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उत्तराखंड पंचायत चुनाव 2025: दो चरणों में होगी वोटिंग, 18 जुलाई को खुलेगा भाग्य का पिटारा

उत्तराखंड पंचायत चुनाव 2025: दो चरणों में होगी वोटिंग, 18 जुलाई को खुलेगा भाग्य का पिटारा

उत्तराखंड में पंचायत चुनावों की घोषणा हो गई है और इसकी तैयारियों को लेकर निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने विस्तृत कार्यक्रम जारी कर दिया है। राज्य में दो चरणों में पंचायत चुनाव कराए जाएंगे, जिसमें ग्राम स्तर से लेकर जिला स्तर तक के प्रतिनिधियों का चुनाव होगा।

देहरादून: उत्तराखंड में पंचायती लोकतंत्र की सबसे अहम प्रक्रिया पंचायत चुनाव का ऐलान हो चुका है। राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने शुक्रवार को पंचायत चुनाव 2025 की तारीखों की घोषणा करते हुए बताया कि इस बार चुनाव दो चरणों में कराए जाएंगे। चुनाव की औपचारिक घोषणा के साथ ही प्रदेश भर में आदर्श आचार संहिता लागू कर दी गई है, जिससे राज्य में चुनावी सरगर्मियां चरम पर पहुंच गई हैं।

इन पदों के लिए होंगे चुनाव

इस बार के चुनाव में ग्राम स्तर से लेकर जिला पंचायत तक कुल लाखों मतदाता अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करेंगे। निर्वाचन आयोग द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार:

  • 74,499 ग्राम प्रधान
  • 55,600 ग्राम पंचायत सदस्य
  • 2,974 क्षेत्र पंचायत सदस्य
  • 358 जिला पंचायत सदस्य

चुने जाएंगे। इन सभी पदों के लिए हजारों प्रत्याशी मैदान में उतरने को तैयार हैं, और गांव-गांव में चुनावी हलचल देखने को मिल रही है।

निर्वाचन कार्यक्रम: कब क्या होगा?

राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित कार्यक्रम के मुताबिक, चुनावी प्रक्रिया इस तरह आगे बढ़ेगी:

  • 23 जून: जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा विस्तृत अधिसूचना जारी की जाएगी।
  • 25-28 जून: उम्मीदवार अपने नामांकन पत्र दाखिल कर सकेंगे।
  • 29 जून - 1 जुलाई: नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी।
  • 2 जुलाई: नाम वापसी की अंतिम तिथि होगी।

मतदान दो चरणों में आयोजित होंगे

1. पहला चरण

  • 3 जुलाई: चुनाव चिन्ह आवंटन
  • 10 जुलाई: मतदान

2. दूसरा चरण

  • 8 जुलाई: चुनाव चिन्ह आवंटन
  • 15 जुलाई: मतदान
  • 18 जुलाई: दोनों चरणों की मतगणना एक साथ होगी।

राज्यभर में लागू हुई आचार संहिता

चुनाव की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता राज्यभर में लागू कर दी गई है। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने साफ तौर पर कहा कि किसी भी स्तर पर चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिला प्रशासन और पुलिस विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि चुनाव के दौरान कानून व्यवस्था बनी रहे, और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो।

राज्य में चुनाव कार्यक्रम घोषित होते ही राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में चाय की दुकानों से लेकर चौपालों तक, हर जगह पंचायत चुनाव की चर्चा हो रही है। उम्मीदवार मतदाताओं को लुभाने के लिए अपनी उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं को लेकर प्रचार अभियान तेज कर चुके हैं। कई स्थानों पर ‘डोर टू डोर’ अभियान शुरू हो गया है, जहां प्रत्याशी घर-घर जाकर वोट मांग रहे हैं।

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