RBI बॉन्ड निवेश: इसे भारत सरकार के बचत बॉन्ड या फ्लोटिंग रेट सेविंग बॉन्ड के नाम से भी जाना जाता है। आप इसे सिंगल, जॉइंट या नाबालिग अकाउंट के माध्यम से खरीद सकते हैं।
भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए हर निवेशक को ऐसे विकल्प की तलाश होती है जो स्थिर और भरोसेमंद रिटर्न दे सके। मार्केट में जहां म्यूचुअल फंड और कई सरकारी योजनाएं मौजूद हैं, वहीं RBI द्वारा जारी बॉन्ड को खास तौर पर सुरक्षित और लाभदायक माना जाता है। इसका मुख्य कारण है उच्च ब्याज दर के साथ जोखिम की अनुपस्थिति।
भारतीय रिजर्व बैंक के ये बॉन्ड लॉन्ग टर्म निवेश के लिए एक प्रभावी साधन हैं, जो बैंक FD, पोस्ट ऑफिस स्कीम और PPF की तुलना में बेहतर रिटर्न देते हैं। चूंकि ये बॉन्ड सीधे रिजर्व बैंक की तरफ से जारी होते हैं, इसलिए इसमें निवेश की सुरक्षा पर कोई सवाल नहीं उठता। इसमें निवेशित राशि पर निश्चित ब्याज दर से लाभ मिलता है। 2003 में शुरू हुए इस निवेश विकल्प को भारत सरकार बचत बॉन्ड या फ्लोटिंग रेट सेविंग बॉन्ड के नाम से भी जाना जाता है।
RBI बॉन्ड क्यों है निवेशकों के लिए सबसे बेहतर विकल्प?
RBI बॉन्ड को निवेश के सबसे भरोसेमंद और लाभदायक विकल्पों में से एक माना जा रहा है। जहां बैंक FD और PPF जैसे निवेश विकल्पों पर सामान्यतः 7% से 7.25% तक की ब्याज दर मिलती है, वहीं RBI बॉन्ड में वर्तमान में 8.05% की आकर्षक ब्याज दर उपलब्ध है। इसके अलावा, इस बॉन्ड की ब्याज दर साल में दो बार समीक्षा की जाती है, जिससे यह बाजार के उतार-चढ़ाव से कम प्रभावित होता है। सरकार द्वारा जारी किए जाने के कारण इसे सबसे सुरक्षित निवेश माना जाता है।
हालांकि, RBI बॉन्ड में 7 साल का लॉक-इन पीरियड होता है। यदि इस अवधि से पहले बॉन्ड को भुनाया जाता है, तो निवेशक को पेनल्टी भरनी पड़ सकती है। उदाहरण के तौर पर, 7 साल के लिए 5 लाख रुपये निवेश करने पर 8.05% की ब्याज दर के तहत मैच्योरिटी पर यह राशि लगभग 8.6 लाख रुपये तक बढ़ जाएगी, यानी करीब 3 लाख रुपये का लाभ। ब्याज का भुगतान हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई को किया जाता है।
RBI बॉन्ड में निवेश न्यूनतम 1000 रुपये से शुरू किया जा सकता है और इसमें कोई अधिकतम सीमा नहीं है। साथ ही, निवेश पूरी तरह से ऑनलाइन भी किया जा सकता है, जिससे यह आज के डिजिटल जमाने के लिए भी बेहद सुविधाजनक विकल्प बन गया है।
जरूरी बातें जिन्हें RBI बॉन्ड निवेश के वक्त ध्यान में रखना चाहिए
RBI बॉन्ड में निवेश करते समय कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं का ध्यान रखना जरूरी है। सबसे पहले, इस बॉन्ड से होने वाली ब्याज आय पर टैक्स लागू होता है, जबकि PPF जैसी कुछ योजनाओं में ब्याज टैक्स फ्री होता है। इसके अलावा, RBI बॉन्ड का लॉक-इन पीरियड लंबा होता है, जिससे आप इसे केवल 1 या 2 साल के लिए निवेश नहीं कर सकते।
सीनियर सिटीजन के लिए कुछ विशेष छूट दी गई है — 60 से 70 वर्ष की उम्र वाले निवेशकों के लिए लॉक-इन पीरियड 6 साल, 70 से 80 वर्ष के लिए 5 साल, और 80 वर्ष से ऊपर के निवेशकों के लिए यह अवधि 4 साल हो जाती है।
इसके अलावा, RBI बॉन्ड में नॉमिनी सुविधा भी उपलब्ध है। यदि बॉन्डधारक की मृत्यु हो जाती है, तो जमा राशि और ब्याज नॉमिनी को सीधे ट्रांसफर कर दिया जाता है, जिससे निवेशकों और उनके परिवार के लिए यह एक सुरक्षित विकल्प बन जाता है।