जम्मू में ST छात्रों की स्कॉलरशिप स्कीम में करोड़ों का घोटाला। फर्जी दाखिले और दस्तावेजों से हेराफेरी। ACB ने पूर्व निदेशक और 7 कॉलेज संचालकों पर केस दर्ज किया।
Jammu Kashmir: जम्मू में अनुसूचित जनजाति (ST) के छात्रों के लिए चलाई जा रही पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में बड़ा घोटाला सामने आया है। इस घोटाले में फर्जी दाखिले और जाली दस्तावेजों के जरिए करोड़ों रुपये की हेराफेरी की गई। एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने इस मामले में जनजातीय कार्य विभाग के तत्कालीन निदेशक और सात निजी संस्थानों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इस घोटाले ने सरकारी सिस्टम की बड़ी खामियों को उजागर किया है, जहां छात्रों की मदद के लिए जारी स्कीम का फायदा उठाकर निजी संस्थानों और अधिकारियों ने सरकारी खजाने को करोड़ों का चूना लगाया।
फर्जी दाखिले और जाली दस्तावेजों से हुआ खेल
ACB की शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि वर्ष 2014 से 2018 के बीच जम्मू के कई निजी संस्थानों ने दूरदराज के इलाकों के ST छात्रों के नाम पर फर्जी दाखिले किए। इन छात्रों के नाम पर जाली दस्तावेज और बैंक अकाउंट खोले गए, जबकि हकीकत यह थी कि कई छात्रों ने इन कॉलेजों में दाखिला तक नहीं लिया था, कुछ ने कभी कक्षाएं अटेंड ही नहीं की थीं।
विभाग के अधिकारियों और संस्थानों की मिलीभगत से बिना किसी वैरिफिकेशन के करोड़ों रुपये की छात्रवृत्ति सीधे इन संस्थानों के अकाउंट में ट्रांसफर कर दी गई। स्कीम के तहत हर छात्र को 18,000 रुपये ट्यूशन फीस और 2,300 रुपये मेंटेनेंस भत्ता मिलना था, लेकिन असली छात्रों तक यह पैसा पहुंचने की जगह फर्जीवाड़ा कर इसे हड़प लिया गया।
आरोपियों में पूर्व निदेशक और 7 कॉलेज संचालक
ACB ने इस घोटाले में तत्कालीन निदेशक, जनजातीय कार्य विभाग, एमएस चौधरी (अब सेवानिवृत्त) के अलावा सात निजी संस्थानों के प्रमुखों पर केस दर्ज किया है। इनमें कैटलॉग कंप्यूटर्स के शहनाज अख्तर मलिक, चिराग इंस्टीट्यूट ऑफ आईटी के हुमैरा बानो और फिरदौस अहमद, जेकेएस-आईटीआई के शाम लाल टगोत्रा, एवरग्रीन इंस्टीट्यूट ऑफ कंप्यूटर टेक्नोलॉजी के जाफर हुसैन वानी, ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ आईटी के पुरुषोत्तम भारद्वाज और पंकज मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट की रमनीक कौर शामिल हैं। इनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।
सरकारी खजाने को बड़ा नुकसान
ACB अधिकारियों का कहना है कि जांच में और भी नाम सामने आ सकते हैं और आगे गिरफ्तारियां हो सकती हैं। इस घोटाले से सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है, जो गरीब और जरूरतमंद छात्रों की मदद के लिए जारी स्कीम का हिस्सा था। फिलहाल जांच चल रही है और मामले की परतें धीरे-धीरे खुल रही हैं।
CBI ने भी दबोचा बाहू तहसीलदार
इसी दौरान, CBI ने जम्मू के बाहू क्षेत्र के तत्कालीन तहसीलदार रोहित शर्मा पर भी शिकंजा कसा है। रोहित शर्मा के खिलाफ 200% से ज्यादा आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज किया गया है। जांच में सामने आया है कि 2020 से 2022 के बीच उसने और उसके परिजनों के नाम पर करोड़ों रुपये की संपत्ति बना ली। 2020 में रोहित शर्मा की कुल संपत्ति 14 लाख 35 हजार रुपये थी, लेकिन 2022 तक उसकी संपत्ति एक करोड़ 33 लाख रुपये से ज्यादा हो गई। बता दें कि रोहित शर्मा को 14 नवंबर 2022 को एंटी करप्शन ब्यूरो ने रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा था।