Columbus

तुर्की में आर्थिक संकट गहराया: 46% ब्याज दर के साथ बना दुनिया का सबसे ऊंचा पॉलिसी रेट

तुर्की में आर्थिक संकट गहराया: 46% ब्याज दर के साथ बना दुनिया का सबसे ऊंचा पॉलिसी रेट

पाकिस्तान के करीबी दोस्त तुर्की में इस समय दुनिया की सबसे ज़्यादा ब्याज़ दरें (interest rates) हैं. तुर्की का आर्थिक संकट 10 अगस्त 2018 को शुरू हुआ था. उस वक्त अमेरिका के साथ चल रहे विवाद के कारण तुर्की की करेंसी लीरा बुरी तरह गिर गई थी.

तुर्की: एक ओर जहाँ भारत सहित दुनिया के कई देशों में ब्याज़ दरें घट रही हैं, वहीं पाकिस्तान का करीबी दोस्त तुर्की गहरे आर्थिक संकट में फँसा हुआ है. तुर्की की केंद्रीय बैंक दर (पॉलिसी रेट) इस समय 46% है, जो दुनिया में सबसे ज़्यादा है. यह आँकड़ा भारत की 5.5% की दर से लगभग नौ गुना अधिक है. तुर्की की यह बदहाली 2018 से जारी है, जब अमेरिका के साथ राजनीतिक तनाव के बाद उसकी मुद्रा 'लीरा' बुरी तरह ढह गई थी. तब से यह देश आर्थिक सुधार के लिए लगातार संघर्ष कर रहा है, और विडंबना यह है कि उसका 'भाई' पाकिस्तान भी इसी राह पर चलते हुए दिवालियेपन की कगार पर पहुँच चुका है

तुर्की में संकट की शुरुआत: अमेरिका से झगड़े ने तोड़ी कमर

तुर्की का आर्थिक पतन 10 अगस्त 2018 को शुरू हुआ, जब तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तुर्की पर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए। इसकी वजह थी तुर्की द्वारा अमेरिकी धरती पर एक पादरी की गिरफ्तारी। ट्रंप ने तुर्की के स्टील और एल्युमिनियम पर टैरिफ बढ़ा दिया, जिसके बाद तुर्की की मुद्रा 'लीरा' का भारी अवमूल्यन हो गया। महज 47 दिनों में लीरा, डॉलर के मुकाबले 35% गिर गई। इसके बाद से तुर्की कभी भी पटरी पर नहीं लौट सका।

इस संकट ने तुर्की के आम लोगों की जिंदगी को बुरी तरह प्रभावित किया। महंगाई आसमान छूने लगी, बेरोजगारी बढ़ी और बैंकों से लोन लेना मुश्किल हो गया। आज तुर्की में ब्याज दरें इतनी ऊंची हैं कि कोई भी व्यवसायी या आम आदमी कर्ज लेने से डरता है।

दुनिया में ब्याज दरों का हाल: तुर्की सबसे ऊपर, भारत की स्थिति बेहतर

तुर्की (46%) के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा ब्याज दर अर्जेंटीना (29%) की है, जो लंबे समय से आर्थिक अस्थिरता से जूझ रहा है। उसके बाद रूस (20%) का नंबर आता है, जो यूक्रेन युद्ध के कारण आर्थिक प्रतिबंधों का सामना कर रहा है। ब्राजील (14.75%), मैक्सिको (8.5%) और दक्षिण अफ्रीका (7.25%) भी ऊंची ब्याज दरों वाले देशों में शामिल हैं।

इसके विपरीत, भारत में रिजर्व बैंक ने हाल ही में रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती की है, जिससे यह 5.5% पर आ गया है। यह दर अमेरिका (4.5%), ब्रिटेन (4.25%) और सऊदी अरब (5%) से थोड़ी ही अधिक है। चीन (3%), जापान (0.5%) और स्विट्जरलैंड (0.25%) जैसे देशों में ब्याज दरें बेहद कम हैं, जो उनकी स्थिर अर्थव्यवस्था को दर्शाती हैं।

क्या पाकिस्तान भी तुर्की के रास्ते पर?

तुर्की की तरह पाकिस्तान भी गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। पाकिस्तान की मुद्रा 'रुपया' लगातार गिरावट का सामना कर रही है, और देश दिवालियेपन के कगार पर है। पाकिस्तान ने तुर्की के साथ मजबूत राजनीतिक संबंध बनाए हैं, लेकिन दोनों देशों की आर्थिक हालत एक जैसी है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से मदद लेने के बावजूद पाकिस्तान की स्थिति में सुधार नहीं हो रहा।

Leave a comment