संजय राउत ने सर्वदलीय डेलिगेशन को ‘बारात’ कहा, शरद पवार ने नसीहत दी। पवार बोले- अंतरराष्ट्रीय मुद्दों में पार्टी राजनीति से ऊपर उठें। डेलिगेशन भारत का पक्ष रखेगा।
Maharashtra: देश की वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों में भारत सरकार ने पाकिस्तान और पहलगाम हमले के बाद अपनी ताकत और रुख को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूती से पेश करने के लिए 32 देशों में सर्वदलीय डेलिगेशन भेजने का फैसला लिया है। यह डेलिगेशन विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों, पूर्व मंत्रियों और राजदूतों का समूह है, जो भारत की सच्चाई और आतंकवाद के खिलाफ अभियान को दुनियाभर में समझाएगा। लेकिन इस कदम पर शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत ने कड़ी आलोचना की, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मची है।
संजय राउत ने डेलिगेशन को बताया ‘बारात’
संजय राउत ने इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस ‘बारात’ को भेजने की क्या जरूरत थी। उन्होंने खास तौर पर सवाल किया कि डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे का विदेश में भारत का प्रतिनिधित्व करने का क्या औचित्य है। राउत ने केंद्र सरकार पर राजनीतिक दांव खेलने का आरोप लगाते हुए भारत के कुछ अन्य नेताओं से भी अपील की कि वे इस डेलिगेशन का बहिष्कार करें। उन्होंने यह भी कहा कि यह कदम केवल राजनीतिक लाभ के लिए उठाया गया है।
शरद पवार ने संजय राउत को दी नसीहत
एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार ने संजय राउत की आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि स्थानीय राजनीति को अंतरराष्ट्रीय मुद्दों से नहीं जोड़ना चाहिए। पवार ने कहा कि जब देश के राष्ट्रीय हितों की बात होती है, तो राजनीतिक पार्टियों को एक साथ आना चाहिए और पार्टी लाइन से ऊपर उठकर सोचना चाहिए। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि पहले भी जब पीवी नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे, तब अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल संयुक्त राष्ट्र गया था, जिसमें वह स्वयं भी शामिल थे।
शरद पवार ने कहा, "अंतरराष्ट्रीय मामलों में, हमें देश का हित देखना चाहिए, न कि पार्टी की राजनीति। केंद्र सरकार ने अलग-अलग देशों के लिए आठ से नौ डेलिगेशन बनाए हैं, जो भारत का पक्ष पेश करेंगे।"
उन्होंने कहा कि संजय राउत को अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन उन्होंने याद दिलाया कि उनकी ही पार्टी की प्रियंका चतुर्वेदी भी इस डेलिगेशन का हिस्सा हैं। इसलिए स्थानीय राजनीति को इस तरह से अंतरराष्ट्रीय मंच से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
श्रीकांत शिंदे और डेलिगेशन के अन्य सदस्य
डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के बेटे और तीन बार के सांसद श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व में एक डेलिगेशन यूएई, लाइबेरिया, कांगो और सिएरा लियोन का दौरा करेगा। इस दल में बांसुरी स्वराज (भाजपा), ई.टी मोहम्मद बशीर (IUML), अतुल गर्ग (भाजपा), सस्मित पात्रा (बीजेडी), मनन कुमार मिश्रा (भाजपा), पूर्व मंत्री एसएस अहलूवालिया और पूर्व राजनयिक सुजान चिनॉय भी शामिल हैं।
इसके अलावा सुप्रिया सुले, बैजयंत पांडा, रविशंकर प्रसाद और शशि थरूर के नेतृत्व में चार अन्य डेलिगेशन 23 से 25 मई के बीच विदेश यात्रा करेंगे। वहीं, श्रीकांत शिंदे, कनिमोझी और संजय झा के नेतृत्व में तीन अलग-अलग डेलिगेशन 21 से 23 मई के बीच विदेश दौरे पर होंगे।