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शाम के दीपक से खुलते हैं सुख-समृद्धि के द्वार, जानिए दीप जलाने के 5 शुभ नियम

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हिंदू धर्म में कई ऐसी परंपराएं और धार्मिक क्रियाएं हैं जो जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाने का मार्ग प्रशस्त करती हैं। इन्हीं परंपराओं में एक है – शाम के समय दीपक जलाना। यह एक छोटा सा कार्य जरूर लगता है, लेकिन इसके पीछे गहरी आध्यात्मिक मान्यता और ऊर्जा विज्ञान छिपा है। माना जाता है कि सूर्यास्त के समय जब चारों ओर अंधकार फैलने लगता है, तब घर के मुख्य द्वार पर जलाया गया दीपक न केवल प्रकाश देता है, बल्कि देवी लक्ष्मी को आमंत्रित करने का मार्ग भी खोलता है।

इस पवित्र कार्य को करने के लिए कुछ विशेष नियमों का पालन करना जरूरी होता है। अगर इन नियमों का पालन न किया जाए, तो इसका लाभ अधूरा रह सकता है। आइए जानते हैं शाम के समय दीपक जलाने के पांच महत्वपूर्ण नियम जिन्हें ध्यान में रखकर आप अपने जीवन में सुख, शांति और आर्थिक उन्नति प्राप्त कर सकते हैं।

दीपक जलाने का शुभ समय: प्रदोष काल का महत्व

शाम के समय दीपक जलाने की सबसे सही और शुभ घड़ी होती है प्रदोष काल। यह समय सूर्यास्त से करीब 30 मिनट पहले शुरू होता है और सूर्यास्त के लगभग 30 मिनट बाद तक चलता है। यानी जब दिन और रात आपस में मिल रहे होते हैं, वह समय प्रदोष काल कहलाता है। इस समय को धर्म और ज्योतिष में बेहद पवित्र और ऊर्जावान माना गया है। मान्यता है कि इस दौरान अगर पूजा-पाठ, दीप जलाना या ध्यान किया जाए, तो उसका फल कई गुना अधिक मिलता है।

अगर आप हर दिन इस समय पर अपने घर के मुख्य दरवाजे पर दीपक जलाते हैं, तो यह आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करता है। साथ ही, इससे नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और घर का वातावरण शांत, पवित्र और सुखद बना रहता है। इसलिए कोशिश करें कि रोजाना सूर्यास्त से ठीक पहले या सूर्यास्त के तुरंत बाद दीपक जलाएं। इससे देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और घर में समृद्धि बनी रहती है।

दीपक रखने की सही दिशा: सकारात्मक ऊर्जा के लिए दिशा का ध्यान जरूरी

शाम के समय दीपक जलाना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है उसे सही दिशा में रखना। ज्योतिष और वास्तु शास्त्र बताते हैं कि घर में किस दिशा में दीपक रखा जाए, इसका सीधा असर आपके जीवन की ऊर्जा और समृद्धि पर पड़ता है। अगर आप दीपक मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए जला रहे हैं, तो उसे उत्तर दिशा में रखें। उत्तर दिशा को धन और उन्नति की दिशा माना जाता है और इसी ओर रखने से मां लक्ष्मी का वास होता है। वहीं, अगर आप दीपक पितरों की शांति के लिए जला रहे हैं, तो उसे दक्षिण दिशा में रखें क्योंकि दक्षिण दिशा पितरों की दिशा मानी जाती है।

अगर आप सिर्फ रोजाना के दीप जलाने की परंपरा निभा रहे हैं और कोई विशेष उद्देश्य नहीं है, तो दीपक को घर के मुख्य दरवाजे के पास पूर्व या उत्तर दिशा में रखें। इससे घर में सकारात्मकता बनी रहती है और नकारात्मक शक्तियां अंदर नहीं आतीं। गलत दिशा में दीपक रखने से पूजा का प्रभाव कम हो सकता है और घर की शांति में बाधा आ सकती है। इसलिए जब भी आप दीपक जलाएं, उसकी दिशा का विशेष ध्यान रखें ताकि पूजा का संपूर्ण फल आपको मिल सके और घर में सुख-शांति बनी रहे।

