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Pahalgam Attack: कश्मीर में आतंकी हमले के बाद 50 टूरिस्ट स्पॉट बंद, बढ़ाई गई सुरक्षा

पहलगाम आतंकी हमले के बाद कश्मीर में सुरक्षा बढ़ाई गई है। खतरे की आशंका के चलते घाटी के 87 पार्कों में से 48 पार्क और उद्यानों के गेट बंद कर दिए गए हैं।

Pahalgam Attack: कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद, प्रशासन ने घाटी के सुरक्षा उपायों को मजबूत कर दिया है। एहतियात के तौर पर कश्मीर के 87 सार्वजनिक पार्कों और उद्यानों में से करीब 50 को बंद कर दिया गया है। यह कदम पर्यटकों के लिए संभावित खतरे की आशंका के चलते उठाया गया है। प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि घाटी में शांति बनी रहे, कई संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी है।

कश्मीर के संवेदनशील क्षेत्रों में बंद किए गए 50 पार्क और उद्यान

कश्मीर में स्थित 87 सार्वजनिक पार्कों और उद्यानों में से 48 पार्क और उद्यानों के गेट बंद कर दिए गए हैं। अधिकारियों के अनुसार यह कदम आतंकवादी गतिविधियों और पर्यटकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। बंद किए गए स्थलों में कश्मीर के दूरदराज के इलाकों में स्थित नए और पुराने पार्क शामिल हैं। प्रशासन ने यह भी कहा है कि यह सुरक्षा उपाय अस्थायी हैं और आवश्यकता पड़ने पर सूची में और स्थान जोड़े जा सकते हैं।

यह हैं वो स्थान, जहां लगा प्रतिबंध

अधिकारियों ने बताया कि जिन स्थानों पर प्रवेश बंद किया गया है, उनमें दूषपथरी, कोकरनाग, डुक्सुम, सिंथन टॉप, अच्छाबल, बंगस घाटी, मार्गन टॉप और तोसामैदान जैसे प्रमुख स्थान शामिल हैं। इन इलाकों में सुरक्षा खतरे के कारण पर्यटकों का प्रवेश रोक दिया गया है।

सुरक्षा समीक्षा एक निरंतर प्रक्रिया

अधिकारियों के अनुसार, कश्मीर में सुरक्षा समीक्षा एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है, और यदि भविष्य में जरूरत महसूस होती है तो और अधिक स्थानों पर सुरक्षा बंदिशें लगाई जा सकती हैं।

कश्मीर में पर्यटन पर असर नहीं पड़ेगा: पर्यटकों का कहना

पहलगाम आतंकी हमले के बावजूद, कश्मीर में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है। कई पर्यटक मंगलवार को कश्मीर की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने भद्रवाह पहुंचे। इन पर्यटकों ने आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि कश्मीर में पर्यटन को कोई भी आतंकवादी हमला रोक नहीं सकता। एक पर्यटक ने कहा, "पहलगाम में जो हमला हुआ, वह पाकिस्तान की शर्मनाक हरकत थी, लेकिन हम कश्मीर में आते रहेंगे। कश्मीर हमारी मातृभूमि है, और हम इसे कभी नहीं छोड़ेंगे।"

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