फरुखनगर में गर्मी के बढ़ते दबाव के बीच बिजली कटौती की समस्या से लोग बहुत परेशान हैं। शहर के शहरी इलाकों में तीन से चार घंटे तक बिजली गुल रहती है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह अवधि लगभग पांच घंटे तक बढ़ जाती है।
हरियाणा: गुरुग्राम के फरुखनगर क्षेत्र में बिजली कटौती की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है, जिससे वहां के आम जनता और किसानों का जीवन बेहद प्रभावित हो गया है। गर्मी के इस मौसम में दिनभर बिजली गुल रहने से न केवल घरेलू काम-काज ठप पड़ रहे हैं, बल्कि कृषि कार्य भी बाधित हो रहे हैं। शहरी इलाकों में जहां रोजाना 3 से 4 घंटे बिजली कटती है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में यह कटौती 5 घंटे तक पहुंच चुकी है।
किसानों की मांग है कि उन्हें कम से कम 8 घंटे बिजली मिले ताकि वे कृषि कार्यों को सही ढंग से कर सकें, लेकिन निगम द्वारा बार-बार लाईन डैमेज और मरम्मत के नाम पर बिजली कटौती का दौर जारी है।
जनता में बढ़ता असंतोष और निगम के खिलाफ प्रदर्शन
बिजली कटौती की वजह से फरुखनगर के नागरिकों में काफी नाराजगी है। वे कहते हैं कि निगम द्वारा दी जा रही जानकारी अक्सर अधूरी या गलत होती है। अधिकारी फोन नहीं उठाते, जिससे उपभोक्ताओं को किसी प्रकार की सूचना तक नहीं मिल पाती। इससे लोगों को समझ नहीं आता कि बिजली कब आएगी या कितनी देर तक बंद रहेगी। इस अनिश्चितता ने जनता में गहरा रोष पैदा कर दिया है, जो अब खुले तौर पर प्रदर्शन के रूप में सामने आने लगा है।
किसान भी इस समस्या से बेहद परेशान हैं। कृषि कार्यों के लिए बिजली की मांग के बावजूद उन्हें निरंतर कटौती झेलनी पड़ रही है। कई किसान इस बात से चिंतित हैं कि बिजली न मिलने के कारण उनकी फसलें प्रभावित हो सकती हैं, जिससे उनका आर्थिक नुकसान हो सकता है। उन्होंने निगम प्रशासन से मांग की है कि वे किसानों की जरूरतों को प्राथमिकता दें और समय पर बिजली उपलब्ध कराएं।
निगम की वजह से बढ़ रही परेशानी
फरुखनगर में बिजली कटौती की समस्या का मुख्य कारण निगम द्वारा बिना उचित योजना और सूचना के कटौती करना बताया जा रहा है। निगम मरम्मत कार्य के नाम पर सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक बिजली काट देता है, लेकिन काम समय पर पूरा न होने के कारण कई बार रात 7-8 बजे तक बिजली नहीं आती। इसके कारण घरों में लगे इनवर्टर और अन्य विद्युत उपकरण खराब होने लगे हैं।
स्थानीय निवासी दीपक यादव कहते हैं, बिजली पिछले एक महीने से लगातार कट रही है, लेकिन हमें पहले से कोई सूचना नहीं मिलती। अधिकारी फोन भी नहीं उठाते, जिससे हमारी परेशानी बढ़ जाती है। एडवोकेट पूनम यादव ने भी इस बात पर सहमति जताते हुए कहा कि निगम के कर्मचारी बिना किसी पूर्व सूचना के बिजली काट देते हैं, जिससे कृषि कार्य और घरेलू काम प्रभावित होते हैं।
अधिकारियों की अनदेखी
अधिकारियों द्वारा उपभोक्ताओं की समस्याओं को गंभीरता से न लेना भी इस समस्या को और बढ़ा रहा है। एसडीओ मेनपाल ने कहा है कि बिजली की कटौती के लिए पहले से परमिट लिया जाता है और फीडर पर मरम्मत का काम चल रहा है। लेकिन स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह काम सही समय पर नहीं हो पाता और उन्हें इस बारे में कोई सटीक जानकारी नहीं दी जाती।
सुखबीर तंवर नामक एक निवासी ने बताया कि निगम के कर्मचारी अपनी मर्जी से काम करते हैं और फोन पर पूछताछ करने पर संतोषजनक जवाब नहीं देते। अरुण कुमार ने भी कहा कि अधिकारियों द्वारा बिना सूचना के लगाई गई बिजली कटौती ने आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। सुबह के कार्य भी बिजली न होने की वजह से प्रभावित हो रहे हैं।
क्या है समाधान?
फरुखनगर के निवासियों की मांग है कि निगम बिजली कटौती की सूचना समय-समय पर उपलब्ध कराए और मरम्मत कार्य तेज गति से पूरा किया जाए ताकि बिजली सप्लाई सुचारू हो सके। साथ ही, वे चाहते हैं कि किसानों की बिजली की मांग को गंभीरता से लिया जाए और उन्हें कृषि कार्य के लिए पर्याप्त बिजली दी जाए।
साथ ही, निगम प्रशासन को चाहिए कि वह जनता से संवाद बनाए रखे, शिकायतों का त्वरित निवारण करे और फोन कॉल्स का जवाब देना सुनिश्चित करे ताकि लोगों को असमंजस की स्थिति का सामना न करना पड़े।