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भारत-पाकिस्तान तनाव: चीन की मदद से पाकिस्तान का सैन्य विस्तार, अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में नए खुलासे

भारत-पाकिस्तान तनाव: चीन की मदद से पाकिस्तान का सैन्य विस्तार, अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में नए खुलासे
अंतिम अपडेट: 25-05-2025

अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान भारत को अस्तित्व के लिए खतरा मानते हुए परमाणु हथियारों का विस्तार कर रहा है। चीन की आर्थिक और सैन्य सहायता से यह प्रक्रिया तेज हो रही है, जिससे क्षेत्रीय सुरक्षा चिंताएं बढ़ रही हैं।

US Defense Report: अमेरिका की डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी (DIA) की ताजा रिपोर्ट ने भारत की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर खतरे की घंटी बजा दी है। रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान तेजी से अपने परमाणु हथियारों के जखीरे को बढ़ा रहा है और भारत को अपने अस्तित्व के लिए सीधा खतरा मान रहा है। यह बात भारत के लिए गंभीर चिंता का विषय है, क्योंकि पाकिस्तान का परमाणु हथियारों का बढ़ता भंडार और आक्रामक सैन्य रणनीति दोनों ही सीमा पर अस्थिरता पैदा कर सकते हैं।

DIA की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान अपनी मिलिट्री पावर को बढ़ाने के साथ-साथ अपने परमाणु कार्यक्रम को भी तेज गति से आगे बढ़ा रहा है। पाकिस्तान की यह रणनीति उसकी सुरक्षा चिंताओं और भारत के खिलाफ आक्रामक रुख को दर्शाती है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान चीन की सैन्य और आर्थिक मदद पर काफी हद तक निर्भर है, जिससे क्षेत्र में शक्ति संतुलन की स्थिति और भी जटिल हो गई है।

भारत के लिए असली खतरा चीन

रिपोर्ट के अनुसार, भारत की रणनीतिक सोच में चीन को मुख्य खतरे के रूप में देखा जा रहा है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व क्षमता और वैश्विक मंच पर भारत की सैन्य शक्ति को स्थापित करने की महत्वाकांक्षा को भी इस रिपोर्ट में उजागर किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया कि मोदी सरकार अपने रक्षा बलों की मजबूती के बल पर भारत को एक वैश्विक शक्ति के तौर पर देखना चाहती है, जो चीन के बढ़ते प्रभाव को काउंटर कर सके।

अमेरिकी रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि भारत पाकिस्तान को एक "सेकेंडरी सिक्योरिटी चैलेंज" के रूप में देखता है, यानी पाकिस्तान से खतरा तो है लेकिन भारत की मुख्य फोकस चीन की बढ़ती ताकत और विस्तारवादी नीति पर है।

म्यांमार, श्रीलंका और पाकिस्तान में चीन के सैन्य बेस की तैयारी

रिपोर्ट के सबसे बड़े खुलासों में से एक यह है कि चीन म्यांमार, पाकिस्तान और श्रीलंका जैसे देशों में अपने मिलिट्री बेस बनाने की योजना पर तेजी से काम कर रहा है। अगर ऐसा होता है, तो यह भारत के लिए एक बड़ा रणनीतिक खतरा बन सकता है। ये देश भारत की सीमाओं के बेहद करीब हैं और हिंद महासागर में चीन की मौजूदगी को मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं।

DIA की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की यह योजना उसके 'String of Pearls' रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत वह भारत को चारों तरफ से घेरने की कोशिश कर रहा है। इससे भारत की समुद्री सुरक्षा पर खतरा बढ़ सकता है और भारतीय नौसेना को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

LAC पर भारत-चीन तनाव अभी भी बरकरार

रिपोर्ट में भारत-चीन सीमा विवाद पर भी अहम जानकारी दी गई है। अक्टूबर 2024 में भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में LAC के दो विवादित इलाकों से सेनाएं हटाने पर सहमति जताई थी, जिससे कुछ हद तक तनाव में कमी आई थी। लेकिन रिपोर्ट में यह साफ कहा गया कि सीमा विवाद पूरी तरह से सुलझा नहीं है। यानी खतरा अब भी बना हुआ है, और भविष्य में यह फिर से तनाव का कारण बन सकता है।

पाकिस्तान की आक्रामक नीति और चीन की छाया

रिपोर्ट में साफ लिखा है कि पाकिस्तान न केवल अपने परमाणु हथियारों को बढ़ा रहा है बल्कि सीमा पर आक्रामक रुख भी अपनाता है। यह रणनीति पाकिस्तान की मिलिट्री थिंकिंग को दर्शाती है। साथ ही, पाकिस्तान चीन की सैन्य और आर्थिक उदारता पर काफी निर्भर है। यानी अगर पाकिस्तान भारत के खिलाफ कोई बड़ा कदम उठाता है, तो चीन का अप्रत्यक्ष समर्थन उसमें शामिल हो सकता है।

भारत के लिए खतरे की घंटी

यह रिपोर्ट भारत के लिए एक बड़ी चेतावनी है। पाकिस्तान का बढ़ता परमाणु भंडार और चीन की मिलिट्री स्ट्रैटेजी दोनों ही भारत की सुरक्षा और रणनीतिक स्थिति को चुनौती दे सकते हैं। भारत को अपनी सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत करने के साथ-साथ अपनी विदेश नीति को और अधिक सख्त करने की जरूरत है। रिपोर्ट इस ओर भी इशारा करती है कि भारत को अपनी सुरक्षा नीति में संतुलन बनाते हुए चीन और पाकिस्तान दोनों पर नजर बनाए रखनी होगी।

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