नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने महात्मा गांधी (नई) श्रृंखला के तहत 20 रुपये के नए बैंक नोट जारी करने की घोषणा की है। इन नए नोटों पर हाल ही में नियुक्त किए गए आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा के हस्ताक्षर होंगे।
गौरतलब है कि आरबीआई गवर्नर बदले जाने के बाद नए हस्ताक्षर वाले नोट जारी किया जाना एक नियमित प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया के तहत 20 रुपये के इन नए नोटों का डिजाइन, रंग, आकार और सुरक्षा फीचर्स पूर्ववर्ती नोटों के समान ही होंगे। केवल गवर्नर के हस्ताक्षर में परिवर्तन किया जाएगा।
पुराने नोटों की वैधता पर स्थिति स्पष्ट
रिजर्व बैंक ने यह स्पष्ट किया है कि मौजूदा 20 रुपये के नोट, जिन पर पूर्व गवर्नरों के हस्ताक्षर हैं, वे पूरी तरह से वैध और चलन में बने रहेंगे। इन्हें बदलने की न तो आवश्यकता है और न ही कोई निर्देश जारी किया गया है।
आरबीआई अधिनियम, 1934 के प्रावधानों के अनुसार, जब तक किसी विशेष नोट को औपचारिक रूप से चलन से वापस नहीं लिया जाता, तब तक वह भारत में भुगतान के लिए वैध रहता है।
नोट छपाई और वितरण की प्रक्रिया
भारत में बैंक नोटों की छपाई चार प्रमुख मुद्रण प्रेसों में होती है –
- नासिक (महाराष्ट्र)
- देवास (मध्य प्रदेश)
- मैसूर (कर्नाटक)
- सालबोनी (पश्चिम बंगाल)
इनमें से नासिक और देवास स्थित प्रेसें भारतीय प्रतिभूति मुद्रण एवं मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड (SPMCIL) के अंतर्गत आती हैं, जबकि मैसूर और सालबोनी की प्रेसें भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड (BRBNMPL) के अंतर्गत संचालित होती हैं।
नए नोटों का वितरण बैंकों और एटीएम के माध्यम से चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। आरंभिक चरण में ये नोट सीमित मात्रा में जारी होंगे और धीरे-धीरे पूरे देश में प्रचलन में आ जाएंगे।
आम जनता के लिए क्या है असर
इस परिवर्तन का आम जनता पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। पुराने और नए दोनों प्रकार के नोट एक साथ लेन-देन में चलते रहेंगे। लोगों को पुराने नोट बदलवाने या जमा कराने की कोई आवश्यकता नहीं है।
यह एक प्रक्रियात्मक बदलाव है, जिसका उद्देश्य केवल नोटों पर वर्तमान गवर्नर के हस्ताक्षर को शामिल करना है।
20 रुपये के नए नोटों की घोषणा भारतीय रिजर्व बैंक की एक नियमित प्रक्रिया का हिस्सा है। पुराने नोटों को लेकर किसी तरह की भ्रम की स्थिति नहीं होनी चाहिए। वे पूर्ववत चलन में बने रहेंगे और पूर्ण रूप से वैध होंगे।