसे बड़ा हमला

इजरायली रक्षा बलों (IDF) ने इस अभियान के तहत नतांज संयंत्र पर सबसे बड़ा हमला किया, जिसे ईरान के परमाणु कार्यक्रम का 'दिल' कहा जाता है। यही वो स्थान है जहां ईरान ने अपने यूरेनियम संवर्धन की गतिविधियां केंद्रित कर रखी हैं। यह संयंत्र अंतरराष्ट्रीय नजर में हमेशा से संवेदनशील रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हमले में छह परमाणु वैज्ञानिकों की मौत हुई है।

ईरान ने भी नुकसान की पुष्टि की

ईरान ने शुरू में हमले की खबरों को नजरअंदाज किया, लेकिन शनिवार को ईरान की परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने स्वीकार किया कि उसके फोर्डो (Fordow) स्थित संयंत्र को नुकसान पहुंचा है। एजेंसी के प्रवक्ता बेहरोज कमालवंडी ने कहा कि "थोड़ा बहुत नुकसान हुआ है, लेकिन संवर्धन की सामग्री पहले ही हटा ली गई थी। कोई रेडिएशन का खतरा नहीं है और क्षति सीमित है।"

फोर्डो साइट पर ईरान की गतिविधियां

फोर्डो यूरेनियम संवर्धन केंद्र (FFEP) भूमिगत सुविधा है, जहां ईरान अपने उच्च क्षमता वाले IR-6 सेंट्रीफ्यूज से संवर्धन करता है। अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन पहले ही इस साइट को लेकर सतर्क रहे हैं। साल 2009 में इन देशों ने खुलासा किया था कि ईरान इस जगह पर करीब 2000 हाई-टेक सेंट्रीफ्यूज चला रहा है।

नतांज संयंत्र का स्ट्रैटेजिक महत्व

नतांज संयंत्र इस्फहान प्रांत में स्थित है और यह ईरान के संवर्धन कार्यक्रम की रीढ़ है। यहाँ दो मुख्य प्लांट काम करते हैं:

फ्यूल एनरिचमेंट प्लांट (FEP): भूमिगत संयंत्र जिसमें करीब 50,000 सेंट्रीफ्यूज लगाने की क्षमता है। वर्तमान में यहां 14,000 सेंट्रीफ्यूज काम कर रहे हैं, जिनमें 11,000 सक्रिय हैं। ये यूरेनियम को 5 प्रतिशत तक संवर्धित कर सकते हैं।

पायलट फ्यूल एनरिचमेंट प्लांट (PFEP): यह जमीन के ऊपर है, जिसमें कुछ सौ सेंट्रीफ्यूज हैं जो 60 प्रतिशत तक की शुद्धता से यूरेनियम संवर्धित करते हैं। यह स्तर 90 प्रतिशत की उस सीमा के बहुत करीब है, जो परमाणु हथियार निर्माण के लिए आवश्यक होती है।

इजरायल का मिशन और उसकी रणनीति

IDF के अनुसार, ऑपरेशन राइजिंग लायन पूरी तैयारी से अंजाम दिया गया था। इस मिशन में ड्रोन और लंबी दूरी की मिसाइलों का इस्तेमाल हुआ। इजरायली सैन्य सूत्रों का दावा है कि इस हमले से ईरान का परमाणु कार्यक्रम महीनों पीछे चला गया है।

अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की नजरें टिकीं

IAEA (International Atomic Energy Agency) पहले ही ईरान के संवर्धित यूरेनियम के स्टॉक पर चिंता जता चुका है। एजेंसी के मुताबिक, ईरान के पास इतना संवर्धित यूरेनियम मौजूद है कि वह कुछ ही हफ्तों में एक परमाणु बम बना सकता है। यही वजह है कि नतांज जैसे केंद्र पर हमला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गंभीर माना जा रहा है।

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