बांग्लादेश में वेतन संकट और हड़ताल से हालात बिगड़े। सरकारी कर्मचारी और शिक्षक नाराज, व्यापारी परेशान। यूनुस बोले- देश युद्ध जैसी स्थिति में। चुनाव जून 2026 तक टले।
ढाका: बांग्लादेश में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। एक ओर हड़ताल और कामबंदी से सरकारी दफ्तरों से लेकर बाजार तक का कामकाज ठप है, वहीं दूसरी ओर वेतन संकट के चलते कर्मचारियों में जबरदस्त नाराजगी है। इस बीच अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि देश युद्ध जैसी स्थिति से गुजर रहा है।
यूनुस ने साफ किया है कि अब राष्ट्रीय चुनाव इस साल दिसंबर 2025 तक नहीं, बल्कि अगले साल जून 2026 तक कराए जाएंगे। इससे देश में राजनीतिक अस्थिरता और बढ़ गई है।
बांग्लादेश में हर ओर हड़ताल
बांग्लादेश में हड़ताल और विरोध की लहर पूरे देश में फैल चुकी है। सबसे ज्यादा असर सरकारी दफ्तरों पर पड़ा है। राजधानी ढाका के सचिवालय में लगातार दूसरे दिन राजस्व अधिकारी काम से दूर रहे। उनकी मांग है कि सरकार हाल ही में लाए गए सरकारी सेवा संशोधन अध्यादेश 2025 को तुरंत वापस ले।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ये कानून सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त करने और उन पर कार्रवाई करने का रास्ता आसान बना देता है। इसके चलते दफ्तरों में कामकाज पूरी तरह ठप पड़ा है।
प्राथमिक शिक्षकों ने भी की हड़ताल की घोषणा
बांग्लादेश के सरकारी प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक भी हड़ताल पर उतर आए हैं। उन्होंने सोमवार से अनिश्चितकालीन कामबंदी का एलान किया है। उनकी मांग है कि उनका शुरुआती वेतन राष्ट्रीय वेतनमान के 11वें ग्रेड के बराबर किया जाए।
वेतन और बोनस संकट: व्यापारी बोले- हालत 1971 के युद्ध जैसे
देश में वेतन और बोनस संकट भी गंभीर होता जा रहा है। बांग्लादेश टेक्सटाइल मिल्स एसोसिएशन (BTMA) के अध्यक्ष शौकत अजीज रसेल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हमें नहीं पता कि ईद-उल-अजहा से पहले अपने कर्मचारियों को बोनस और वेतन कैसे देंगे। व्यापारी मारे जा रहे हैं, जैसे 1971 के मुक्ति संग्राम में बुद्धिजीवी मारे गए थे।”
रसेल ने सरकार पर आरोप लगाया कि वो निवेशकों को बुला रही है, लेकिन विदेशी निवेशक बांग्लादेश में पैसा लगाने से डर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विदेशी निवेशक मानते हैं कि वियतनाम बांग्लादेश से ज्यादा बेहतर विकल्प है।
यूनुस का बड़ा बयान: देश युद्ध जैसी स्थिति में
इस गंभीर स्थिति के बीच मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने देश की स्थिति को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा, “देश के अंदर और बाहर युद्ध जैसी स्थिति बन गई है। हम आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं, हर तरफ अस्थिरता है, और देश को फिर से गुलामी की ओर धकेला जा रहा है।”
यूनुस ने ये भी कहा कि जब से अवामी लीग की गतिविधियों पर रोक लगी है, तब से हालात और ज्यादा खराब हो गए हैं। उनके मुताबिक, कुछ ताकतें जानबूझकर देश में अस्थिरता पैदा कर रही हैं।
चुनाव की नई टाइमलाइन: जून 2026 तक होंगे आम चुनाव
मोहम्मद यूनुस ने साफ कर दिया कि अब चुनाव दिसंबर 2025 में नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव कराने के लिए छह महीने का और समय चाहिए। अब चुनाव जून 2026 तक कराए जाएंगे।
यूनुस ने भरोसा दिलाया कि वे 30 जून 2026 के बाद अपने पद पर एक दिन भी नहीं रहेंगे। उनका कहना है कि उस समय तक राष्ट्रीय चुनाव करवा दिए जाएंगे।
सेना और यूनुस सरकार के बीच बढ़ते मतभेद
बांग्लादेश की इस राजनीतिक उठापटक के बीच एक और बड़ी खबर यह है कि यूनुस सरकार और सेना के बीच भी मतभेद बढ़ते जा रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज-जमान ने पिछले हफ्ते यूनुस से मुलाकात कर कहा था कि चुनाव दिसंबर 2025 तक करा लिए जाएं। इसके अलावा उन्होंने म्यांमार के रखाइन राज्य में प्रस्तावित गलियारे को लेकर भी आपत्ति जताई।
हालांकि, यूनुस ने साफ कर दिया कि चुनाव अब जून 2026 तक ही होंगे।