साफ-सफाई का रखें विशेष ध्यान: लक्ष्मी आती हैं साफ जगह पर

जब आप शाम के समय दीपक जलाने की तैयारी करें, तो सबसे पहले घर की साफ-सफाई पर ध्यान दें। खासकर मुख्य दरवाजे के आसपास की जगह पूरी तरह साफ होनी चाहिए। वहां जूते-चप्पल बिखरे हुए नहीं होने चाहिए, क्योंकि यह अशुभ माना जाता है और देवी लक्ष्मी का आगमन नहीं होता। दीपक रखने की जगह को धोकर या पोछकर अच्छी तरह से साफ करें और चाहें तो वहां थोड़ी सी रंगोली या गुलाल भी छिड़क सकते हैं, जिससे वह जगह और भी शुभ हो जाए। 

ऐसा कहा जाता है कि जहां साफ-सफाई होती है, वहीं देवी लक्ष्मी का वास होता है। इसलिए अगर आप चाहते हैं कि आपके घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहे, तो दीपक जलाने से पहले स्वच्छता का विशेष ध्यान जरूर रखें। साफ वातावरण घर की ऊर्जा को सकारात्मक बनाता है और आपकी पूजा को भी फलदायी करता है।

हर दिन दीपक को करें साफ: शुद्धता में ही बसती है शक्ति

हर दिन दीपक जलाने से पहले उसे अच्छे से साफ करना बहुत जरूरी होता है। जैसे हम मंदिर की मूर्तियों को रोज स्नान कराते हैं, वैसे ही दीपक की भी सफाई करनी चाहिए। दीपक में अगर पुराना तेल या घी बचा हुआ हो, तो उसे फेंक दें और दीपक को साफ पानी से धोकर सुखा लें। कभी भी गंदा, जला हुआ या काला पड़ा दीपक न जलाएं, क्योंकि इससे नकारात्मकता फैल सकती है। 

अगर आपके पास नया दीपक नहीं है, तो कोई बात नहीं, लेकिन जो दीपक है वो स्वच्छ और शुद्ध होना चाहिए। साफ और पवित्र दीपक से निकली हुई लौ न केवल उजाला देती है, बल्कि वह आपके घर में शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा भी फैलाती है। इसलिए दीपक जलाने से पहले उसकी सफाई को रोज़ाना की आदत बना लें, तभी पूजा का पूरा लाभ मिलेगा।

दरवाजा न करें बंद: लक्ष्मी को आने दें अंदर

जब आप शाम के समय दीपक जलाएं, तो इस बात का जरूर ध्यान रखें कि मुख्य दरवाजा बंद न करें। ऐसा माना जाता है कि दीपक की रोशनी से देवी लक्ष्मी घर में प्रवेश करती हैं, और अगर दरवाजा बंद होगा, तो वह बाहर ही रह जाएंगी। अक्सर लोग दीपक जलाकर तुरंत दरवाजा बंद कर देते हैं, जो कि एक बड़ी भूल मानी जाती है। दरवाजा बंद करने से सकारात्मक ऊर्जा अंदर नहीं आ पाती और घर में अंधकार व शांति की कमी महसूस हो सकती है। 

अगर सुरक्षा कारणों से दरवाजा बंद करना जरूरी हो, तो कम से कम दीपक जलाने के कुछ मिनट बाद तक दरवाजा खुला रखें। यह समय देवी लक्ष्मी को आमंत्रित करने के लिए पर्याप्त होता है। साथ ही, मन में श्रद्धा और विश्वास रखें, क्योंकि खुले द्वार और खुले मन से ही सच्ची कृपा प्राप्त होती है।

दीपक जलाना सिर्फ एक धार्मिक क्रिया नहीं, बल्कि यह एक ऊर्जा विज्ञान भी है। जब आप प्रेम, श्रद्धा और नियमों का पालन करते हुए दीपक जलाते हैं, तो यह कार्य घर के हर कोने में सकारात्मक ऊर्जा पहुंचाता है। यह छोटी सी लौ जीवन के अंधकार को मिटाकर, सुख, शांति और समृद्धि का दीप जलाती है।हर शाम इस साधारण लेकिन शक्तिशाली परंपरा को अपनाकर आप नकारात्मकता को दूर कर सकते हैं और देवी लक्ष्मी की कृपा को घर में आमंत्रित कर सकते हैं। 

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