NSE ने फ्यूचर और ऑप्शन सेगमेंट में 9 नए शेयर जोड़े हैं। भारत डायनामिक्स, रेल विकास निगम और ब्लू स्टार जैसे प्रमुख शेयर अब F&O में ट्रेड होंगे। लॉट साइज भी तय किए गए हैं।
NSE F&O Stocks: भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों के लिए एक बड़ी खबर आई है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने फ्यूचर एंड ऑप्शन (F&O) सेगमेंट में 9 नए शेयरों को शामिल किया है। इस फैसले के बाद इन कंपनियों के शेयरों में ट्रेडिंग के नए अवसर खुल गए हैं। आइए जानते हैं, किन-किन कंपनियों के शेयर F&O सेगमेंट में शामिल हुए हैं, उनका लॉट साइज क्या है, और इसका निवेशकों पर क्या असर पड़ेगा।
F&O सेगमेंट में शामिल हुए ये 9 नए शेयर
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने भारत डायनामिक्स लिमिटेड (BDL), रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) और अन्य कंपनियों के शेयरों को F&O सेगमेंट में शामिल किया है। इन शेयरों के लिए अलग-अलग लॉट साइज भी तय किए गए हैं। F&O सेगमेंट में शामिल होने का मतलब है कि अब इन कंपनियों के शेयरों पर फ्यूचर और ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स के जरिए ट्रेडिंग की जा सकेगी। यह शेयर बाजार में ट्रेड करने वालों के लिए नए मौके लेकर आया है।
नए शेयरों की पूरी लिस्ट और उनके लॉट साइज कुछ इस प्रकार हैं:
- भारत डायनामिक्स लिमिटेड (BDL) – लॉट साइज 325
- ब्लू स्टार लिमिटेड (BLUESTARCO) – लॉट साइज 325
- फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड (FORTIS) – लॉट साइज 775
- केयंस टेक्नोलॉजी इंडिया लिमिटेड (KAYNES) – लॉट साइज 100
- मैनकाइंड फार्मा लिमिटेड (MANKIND) – लॉट साइज 225
- मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MAZDOCK) – लॉट साइज 175
- पीरामल फार्मा लिमिटेड (PPLPHARMA) – लॉट साइज 2500
- रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) – लॉट साइज 1375
- यूएनओ मिंडा लिमिटेड (UNOMINDA) – लॉट साइज 550
F&O सेगमेंट में शामिल होने का मतलब क्या होता है?
F&O यानी Futures और Options, शेयर बाजार का डेरिवेटिव्स (Derivatives) सेगमेंट होता है। इस सेगमेंट में ट्रेडिंग कॉन्ट्रैक्ट्स के जरिए होती है, जिनका आधार किसी स्टॉक, इंडेक्स या कमोडिटी पर होता है। यह सेगमेंट मुख्य रूप से दो प्रकार के कॉन्ट्रैक्ट्स पर आधारित होता है:
Futures Contract – इसमें भविष्य में किसी निश्चित तारीख पर एक निश्चित कीमत पर शेयर खरीदने या बेचने का समझौता होता है।
Options Contract – इसमें निवेशक को यह अधिकार (लेकिन बाध्यता नहीं) मिलता है कि वह किसी निश्चित तारीख पर शेयर को एक तय कीमत पर खरीदे या बेचे।
F&O सेगमेंट में ट्रेडिंग करना जोखिम भरा हो सकता है। इसमें मुनाफा तो हो सकता है, लेकिन नुकसान का खतरा भी बहुत ज्यादा होता है। इसलिए नए निवेशकों को इसमें सावधानी से कदम रखना चाहिए।
SEBI की चेतावनी और F&O में जोखिम
भारतीय बाजार नियामक SEBI ने भी F&O ट्रेडिंग को लेकर चेतावनी दी है। SEBI की रिपोर्ट के अनुसार, F&O ट्रेडिंग करने वाले 90% निवेशक घाटे में रहते हैं। 2022 से 2024 के बीच किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि ज्यादातर ट्रेडर्स ने औसतन ₹2 लाख का नुकसान झेला। इस दौरान कुल नुकसान ₹1.8 लाख करोड़ से ज्यादा हुआ। यह आंकड़े बताते हैं कि F&O सेगमेंट में बिना पूरी जानकारी और अनुभव के ट्रेड करना काफी जोखिम भरा है।
F&O ट्रेडिंग क्यों होती है लोकप्रिय?
F&O सेगमेंट में ट्रेडिंग की लोकप्रियता की वजहें कई हैं। इसमें निवेशक कम पूंजी के साथ बड़े सौदे कर सकते हैं, यानी leverage का फायदा उठाया जा सकता है। इसके अलावा, यह हेजिंग (Hedging) का भी एक जरिया है। जैसे अगर किसी निवेशक के पास पहले से किसी कंपनी के शेयर हैं, तो वह F&O के जरिए अपने पोर्टफोलियो को बाजार में गिरावट के खतरे से बचा सकता है।
हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि F&O सेगमेंट में ट्रेडिंग करना सट्टेबाजी जैसा भी बन सकता है। कई निवेशक जल्द पैसा कमाने की चाह में बिना प्लानिंग के इसमें कूद पड़ते हैं, जिससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है।
निवेशकों के लिए सलाह: सोच-समझकर करें F&O ट्रेडिंग
अगर आप भी F&O ट्रेडिंग में दिलचस्पी रखते हैं, तो यह जरूरी है कि आप पहले बाजार को अच्छे से समझें। बिना रिसर्च के सिर्फ सुन-सुनाकर ट्रेडिंग करना आपको नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए ट्रेडिंग से पहले इन बातों पर ध्यान दें:
- जिस कंपनी के शेयर में आप F&O ट्रेड करना चाहते हैं, उसके फंडामेंटल्स, बिजनेस मॉडल और ग्रोथ पोटेंशियल को समझें।
- अपने रिस्क को कंट्रोल करने के लिए स्टॉप लॉस जैसे टूल्स का इस्तेमाल करें।
- छोटे-छोटे ट्रांजेक्शन्स से शुरुआत करें और धीरे-धीरे अनुभव बढ़ाएं।
- F&O को शॉर्टकट कमाई का जरिया न समझें, यह एक हेजिंग टूल है, जिसे सही रणनीति के साथ इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
भारत डायनामिक्स और RVNL जैसे शेयरों पर नजर रखें
भारत डायनामिक्स और रेल विकास निगम जैसे शेयर अब F&O सेगमेंट में शामिल हो गए हैं। यह कंपनियां अपनी-अपनी इंडस्ट्री में अहम भूमिका निभाती हैं। भारत डायनामिक्स रक्षा क्षेत्र में काम करती है, जबकि RVNL रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी है। इन दोनों कंपनियों में लॉन्ग-टर्म पोटेंशियल भी देखा जा रहा है। ऐसे में अगर आप F&O ट्रेडिंग करना चाहते हैं, तो इन कंपनियों के शेयरों की मूवमेंट और वॉल्यूम पर नजर रखना जरूरी है।