यूसुफ पठान ने पाकिस्तान को बेनकाब करने वाली संसदीय टीम में शामिल होने से इंकार किया। टीएमसी ने केंद्र की विदेश नीति पर हस्तक्षेप न करने की बात कही।
Operation Sindoor: भारत सरकार ने हाल ही में आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई को और मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने संसद के एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को विभिन्न देशों में भेजने का फैसला किया है ताकि पाकिस्तान को आतंकवाद के मसले पर बेनकाब किया जा सके। इस टीम में कई राजनीतिक पार्टियों के सांसद शामिल हैं, जिनमें भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस के नेता भी शामिल हैं। तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद और पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान को भी इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया गया था। लेकिन ताज़ा खबरों के अनुसार, यूसुफ पठान ने इस टीम के साथ जाने से साफ इंकार कर दिया है।
यूसुफ पठान का प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने से इंकार
तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र सरकार को साफ कर दिया है कि न तो यूसुफ पठान और न ही पार्टी का कोई अन्य सांसद इस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनेगा। पार्टी ने कहा है कि देश सबसे ऊपर है और वे देश की सुरक्षा के लिए सरकार के हर कदम का समर्थन करते हैं। लेकिन विदेश नीति और इस तरह के प्रतिनिधिमंडलों के मामलों में पार्टी का मानना है कि यह पूरी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है और टीएमसी इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगी।
टीएमसी ने क्या कहा?
टीएमसी ने एक बयान में कहा, "हम हमेशा देश की सुरक्षा और रक्षा बलों के समर्थन में खड़े हैं। हमारी पार्टी का मानना है कि विदेश नीति पूरी तरह केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आती है। इसलिए केंद्र सरकार को ही इस मामले में पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए और हमें इसमें शामिल नहीं होना चाहिए।" इस बयान से साफ है कि पार्टी यूसुफ पठान के इस कदम के साथ है।
भारत का पाकिस्तान को बेनकाब करने का प्लान – Operation Sindoor
भारत ने पिछले साल पहलगाम आतंकी हमले का जवाब देते हुए ऑपरेशन सिंदूर नाम से एक सैन्य अभियान चलाया था। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को तबाह किया गया था। इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है। पाकिस्तान ने भारत के इस अभियान के बाद कई जगहों पर हमले की कोशिश की, लेकिन भारतीय सुरक्षा बलों ने हर हमले को नाकाम कर दिया।
अब भारत सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी बात दुनियाभर में पहुंचाने के लिए सांसदों का प्रतिनिधिमंडल कई देशों में भेजने की योजना बनाई है। इसका मकसद पाकिस्तान की सच्चाई को विश्व समुदाय के सामने बेनकाब करना है। सरकार की यह कोशिश आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने और आतंकवादियों को पनाह देने वाले देशों के खिलाफ मजबूत संदेश देने की दिशा में है।
यूसुफ पठान का बड़ा कारण क्या है?
यूसुफ पठान के इस प्रतिनिधिमंडल से बाहर रहने के पीछे का बड़ा कारण फिलहाल सार्वजनिक नहीं किया गया है। सूत्रों के अनुसार, पठान ने अपनी निजी या राजनीतिक वजहों का हवाला देते हुए इस टीम के साथ जाने से मना किया है। हालांकि, टीएमसी ने साफ किया है कि वे केंद्र सरकार के फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन विदेशी मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे।