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SPARC के शेयरों में 20% की भारी गिरावट: दवा ट्रायल में फेल, कंपनी ने रिसर्च बंद करने का किया ऐलान

SPARC के शेयरों में 20% की भारी गिरावट: दवा ट्रायल में फेल, कंपनी ने रिसर्च बंद करने का किया ऐलान

SPARC की दवा Vibozilimod दोनों क्लिनिकल ट्रायल में फेल हो गई। कंपनी ने दवा पर रिसर्च बंद करने का निर्णय लिया। इसके बाद SPARC के शेयर 20% टूटकर ₹156.50 के लोअर सर्किट पर पहुंच गए।

SPARC Share Fall: बुधवार को सन फार्मा की रिसर्च यूनिट SPARC (Sun Pharma Advanced Research Company Limited) के शेयरों में अचानक तेज गिरावट देखी गई। कंपनी की एक नई दवा SCD-044 (Vibozilimod) दोनों चरणों के क्लिनिकल ट्रायल में असफल रही, जिसके चलते कंपनी ने इस दवा पर काम बंद करने का ऐलान कर दिया। यह खबर सामने आते ही निवेशकों में घबराहट फैल गई और SPARC के शेयरों में लगभग 20% की गिरावट दर्ज की गई।

लोअर सर्किट तक लुढ़के शेयर

BSE पर ट्रेडिंग के दौरान SPARC का शेयर गिरकर ₹156.50 के लोअर सर्किट पर पहुंच गया। बाजार में इतनी अधिक बिकवाली हुई कि शेयर को रोकने के लिए लोअर सर्किट का सहारा लेना पड़ा। हालांकि, दिन के अंत में इसमें थोड़ी बहुत रिकवरी देखी गई, लेकिन निवेशकों का भरोसा गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है।

किस बीमारी के इलाज के लिए थी दवा?

SCD-044 एक रिसर्च-आधारित दवा थी, जिसे दो स्किन डिज़ीज़—सोरायसिस (Psoriasis) और एटोपिक डर्मेटाइटिस (Atopic Dermatitis)—के इलाज के लिए तैयार किया जा रहा था। कंपनी ने इस दवा के लिए दो अलग-अलग ट्रायल प्रोग्राम चलाए:

  • SOLARES PsO, जो सोरायसिस के लिए था
  • SOLARES AD, जो एटोपिक डर्मेटाइटिस के लिए था

दोनों ही परीक्षणों में दवा ने उम्मीद के मुताबिक बेहतर नतीजे नहीं दिए।

दवा के क्लिनिकल ट्रायल्स में क्या हुआ?

कंपनी के मुताबिक, सोरायसिस के क्लिनिकल ट्रायल में 263 मरीजों को शामिल किया गया था, जबकि एटोपिक डर्मेटाइटिस के ट्रायल में 250 प्रतिभागी थे। इन ट्रायल्स में SCD-044 को तीन अलग-अलग डोज़ में टेस्ट किया गया और प्लेसबो (नकली दवा) के मुकाबले इसके प्रभाव की जांच की गई।

हालांकि, परिणामों में यह साफ हुआ कि Vibozilimod ने अपेक्षित असर नहीं दिखाया और प्राथमिक चिकित्सीय लक्ष्य (Primary Endpoints) को प्राप्त नहीं कर पाया।

कंपनी का कदम: रिसर्च को यहीं रोका गया

इन परिणामों को देखते हुए SPARC ने साफ कर दिया कि वह अब इस दवा पर आगे कोई रिसर्च नहीं करेगा। यह फैसला कंपनी की रणनीति और रिसर्च दिशा में बड़ा बदलाव माना जा रहा है। इस कदम ने निवेशकों को झटका दिया है, क्योंकि वे इस दवा से कंपनी के रेवेन्यू में वृद्धि की उम्मीद कर रहे थे।

Sun Pharma पर सीमित असर

SPARC की मूल कंपनी Sun Pharma पर इस खबर का प्रभाव अपेक्षाकृत कम रहा। बुधवार को Sun Pharma के शेयर में केवल 0.47% की गिरावट देखी गई और वह ₹1,659.80 पर ट्रेड कर रहा था। इसका मुख्य कारण यह है कि SPARC एक स्वतंत्र रिसर्च विंग है और इसका कारोबार Sun Pharma के मुख्य बिजनेस से काफी हद तक अलग है।

कंपनी की प्रतिक्रिया

Sun Pharma के ग्लोबल स्पेशियलिटी डेवलपमेंट के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट मारेक होंचारेंको ने परिणामों पर निराशा जताई। उन्होंने कहा कि क्लिनिकल ट्रायल्स के ऐसे परिणाम रीसर्च और डेवलपमेंट के जोखिमों को उजागर करते हैं। उन्होंने भरोसा जताया कि कंपनी भविष्य में और बेहतर दवाओं पर काम करेगी, लेकिन फिलहाल इस परियोजना को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।

फार्मा सेक्टर में रिसर्च का जोखिम

SPARC का मामला यह दर्शाता है कि फार्मास्यूटिकल सेक्टर में रिसर्च और इनोवेशन से जुड़ा जोखिम कितना बड़ा होता है। एक नई दवा को बाजार में लाने में कई सालों और करोड़ों रुपये का निवेश लगता है, लेकिन अगर वह ट्रायल में फेल हो जाए, तो सारी मेहनत और निवेश व्यर्थ चला जाता है।

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