विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने संसदीय समिति को भारत-पाक सीमा तनाव, ऑपरेशन सिंदूर और आतंकवाद विरोधी भारत की रणनीति पर विस्तार से जानकारी दी।
New Delhi: पहलागाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव काफी बढ़ गया था। इस तनाव के बीच भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए ऑपरेशन सिंदूर नाम का अभियान चलाया था, जिसमें पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया। इसी संदर्भ में सोमवार को विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने संसद की स्थायी संसदीय समिति को स्थिति से अवगत कराया।
यह बैठक कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता में विदेश मामलों पर हुई, जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसद शामिल थे। इस बैठक में तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी, कांग्रेस के राजीव शुक्ला और दीपेंद्र हुड्डा, एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी, और भाजपा की अपराजिता सारंगी व अरुण गोविल ने भाग लिया।
बैठक में क्या-क्या बातें हुईं?
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने समिति को इस्लामाबाद के साथ भारत के राजनयिक संबंधों की वर्तमान स्थिति के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने सीमा पार सुरक्षा चुनौतियों और क्षेत्रीय स्थिरता पर इस संघर्ष के व्यापक प्रभाव के बारे में भी जानकारी दी।
यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण थी क्योंकि इसमें भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुई सैन्य कार्रवाई और उसके बाद का तनाव चर्चा का मुख्य विषय था। 10 मई को दोनों देशों ने सैन्य संघर्ष रोकने के लिए सहमति भी जताई थी।
ऑपरेशन सिंदूर और उसके परिणाम
ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पहलगाम में हुए आतंकी हमले का कड़ा जवाब था। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया। इसके बाद कई दिनों तक सीमा के आसपास हालात तनावपूर्ण रहे।
विदेश सचिव ने समिति को बताया कि यह ऑपरेशन भारत की आतंकवाद के खिलाफ कड़ी नीति का हिस्सा है और इसे पूरी गंभीरता से अंजाम दिया गया। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ उसकी नीति सख्त और निडर है।
10 मई को हुआ था सीजफायर
भारत और पाकिस्तान ने 10 मई को आपसी सहमति से सैन्य संघर्ष को रोकने का फैसला किया था। यह सीजफायर दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए महत्वपूर्ण कदम था। इसी बीच सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाने का संकल्प जताया है।
वैश्विक स्तर पर भारत की रणनीति
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने जानकारी दी कि सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ अपने संकल्प को वैश्विक नेताओं तक पहुंचाने के लिए 33 देशों में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने का फैसला किया है। यह प्रतिनिधिमंडल भारत-पाकिस्तान संबंधों और आतंकवाद से निपटने की नीति को समझाने का काम करेगा।
कौन-कौन सांसद थे बैठक में?
इस बैठक में कई बड़े नेताओं ने हिस्सा लिया, जिनमें कांग्रेस सांसद शशि थरूर, तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी, कांग्रेस के राजीव शुक्ला और दीपेंद्र हुड्डा, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, और भाजपा की अपराजिता सारंगी और अरुण गोविल शामिल थे। इस बहुराष्ट्रीय पैनल में विभिन्न दलों के सांसद शामिल होने से इस मुद्दे पर सभी का दृष्टिकोण सुना गया।
भारत-पाक संबंधों की वर्तमान स्थिति
विक्रम मिसरी ने इस्लामाबाद के साथ राजनयिक संबंधों पर भी विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सीमा पार सुरक्षा चुनौती और आतंकवाद ने दोनों देशों के बीच स्थिरता को प्रभावित किया है। भारत का प्रयास है कि दोनों देशों के बीच तनाव कम हो और बातचीत के जरिये शांति स्थापित हो।