iPhone खरीदने की योजना बना रहे ग्राहकों के लिए एक अहम खबर सामने आई है। अमेरिका और चीन के बीच जारी ट्रेड वॉर के चलते iPhone की कीमतों में इजाफा हो सकता है। इस मुद्दे पर Apple के CEO टिम कुक ने हाल ही में बड़ा बयान दिया है।
Apple CEO Tim Cook: दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में शुमार Apple एक बार फिर सुर्खियों में है, और वजह है अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध में उबाल। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से चीन से आने वाले प्रोडक्ट्स पर भारी-भरकम टैरिफ (145% तक) लगाने की घोषणा से बाजार में हड़कंप मच गया था। अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या इसका असर आम ग्राहक पर पड़ेगा? खासतौर पर iPhone की कीमतें क्या बढ़ जाएंगी? इस मुद्दे पर Apple के CEO टिम कुक ने पहली बार खुलकर बात की है।
टिम कुक ने दी टैरिफ संकट पर सफाई
Apple के सीईओ टिम कुक ने स्पष्ट किया कि अभी तक टैरिफ का कोई सीधा असर ग्राहकों पर नहीं पड़ा है। Apple ने अब तक इन बढ़ी हुई लागतों को अपनी आपूर्ति शृंखला (Supply Chain) में कुशलता से समायोजित कर लिया है। टिम कुक ने कहा, हमारी टीम ने आपूर्ति श्रृंखला को बहुत अच्छे से संभाला है और हम फिलहाल ग्राहकों पर इसका भार नहीं डालना चाहते।
लेकिन उन्होंने यह भी माना कि अगर अमेरिका-चीन के बीच व्यापारिक संबंध और ज्यादा बिगड़ते हैं या टैरिफ की मौजूदा स्थिति बदतर होती है, तो Apple को करीब 900 मिलियन डॉलर यानी लगभग 7,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ सकता है। यह एक बड़ा आर्थिक दबाव है, जिससे निपटना आसान नहीं होगा।
iPhone की कीमतें फिलहाल स्थिर, लेकिन भविष्य अनिश्चित
टिम कुक के बयान से फिलहाल एक राहत की खबर तो जरूर मिली है कि iPhone की मौजूदा कीमतों में कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है। लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर हालात ज्यादा बिगड़ते हैं और टैरिफ बढ़ता है, तो कंपनी के पास कीमतें बढ़ाने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचेगा।अगर स्थिति स्थिर रही तो हम मूल्य में बदलाव नहीं करेंगे, लेकिन अस्थिरता बनी रही तो हमें रणनीति बदलनी पड़ेगी, टिम कुक ने कहा।
Apple का बैकअप प्लान: चीन से हटाकर भारत और वियतनाम की ओर रुख
Apple ने पहले से ही चीन पर अपनी निर्भरता कम करने की योजना पर काम करना शुरू कर दिया है। टिम कुक ने बताया कि Apple अब भारत और वियतनाम जैसे देशों में अपना उत्पादन बढ़ा रहा है। भारत में अब अमेरिका के लिए बिकने वाले 50% से ज्यादा iPhones बनाए जा रहे हैं। वहीं, वियतनाम में iPad, MacBook, AirPods और Apple Watch का निर्माण हो रहा है।
कंपनी ने यह रणनीति इसलिए अपनाई क्योंकि उन्होंने पहले ही समझ लिया था कि किसी एक देश पर अधिक निर्भरता जोखिम भरी हो सकती है। हम एक स्थिर और विविध सप्लाई चेन बनाना चाहते हैं, ताकि ऐसे वैश्विक संकटों से बचा जा सके, कुक ने बताया।
ट्रंप की नीति से Apple पर असर
डोनाल्ड ट्रंप की नीति के अनुसार, अमेरिका में चीन से आने वाले लगभग सभी प्रोडक्ट्स पर 145% तक का आयात शुल्क लग सकता है। हालाँकि, Apple को स्मार्टफोन, कंप्यूटर और कुछ तकनीकी उपकरणों पर अस्थायी छूट जरूर मिली है। लेकिन यह छूट स्थायी नहीं है और ट्रंप प्रशासन के दोबारा सत्ता में आने पर यह नीतियां बदल सकती हैं।
फिलहाल Apple ने अपने ग्राहकों को टैरिफ की मार से बचाया है, लेकिन यह राहत कब तक चलेगी, कहना मुश्किल है। यदि टैरिफ में भारी बदलाव होता है या उत्पादन लागत और बढ़ती है, तो ग्राहकों को iPhone, iPad या MacBook खरीदने में ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं।