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AI से डरे नहीं, खुद को तैयार करें: Google DeepMind CEO की स्टूडेंट्स के लिए सलाह

AI से डरे नहीं, खुद को तैयार करें: Google DeepMind CEO की स्टूडेंट्स के लिए सलाह

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की रफ्तार अब ऐसी हो गई है कि आने वाला दशक टेक्नोलॉजी और नौकरियों की दिशा ही बदल सकता है। Google DeepMind के सीईओ डेमिस हसबिस (Demis Hassabis) ने हाल ही में Google I/O 2025 कॉन्फ्रेंस के दौरान बड़ा बयान देते हुए कहा है कि उनकी रिसर्च लैब अब आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (AGI) को हासिल करने से महज 10 साल दूर है। उन्होंने इस मौके पर कॉलेज स्टूडेंट्स को चेतावनी के साथ-साथ एक स्पष्ट संदेश दिया है: AI को अपनाओ, उससे डरो मत।

हसबिस का मानना है कि AGI इंसान जैसे सोचने-समझने की शक्ति रखने वाली मशीन इंटेलिजेंस होगी, जो आने वाले समय में वर्कप्लेस, एजुकेशन और इंडस्ट्री के हर पहलू को बदल डालेगी। हालांकि, उन्होंने AI के खतरों के बजाय उसमें छिपे अवसरों को पहचानने और उनका उपयोग करने पर जोर दिया।

क्या है AGI और क्यों हो रहा है इसका इतना ज़िक्र?

AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तो हम सब पिछले कुछ समय से देख और इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन AGI उससे कहीं ज्यादा एडवांस फॉर्म है। AGI ऐसी मशीन इंटेलिजेंस होगी जो किसी भी इंसानी काम को उसी स्तर पर कर सकेगी जैसा कोई इंसान करता है। यह सिर्फ टास्क बेस्ड नहीं होगी, बल्कि खुद सीखने, सोचने और निर्णय लेने की क्षमता रखेगी।

डेमिस हसबिस के मुताबिक, DeepMind की टीम इस लक्ष्य की ओर तेज़ी से बढ़ रही है और अगले 10 वर्षों में AGI को वास्तविकता में बदल दिया जाएगा। अगर ऐसा होता है, तो AI की दुनिया में यह अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी।

स्टूडेंट्स को हसबिस की सलाह: AI से जुड़ो, सीखो और खुद को तैयार करो

डेमिस हसबिस ने खासतौर पर कॉलेज के छात्रों से कहा है कि वे आज की बदलती टेक्नोलॉजी के हिसाब से खुद को तैयार करें। उन्होंने बताया कि अगर युवा AI से जुड़ी नई स्किल्स सीखेंगे, जैसे जनरेटिव AI, डेटा एनालिटिक्स, मशीन लर्निंग और NLP टूल्स, तो वे आने वाले समय में ज्यादा सफल होंगे। हसबिस का मानना है कि AI टूल्स का लगातार इस्तेमाल और एक्सपेरिमेंट करने से हमें यह समझने में मदद मिलती है कि AI कैसे काम करता है और इसकी क्या-क्या खूबियां हैं।

हसबिस ने कहा, "जितना ज्यादा आप AI टूल्स के साथ प्रयोग करेंगे, उतनी ही जल्दी आपको AI की ताकत और सीमाएं समझ आएंगी।" उन्होंने यह भी बताया कि AI टूल्स के साथ लगातार काम करने से यूजर्स को यह पता चलता है कि वे इन टूल्स से किस तरह बेहतर तरीके से काम ले सकते हैं और नए-नए प्रयोग कर सकते हैं। इस तरह स्टूडेंट्स खुद को भविष्य की नौकरियों के लिए बेहतर तरीके से तैयार कर सकते हैं।

क्या AI से जाएंगी नौकरियां?

कई युवा सोचते हैं कि क्या AI उनकी नौकरी छीन लेगा। DeepMind के सीईओ ने बताया कि तकनीक से कुछ पुरानी नौकरियां खत्म हो सकती हैं, लेकिन नई और बेहतर नौकरियां भी बनेंगी। यह बदलाव नए अवसर लेकर आएगा।

वे कहते हैं कि आने वाले 5 से 10 साल में नई नौकरियां आएंगी जिनके बारे में अभी पता नहीं है। ये जॉब्स डेटा साइंस, AI ट्रेनिंग, एथिक्स मॉनिटरिंग, वर्चुअल रियलिटी और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसे क्षेत्रों में होंगी।

VR, AR और क्वांटम कंप्यूटिंग को बताया भविष्य का अहम हिस्सा

AI के साथ-साथ, DeepMind के सीईओ डेमिस हसबिस ने वर्चुअल रियलिटी (VR), ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) और क्वांटम कंप्यूटिंग को भी भविष्य के सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से बताया है। उनका कहना है कि ये तकनीकें आने वाले समय में हमारे रोज़मर्रा के जीवन और काम करने के तरीके पूरी तरह से बदल देंगी। हसबिस ने कहा, ‘ये सिर्फ तकनीक नहीं हैं, बल्कि ये भविष्य की नौकरियों का मुख्य हिस्सा बनेंगे, जहां रचनात्मक सोच और टेक्नोलॉजी स्किल्स की बहुत जरूरत होगी।‘ ऐसे क्षेत्र युवाओं के लिए नए अवसर और बेहतर करियर के रास्ते खोलेंगे।

बदलाव के दौर में छिपे होते हैं मौके

हसबिस ने बताया कि जब भी कोई बड़ा बदलाव आता है, तो उसके साथ डर भी होता है। लेकिन असली बात यह है कि बदलाव के समय में ही नए और बड़े मौके छुपे होते हैं। AI से डरने की बजाय हमें उससे दोस्ती करनी चाहिए और खुद को उसके हिसाब से तैयार करना चाहिए। उन्होंने कहा, "आज के स्टूडेंट्स और प्रोफेशनल्स के लिए सबसे जरूरी कौशल यह है कि वे बदलाव में अवसर देखें। जो ऐसा करेगा, वही भविष्य में सफल होगा और आगे बढ़ेगा।"

ChatGPT से शुरू हुआ जनरेटिव AI का युग

AI की इस क्रांति की शुरुआत OpenAI द्वारा ChatGPT के लॉन्च के साथ मानी जा सकती है, जिसे 2022 में पेश किया गया था। तब से लेकर अब तक जनरेटिव AI ने रफ्तार पकड़ ली है। चाहे टेक्स्ट जनरेशन हो, इमेज, म्यूजिक या कोडिंग — हर क्षेत्र में AI टूल्स ने इंसानी काम को आसान और तेज़ बना दिया है।

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