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पाकिस्तान फिर आतंकियों के साथ! मसूद अजहर को मिल सकता है 14 करोड़ रुपये का मुआवजा – जानें पूरा मामला

नई दिल्ली: पाकिस्तान एक बार फिर अपने पुराने रवैये पर लौट आया है। भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' में तबाह हुए आतंकी ठिकानों और मारे गए आतंकियों को लेकर अब पाकिस्तान सरकार मुआवजा देने की तैयारी कर रही है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस मुआवजे का सबसे बड़ा लाभार्थी खुद मोस्ट वांटेड आतंकी मसूद अजहर बन सकता है, जिसे 14 करोड़ रुपये मिलने की खबरें सामने आ रही हैं।

क्या है 'ऑपरेशन सिंदूर'?

7 मई 2025 को भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान के बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के मुख्यालय पर हमला किया। इस हमले में 9 आतंकी ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया गया। जानकारी के मुताबिक, मसूद अजहर के परिवार के 14 सदस्य इस हमले में मारे गए, जिनमें उसकी बड़ी बहन, बहनोई, भतीजा और उसकी पत्नी शामिल थे।

मुआवजे का खेल

पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने आतंकियों के परिवारों को प्रति व्यक्ति 1 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का फैसला किया है। यदि मसूद अजहर अपने मारे गए परिजनों का एकमात्र कानूनी उत्तराधिकारी घोषित होता है, तो उसे कुल 14 करोड़ रुपये मिल सकते हैं।

फिर से खड़ा किया जा रहा है आतंकी नेटवर्क

भारत के हमले में जिस आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त किया गया था, उसे अब पाकिस्तान दोबारा खड़ा करने की कोशिश में जुटा है। इस रणनीति में मुआवजा देना, परिवारों को राहत देना और आतंकी ठिकानों का पुनर्निर्माण शामिल है। इससे भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के सुरक्षा तंत्र को गहरी चिंता हो रही है।

सवाल – कहां से आएंगे इतने पैसे?

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले ही गंभीर संकट में है। ऐसे में सवाल उठता है कि इतनी बड़ी रकम कहां से आएगी?

  • IMF की 7 अरब डॉलर की एक्सटेंडेड फंड सुविधा (EFF) के तहत पाकिस्तान को अब तक 2.1 अरब डॉलर मिल चुके हैं।
  • इसके अलावा, क्लाइमेट रेजिलिएंस लोन प्रोग्राम के तहत 1.4 अरब डॉलर (लगभग 12,000 करोड़ रुपये) का नया लोन भी पाकिस्तान को मिला है।

चिंता की बात यह है कि यह पैसा जनता की भलाई की जगह आतंकी नेटवर्क को फिर से खड़ा करने में खर्च किया जा सकता है।

वैश्विक प्रतिक्रिया और चिंता

पाकिस्तान के इस फैसले से भारत ही नहीं, बल्कि अमेरिका, यूरोपीय यूनियन और संयुक्त राष्ट्र जैसे कई देश और संगठन चिंतित हैं। यह अंतरराष्ट्रीय नियमों और आतंकवाद विरोधी प्रयासों का खुला उल्लंघन माना जा रहा है।

एक तरफ पाकिस्तान खुद को आतंकवाद का शिकार बताता है, वहीं दूसरी ओर वह खुलेआम आतंकियों को मुआवजा देकर और उनके नेटवर्क को पुनर्जीवित कर दोहरे मापदंड अपना रहा है। यह घटनाक्रम भारत की सुरक्षा के साथ-साथ वैश्विक शांति के लिए भी एक गंभीर चेतावनी है।

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