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समय पर पीरियड्स न आना: सिर्फ प्रेग्नेंसी नहीं, ये कारण भी हो सकते हैं ज़िम्मेदार – जानें समाधान और सावधानियां

समय पर पीरियड्स न आना: सिर्फ प्रेग्नेंसी नहीं, ये कारण भी हो सकते हैं ज़िम्मेदार – जानें समाधान और सावधानियां

महिलाओं के मासिक धर्म चक्र का नियमित होना उनके संपूर्ण स्वास्थ्य और हार्मोनल संतुलन का संकेत होता है। लेकिन जब पीरियड्स समय पर नहीं आते या बार-बार देर से आते हैं, तो महिलाओं में चिंता होना स्वाभाविक है। अक्सर पहला संदेह प्रेगनेंसी का होता है, लेकिन जब प्रेगनेंसी की रिपोर्ट नेगेटिव आती है, तब असली कारणों को समझना जरूरी हो जाता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि मासिक धर्म में देरी कई शारीरिक, मानसिक और हार्मोनल कारणों की वजह से हो सकती है। आइए जानते हैं कि आखिर क्यों देर से आते हैं पीरियड्स और किन उपायों से इसे ठीक किया जा सकता है।

तनाव (Stress): चुपचाप बिगाड़ देता है शरीर का संतुलन

वर्तमान जीवनशैली में तनाव लगभग हर महिला की जिंदगी का हिस्सा बन चुका है। जब शरीर अत्यधिक तनाव में होता है, तब ब्रेन में स्थित हाइपोथैलेमस ग्रंथि प्रभावित होती है, जो पीरियड्स को नियंत्रित करने वाले हार्मोन के संकेतों को गड़बड़ा देती है। नतीजा – पीरियड्स समय पर नहीं आते।

क्या करें

  • रोज़ाना हल्की फुल्की एक्सरसाइज करें जिससे एंडोर्फिन रिलीज हो और मूड बेहतर हो।
  • मेडिटेशन और योग को दिनचर्या में शामिल करें।
  • पर्याप्त नींद लें और नींद का समय तय रखें।
  • जरूरत महसूस हो तो किसी करीबी से अपने मन की बात शेयर करें।

अचानक वजन बढ़ना या घटना

बहुत तेज़ी से वजन घटाना या बढ़ाना भी मासिक धर्म में देरी का प्रमुख कारण होता है। वजन में बदलाव से शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन जैसे महत्वपूर्ण हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं। अधिक वजन वाली महिलाओं में अक्सर पीसीओडी जैसी स्थितियां विकसित हो सकती हैं।

क्या करें

  • संतुलित और पौष्टिक आहार लें।
  • रोजाना कम से कम 30 मिनट फिजिकल एक्टिविटी में भाग लें।
  • अधिक फैट और शुगर युक्त भोजन से परहेज करें।
  • हेल्थ चेकअप कराएं कि कहीं वजन बढ़ने का कारण हार्मोनल तो नहीं है।

थायरॉइड असंतुलन

गर्दन में स्थित थायरॉइड ग्रंथि शरीर की मेटाबॉलिक एक्टिविटी के साथ-साथ पीरियड्स को भी नियंत्रित करती है। हाइपोथायरॉइडिज्म (थायरॉइड का कम काम करना) या हाइपरथायरॉइडिज्म (ज्यादा काम करना) दोनों स्थितियों में पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं या देर से आ सकते हैं।

क्या करें

  • नियमित रूप से थायरॉइड की जांच कराएं।
  • डॉक्टर के अनुसार थायरॉइड मेडिकेशन लें और डोज़ मिस न करें।
  • आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थों को आहार में शामिल करें।

पीसीओडी (PCOD): सबसे सामान्य हार्मोनल समस्या

आज के समय में हर 5 में से 1 महिला पीसीओडी से प्रभावित है। यह स्थिति तब होती है जब अंडाशय में सिस्ट बन जाते हैं और ओवुलेशन प्रक्रिया बाधित होती है। इससे पीरियड्स देर से आना, अनियमित होना या कई बार महीनों तक गायब रहना आम बात हो जाती है।

क्या करें

  • वजन कंट्रोल में रखें और एक्टिव रहें।
  • शुगर और प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाएं।
  • डॉक्टर की सलाह से उचित दवाएं और जीवनशैली में बदलाव करें।

अत्यधिक एक्सरसाइज या शारीरिक मेहनत

अगर कोई महिला बहुत अधिक वर्कआउट या स्ट्रेंथ ट्रेनिंग कर रही है, तो इससे शरीर में वसा प्रतिशत कम हो सकता है और हार्मोनल असंतुलन हो सकता है। ऐसे में पीरियड्स रुक सकते हैं या अनियमित हो सकते हैं।

क्या करें

  • शरीर की क्षमता के अनुसार वर्कआउट करें।
  • पर्याप्त ऊर्जा और पोषणयुक्त भोजन लें।
  • थकान महसूस हो तो शरीर को आराम दें।

अन्य कारण

  • कई दवाओं का सेवन, जैसे एंटी-डिप्रेशन मेडिकेशन।
  • बर्थ कंट्रोल पिल्स या हार्मोनल गर्भनिरोधकों का प्रयोग।
  • मेनोपॉज़ के पहले की स्थिति (Perimenopause) में भी पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं।

पीरियड्स में देरी को कैसे नियंत्रित करें?

  • पोषण से भरपूर आहार लें जिसमें आयरन, फोलेट, विटामिन B और C पर्याप्त मात्रा में हों।
  • हार्मोन बैलेंस बनाए रखने के लिए सोयाबीन, मेथीदाना, अलसी आदि को आहार में शामिल करें।
  • हर्बल चाय, जैसे दालचीनी या अदरक की चाय पीरियड्स रेगुलेट करने में मदद कर सकती है।
  • लंबे समय तक समस्या बने रहने पर खुद इलाज करने की बजाय किसी अनुभवी स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह लें।

पीरियड्स में देरी केवल गर्भधारण का संकेत नहीं है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे तनाव, थायरॉइड, वजन में बदलाव या पीसीओडी। जरूरी है कि महिलाएं अपने शरीर के इन संकेतों को समझें और लापरवाही न करें। नियमित जीवनशैली, संतुलित आहार और मानसिक शांति बनाए रखकर इस समस्या से काफी हद तक बचा जा सकता है। यदि समस्या लंबे समय तक बनी रहती है, तो तुरंत किसी विशेषज्ञ से संपर्क करें ताकि समय रहते सही इलाज हो सके। आपकी जागरूकता ही आपके अच्छे स्वास्थ्य की कुंजी है।

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