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सिंधु जल विवाद: ग्लेशियर सम्मेलन में शहबाज शरीफ का भारत पर निशाना

सिंधु जल विवाद: ग्लेशियर सम्मेलन में शहबाज शरीफ का भारत पर निशाना

पाक पीएम शहबाज शरीफ ने ग्लेशियर सम्मेलन में भारत पर आरोप लगाया कि वह सिंधु जल समझौते को रोककर पानी को हथियार बना रहा है। उन्होंने गाजा संकट का हवाला देते हुए अपने बयान को मजबूत करने की कोशिश की।

Pakistan: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ एक बार फिर अपने बयानों के जरिए भारत पर निशाना साधने की कोशिश कर रहे हैं। ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में ग्लेशियर संरक्षण पर आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान उन्होंने गाजा संकट और सिंधु जल समझौते को जोड़ने की असफल कोशिश की। 

शहबाज शरीफ ने कहा कि जिस तरह गाजा में पारंपरिक हथियारों के इस्तेमाल से गहरे जख्म बने हैं, वैसे ही अब पानी को हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत सिंधु जल समझौते को स्थगित कर पानी को एक "हथियार" के रूप में प्रयोग कर रहा है। लेकिन शहबाज ने इस बात पर पूरी तरह चुप्पी साध ली कि आखिर भारत ने सिंधु जल समझौते को स्थगित क्यों किया।

गाजा संकट का सहारा लेकर सिंधु जल विवाद पर निशाना

शहबाज शरीफ ने गाजा संकट का जिक्र करते हुए कहा कि पारंपरिक हथियारों से पैदा हुए घाव तो पुराने हो चुके हैं, लेकिन अब एक नया खतरा उभर रहा है – पानी को हथियार बनाने का। उन्होंने कहा, "भारत ने सिंधु जल समझौते को एकतरफा और अवैध रूप से स्थगित किया है, जो बेहद निंदनीय है।" शहबाज ने यह बयान ताजिकिस्तान के दुशांबे में ग्लेशियर संरक्षण पर चल रहे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में दिया। यह सम्मेलन संयुक्त राष्ट्र, यूनेस्को, वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन (WMO) और एशियाई विकास बैंक के सहयोग से आयोजित किया गया था।

पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर चुप्पी

शहबाज शरीफ का पूरा बयान इस ओर ध्यान दिलाने की कोशिश कर रहा था कि भारत ने सिंधु जल समझौते को क्यों रोका, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि भारत को आखिर यह कदम क्यों उठाना पड़ा। असल में, 22 अप्रैल 2024 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान से आए आतंकवादियों ने 26 निर्दोष सैलानियों की निर्मम हत्या कर दी थी। यह हमला पूरी तरह पाकिस्तान प्रायोजित था, जिसके बाद भारत ने सिंधु जल समझौते को स्थगित करने का फैसला किया। शहबाज शरीफ ने इस आतंकवादी हमले का जिक्र तक नहीं किया, बल्कि उल्टा भारत पर आरोप लगाने में जुटे रहे।

ताजिकिस्तान में पाकिस्तान की छवि सुधारने की कोशिश

शहबाज शरीफ ने इस अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपने देश की छवि सुधारने की कोशिश की, लेकिन उनकी बातों में सच्चाई की कमी साफ नजर आई। उन्होंने कहा, "संकटग्रस्त क्षेत्रों के नागरिकों की जिंदगी को राजनीतिक लाभ के लिए दांव पर नहीं लगाया जाना चाहिए। पाकिस्तान ऐसा नहीं होने देगा और कभी भी अपनी लाल रेखा को पार नहीं करने देगा।" हालांकि, उन्होंने भारत के खिलाफ बोलते हुए यह स्पष्ट नहीं किया कि खुद पाकिस्तान अपने देश में आतंकवाद को क्यों बढ़ावा दे रहा है और अपने पड़ोसी देशों के खिलाफ इसका इस्तेमाल क्यों कर रहा है।

सिंधु जल समझौता

सिंधु जल समझौता 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ था, जिसका उद्देश्य सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों का जल वितरण तय करना था। इस समझौते के तहत भारत और पाकिस्तान के बीच नदियों के पानी के बंटवारे के लिए नियम बनाए गए थे। लेकिन पाकिस्तान की ओर से लगातार आतंकवाद को बढ़ावा देने और भारत में हमलों की घटनाओं के चलते भारत ने फरवरी 2023 में इस समझौते की समीक्षा की प्रक्रिया शुरू कर दी थी और अप्रैल 2024 में इसे अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया। शहबाज शरीफ इस बात को नजरअंदाज कर गए कि भारत ने यह कदम क्यों उठाया।

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